भाभी माँ – कंचन शुक्ला
वे मुझे इतनी पसन्द हैं कि मेरा मन होता है सदैव उनके आसपास रहूँ। उनसे दो पल की भी जुदाई मेरे मन को विचलित कर जाती है। भीनी भीनी सी उनके व्यक्तित्व की महक। कोयलों सी बोली, कानों में घुलकर, सब तनाव दूर कर देती है। भैया दो दिन के लिए टूर पर गए हैं। … Read more