अपने बच्चे भी स्वार्थी हो सकते हैं – के कामेश्वरी
शैलजा कार के हार्न की आवाज़ को सुनते ही रसोई में चाय बनाने चली गई थी । यह रोज का ही सिलसिला था कि शाम होते ही बेटा बहू के ऑफिस से आने से पहले ही वह चाय के लिए पानी चढ़ा देती थी और उनके फ्रेश हो कर आते ही चाय बना देती थी … Read more