स्कूल से आकर सुधा अभी पर्स से घर की चाबी ही निकाल रही थी कि तभी उसकी पड़ोसन आई और आकर मिठाई का डब्बा पकड़ाते हुए सुधा से कहा लो मिठाई खाओ। आज मेरे भाई की सगाई हुई है। सुधा ने आश्चर्य से पूछा तुम्हारे भाई की सगाई हुई है,कौन है जो तुम्हारे भाई को अपनी बेटी दें रहा है? पड़ोसन ने सुधा की बातो पर ध्यान नहीं देते हुए,अपनी बात जारी रखी। तुम तो जानती ही हो, मेरी भाभी के लगाए इल्जाम से हमारे खानदान की कितनी बेइज्जती हुई थी।
वहाँ पर हमने कितनी ही कोशिस की पर लड़की वालो को केस के बारे मे पता चल जाता और शादी तय नहीं हो पाती थी। अब तुम ही सोचो मेरी भाभी बिगड़ी लड़की थी तो इसमें हमारी क्या गलती थी। हमने तो कुछ किया ही नहीं था, उसने तो हमें झूठ – मुठ का फँसा दिया और तुम तो जानती ही हो आजकल का क़ानून, वह तो बस लड़कियो की ही सुनता है, बस मेरे भाई को जेल हो गईं। मेरे भाई की तो कोई गलती थी ही नहीं, बेचारा मुफ्त मे फँस गया। सुधा ने मन – ही – मन सोचा – माना कि कुछ लड़कियां क़ानून का गलत दुरूपयोग कर रही है, पर यहाँ तो मुझे अच्छे से मालूम है कि इसका भाई कैसा है।
इसका भाई जब केस मे फँसा था तो पुलिस से बचने के लिए यही तो रहता था। बहन के घर मे रहने का भी लिहाज नहीं करता था। दिनभर शराब पीकर पड़ा रहता था और मेरी पड़ोसन दिनरात अपनी भाभी को कोसती रहती थी। अपने माँ – बाप और भाई की गलतियों को नहीं देखती थी। इसके भाई का रोज़ का काम था शराब पीकर पत्नी को मारना और फिर उसके माँ- बाप का इसके लिए अपनी बहू को ही सुनाना कि कैसी औरत है जो अपने पति को संभाल नहीं सकती।
मर्द के मुँह लगेगी तो मार तो खाएंगी ही। यह सब आखिर कोई लड़की कब तक सहती तंग आकर उसने अपने पति के विरुद्ध थाना मे शिकायत दर्ज करा दी। पड़ोसन के भाई को छह माह का जेल हुआ। किसी तरह से समझौता कराकर तलाक की शर्त पर इसने अपने भाई को जेल से छुड़ाया। सुधा ने वर्तमान मे लौटते हुए पड़ोसन से पूछा तो शादी पक्की कैसे हुई? पड़ोसन ने बताया, लड़की की भाभी मेरी सहेली है। लड़की के पिता नहीं है, एक विधवा माँ है।
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लड़की का एक बड़ा भाई है जो अपनी पसंद की लड़की से शादी करके घर छोड़ कर चला गया है। अब सारा खर्च मेरी सहेली के पति पर ही है। अब तुम ही बताओ भला कोई दूसरे पर कितना खर्च करेगा। अपना भी परिवार है, पत्नी है, दो दो बच्चे है उनके भी खर्चे है। विधवा माँ को भी जब तक जिन्दा रहेगी तब तक खिलाना – पिलाना है। फिर बहन के लिए दहेज कहा से लाए। बस मेरे कहते ही उन्होंने शादी के लिए हाँ कर दी। शाम के समय घर आना तुम्हे लड़की की तस्वीर दिखाउंगी।
लड़की बहुत ही सुंदर है। सुधा के यह कहने पर की तस्वीर वाट्सअप पर भेज देना। पड़ोसन ये यह कहते हुए मना कर दिया की जब तक शादी नहीं हो जाती हम लड़की की तस्वीर सोशल प्लेटफार्म पर नहीं डालेंगे। सुधा ने सोचा पता नहीं कौन अभागन है जिसकी शादी इसके भाई के साथ होनी है. पहली पत्नी के घरवाले गलती से शादी कर के फँस गए थे,पर उन्होंने अपनी गलती सुधारते हुए अपनी बेटी को इससे मुक्ति दिलाई दी। इस लड़की के घर वाले तो सब कुछ जानते हुए भी शादी कर रहे है।
