जिम्मेदारियाँ – गुरविंदर टूटेजा

सिविल लाईन एक कॉलोनी पास-पास रहने वाले दो परिवार पर जिम्मेदारियों के रूप अलग रूप है…

 …..1…निधी भैया-भाभी छुट्टीयों के लिए पाँच दिन बाद आ रहे हैं..!!

  अच्छा कितने दिन के लिए..??

पन्द्रह दिन के लिए हर बार तो आतें है तुम्हें पता तो है फिर क्यों पूछ रही हो..??

  मैं इसलिए पूछ रही हूँ कि पापा-मम्मी   का ध्यान रखना होता है तो हम उन्हें छोड़कर कही जा नही पातें है तो जब वो आयेंगे तो वो यहाँ रहेंगे एक हफ्ते के लिए हम घूम आयेंगे..संजय आप भैया से बात तो कीजिए…!!

  चलो ठीक है मैं बात करके देखता हूँ…संजय ने भैया से बात की तो उन्होंने कहा अच्छा है तुम लोग जा भी नहीं पाते हो करा लो तुम्हारी टिकिट..ओ के बॉय…!!!!

 आज सब आ गये पापा-मम्मी भी बहुत खुश थे बच्चों से मिलकर घर में रौनक आ गई थी सब बहुत खुश थे..!!!!

  रात को बच्चों के सोने के बाद सब बड़े बैठे बातें कर थे तो भैया ने संजय से पूछा कब जा रहे हो तुम…??

  संजय बोलता इससे पहले भाभी ने पूछा..कहाँ जा रहें है..??




भैया ने बताया कि ये एक हफ्ते के लिए घूमने मुम्बई व लोनावला जा रहे हैं…!! 

 हम आये और ये जा रहे है भाभी ने विरोध के स्वर में बोला..!!

  भैया बोले कि पापा-मम्मी को छोड़कर जा नहीं सकते अभी हम उनका ध्यान रख लेगे तो ये हो आयेंगे..!!

भाभी ने कहा कि पापा-मम्मी के पूरे खर्च की जिम्मेदारी हम उठा रहे हैं..!!

 पैसों से माँ-बाप की जिम्मेदारी पूरी नहीं होती है…बिना बात बहस कर रही हो…भैया बोले..!!

  निधी बोली…भाभी सिर्फ पैसा देने से  नहीं हर तरह से पापा-मम्मी का ध्यान रखना हम सबकी जिम्मेदारी है वैसे हमें कोई परेशानी नहीं है फिर भी आपको लगता है हमें अभी नहीं जाना चाहिए तो हम नहीं जाते ऐसे करते है आप जब जायेंगे तो थोड़े दिन के लिए पापा-मम्मी को भी ले जाईये…!!!!

   भाभी बोली…अरे निधी तुम आराम से होकर आओ ना हम है ना यहाँ पापा-मम्मी को क्या परेशान करना इस उम्र में वैसे भी वो यही रहें है ना तो उन्हें यही अच्छा लगता है..!!!!

   निधी बोली…ये तो बिल्कुल सही कहा आपने…चलिए तो फिर सोतें है…गुड नाईट…!!!!!

…2…अरे दीदी आप आईये ना नमिता ने सुहानी के गले लगते हुए कहा नमस्ते जीजाजी..!!

कैसी हो नमिता..बोलते हुए मम्मी के कमरे में आ गए…!!

नमिता ने रौनक को बोला वो भी वही आ गया सब वही बैठकर बातें करने लगे..!!

नमिता चाय-नाश्ता लेने गई तो सुहानी भी वही आ गई…दोनो साथ ही सब लेकर आ गई बातों के साथ सभी चाय पीने बैठ गये तो नमिता ने बताया कि उसकी भाभी की सर्जरी हुई है और डॉ० ने दो महीने को बेड रेस्ट बोला है..!!!!




  भैया का फोन आया था कि सब मिलकर थोड़ा-थोड़ा समय निकाल दो क्यूँकि मम्मी का ध्यान रखना भी जरूरी है तो अभी दीदी गये है फिर मुझे बोल रहा था पर यहाँ भी रौनक व बच्चे तो मैनेज कर लेगें मम्मी जी को नहीं छोड़ सकते ना क्या करूँ समझ नहीं आ रहा है…??

  सुहानी व जीजाजी साथ में बोले इसमें सोचना क्या है हम लोकल ही रहते है मम्मी को हम हमारे घर ले जायेंगे…!!

पर दीदी आपको परेशानी होगी ना…!!

अरे नमिता कैसी परेशानी जिम्मेदारियाँ  मिलकर ही पूरी की जाती है मैं यहाँ मम्मी को व इधर भी आती रहूँगी और तुम सब मिलकर वहाँ पर संभाल लेना कुछ दिन की ही तो बात कैसे निकल जायेंगे पता ही नहीं चलेगा…!!!!

नमिता सच दीदी कितनी अच्छी बात कही आपने….जिम्मेदारियाँ मिलकर पूरी की जाती हैं…!!!!

#जिम्मेदारी

अप्रकाशित 

मौलिक व स्वरचित©®

गुरविंदर टूटेजा

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