पता नहीं इस लड़की की जिंदगी कैसे कटेगी? सुधा के मन मे लड़की के प्रति सहानुभूति हो रही थी।सुधा को तस्वीर देखने का मन भी था साथ ही पड़ोसन ने बुलाया भी था तो वह शाम के वक़्त पड़ोस मे गईं। वहाँ पड़ोसन ने चाय नास्ते के बाद तस्वीर दिखाई। तस्वीर को देखते ही सुधा को झटका सा लगा। उसने पड़ोसन को और पानी लाने के बहाने रसोई घर मे भेजा और तुरंत अपना मोबाईल निकाल कर उस तस्वीर की तस्वीर अपने मोबाईल से खींच ली। पड़ोसन के आने पर उसने कहा लड़की तो सुन्दर है।
भगवान करे यह तुम्हारे भाई की जिंदगी सँवार दें। पड़ोसन ने भी कहा तुम्हारी बात सच हो। मेरे भाई का घर बस जाए तो मै भी निश्चिन्त हो जाऊ। सुधा को बात करने मे बिल्कुल मन नहीं लग रहा था वह काम का बहाना कर अपने घर लौट आई, लेकिन घर मे भी किसी काम मे उसका मन नहीं लग रहा था। रात आठ बजे सुधा का पति ऑफिस से घर आया. उसके आते ही उसने अपने पति को तस्वीर दिखाते हुए कहा – देखो तो यह हमारी विभा की तस्वीर नहीं लग रही है। हाँ, यह विभा की तस्वीर ही है, तुम्हे कहा से मिला उसका पति उसके बातो का समर्थन करते हुए बोला।
सुधा ने सारी बात अपने पति को बताते हुए कहा कि लड़की वाले कहाँ के है यह पूछने पर पड़ोसन ने नहीं बताया।सुधा की बातो को सुनकर उसका पति अपना सर पकड़ कर कुर्सी पर बैठ गया। सुधा ने कहा अभी हताश निराश होने का समय नहीं है। हमें कुछ करना होगा नहीं तो सुधा की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। मै क्या करू कुछ समझ नहीं आ रहा उसके पति ने कहा। क्या कर सकता हूँ? तुम उसके बड़े भाई हो तुम नहीं करोगे तो कौन करेगा? कल सुबह ही बच्चो को मेरे माँ पापा के पास छोड़कर हम घर जायेंगे और देवर जी से पूछेंगे कि वे विभा के साथ ऐसा कैसे कर सकते है।
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घर मे पैसे की इतनी कमी कैसे हो गईं जो घर की बेटी की शादी ऐसे लडके से करनी पड़ रही है सुधा ने गुस्साते हुए कहा। माँ घर मे घुसने देंगी?कही तुम्हारा अपमान नहीं कर दें,उसके पति ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा। हमने अपनी मर्जी एकदूसरे से शादी की थी तो माँ पापा ने मुझे बहू के रूप मे स्वीकार नहीं किया और हमसे रिश्ता तोड़ने की बात कहकर हमें अलग रहने के लिए कह दिया।हमने भी घर की शांति के लिए और माँ पापा की बातो का सम्मान करने के लिए अलग रहना स्वीकार किया था।अलग रहने से तुम्हारा उस घर से रिश्ता नहीं खत्म हो गया।
विभा आज भी तुम्हारी बहन है उसके प्रति तम्हारी कुछ जिम्मेदारी है। चलो अभी उसे निभाने का वक़्त आ गया है। हम विभा की शादी उस लडके से नहीं होने दें सकते है। माँ को परेशानी होंगी तो मै घर के अंदर नहीं जाउंगी, तुम जाकर माँ को सब बताकर शादी तोड़ने को कह देना। सुधा ने बच्चो को खिला पिलाकर और यह कहकर कि तुमदोनों को कल नानी के पास पहुंचा देंगे। मुझे और तुम्हारे पापा को कल एक जगह जाना है। बच्चे नानी के पास जाने के नाम से खुश हो गए और जाकर सो गए। सुधा और उसके पति सारी रात बेचैन रहे।
सुबह होते ही बच्चो को नानी के पास छोड़कर तुरंत घर के लिए निकल गए। पांच घंटा का रास्ता उन्हे काटे से नहीं कट रहा था। दोपहर तीन बजे के करीब घर पहुँचे। दरवाजा छोटे भाई की पत्नी ने खोला और पूछा किससे मिलना है। सुधा के पति ने अपने भाई का नाम लिया तो उसने कहा वे घर मे नहीं है। तब सुधा ने कहा माँ और विभा कहा है? बाहर आवाज सुनकर उनकी माँ बाहर यह पूछते हुए आई कि बहू कौन आया है? अपने बेटे बहू को देखते ही रोने लगी और कहा अंदर आओ। सुधा अंदर नहीं जा रही थी तो उन्होंने कहा तुम क्यों रुकी हो तूम भी आओ।
उन्होंने बेटा से कहा तुमने एकबार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा की माँ-बाप, भाई बहन सब कैसे है? सुधा ने फिर सारी बात बताकर पूछा देवर जी ऐसा क्यों कर रहे है? तब तक देवरानी भी समझ चुकि थी कि ये कौन है। उसने तुरंत जबाब दिया पैसे पेड़ मे नहीं उगते। आपलोगो का क्या है आपको तो घर से कोई मतलब नहीं है. हम दहेज कहाँ से लाएंगे? इसलिए यह शादी कर रहे है। सुधा के पति ने कहा माँ यह क्या बोल रही है पापा का इतना बड़ा दुकान क्या हुआ और पापा की मृत्यु कैसे हो गईं।
माँ ने कहा सब है बेटा बस नियत सही नहीं है। तुम्हारे पापा का एकदिन दुकान पर किसी से कुछ कहा सुनी हो गईं और हार्ट अटैक आ गया हम अस्पताल भी नहीं ले जा पाए. दुकान मे ही उनकी मृत्यु हो गईं। पापा के मरते ही तुम्हारे भाई ने वसीयत बनाकर सारी सम्पति अपने नाम लिखवा लिया और उसपर पापा का अंगूठा लगवा लिया। अब बहन की शादी मे भी पैसा खर्च नहीं करना चाहता इसलिए दूजाहु लड़का से बहन का विवाह कर रहा है। सुधा और उसके पति ने कहा विभा कहा है उसे बुलाओ और तुमदोनो हमारे साथ चलो। हमारे रहते सुधा की शादी ऐसे लडके के साथ नहीं हो सकती है।
छोटी बहू ने कहा जाइये जाइये कुछ दिन बड़े बेटा बहू के साथ भी रहकर देख लीजिए। माँ ने विभा को बुलाया. विभा ने रो रोकर अपना हालत खराब कर लिया था। भाई को देखते ही वह उससे लिपट कर रोने लगी। सारी बात जानने के बाद उसने सुधा से कहा भाभी आज आप नहीं होती तो मै तो अपनी जान ही दें देती। अपनी बेटी को रोते देखकर उसकी सास ने भी कहा बहू मै तुम्हे कैसे धन्यवाद दूँ. समझ नहीं आ रहा। सुधा ने कहा आपने मुझे बहू और विभा ने मुझे भाभी कहकर पूकारा इससे बढ़कर मेरे लिए और क्या बात हो सकती है।
जिस दिन हमदोनो ने कोर्ट मे शादी किया उस दिन ही मै पत्नी तो बन गईं पर आज जब आपने मुझे अपनाया तब जाकर मै आज बहू और भाभी भी बन गईं। चलिए अब जल्दी से चलते है आपको आपके पोता पोती से भी तो मिलवाना है
वाक्य -# पत्नी तो कब की बन गईं थी पर बहू और भाभी आज बनी है
लतिका पल्लवी