अंजान बेटा – माता प्रसाद दुबे

सुबह के आठ बज रहे थे,प्रसिद्ध तीर्थ स्थान हरिद्वार के रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचते ही यात्रियों की भीड़ स्टेशन से बाहर निकलने लगी। प्रकाश अपनी ऑटो रिक्शा स्टार्ट करके सवारी के आने का इंतजार कर रहा था। सामने एक बुजुर्ग महिला के साथ कुली उसका सामान लेकर आ रहा था। “आइए माता जी!कहा … Read more

दहेज लोभी – पिंकी सिंघल

अपने बेटे विराट के लिए सुंदर सुशील संस्कारी बहू ढूंढने के लिए चौधरी परिवार जी जान से जुटा हुआ था। पिछले 1 साल में लगभग एक दर्जन लड़कियां देखने और रिजेक्ट करने के बाद एकता ,जो कि पेशे से एक मेकअप आर्टिस्ट थी,से विराट का रिश्ता तय हो गया । विराट एमबीबीएस पूरी कर चुका … Read more

कांधा – कंचन श्रीवास्तव

+++++++ उम्रदराज विदूर पति के लिए पत्नी के बिना जीना क्या वास्तव में आसान होता है भाई? ‘अभी कुछ ही घंटे खत्म हुई पत्नी की शव के पास बैठे राम ने पहले से विदुर अपने करीब बैठे सहकर्मी जो साथ के मुलाजिम है’ से पूछा , तो उन्होंने फफकते हुए मानों कुछ साल ही पहले … Read more

मिठास – रश्मि स्थापक

संजना खामोश बैठी है। बाहर वाले इस बड़े कमरे में बिछी तखत पर सासू माँ का एकाधिकार होता था।उनकी सारी गतिविधियों का केंद्र था यह।और आज पहली संक्रांति उनके बिना।कल ही शहर से आई यहाँ पहला त्योहार होने से आना तो था ही।वह यही सोच रही थी कि अम्माँ तिल के कितने लड्डू बनातीं थीं … Read more

असमंजस – कमलेश राणा

वीणा शुरू से ही बहुत नाजुक सी थी उसकी माँ कभी भी भारी भरकम काम उससे नहीं करवाती थी।शादी होकर ससुराल आई तो वहाँ भी जो भी मिलने आता यही कहता… कितनी प्यारी बहू लाये है आप… पतली पतली नाज़ुक सी। समय के साथ वह तीन बच्चों की माँ बन गई फिर भी उसकी कमनीयता … Read more

बात है साधारण सी, पर है गहरी – रोनिता कुंडू

सुनिए जी..! हम रोज़ इस पार्क में टहलने आते हैं और हमारे जाने तक, वह लड़का भी वहीं बैठा रहता है… वह इतनी देर ना तो अपने फोन को देखता है और ना ही किसी से बातें करता है… आज की पीढ़ी, वह भी इतनी गंभीर..? कितना अजीब है ना..? विमला जी ने अपने पति … Read more

सहारा – कान्ता नागी

सुमित एक नौजवान था,कुछ दिन पहले तक घर में खुशियां ही खुशियां थीं।घर में प्यार करने वाले माता पिता और प्यारी सी बहना सुमी जिसकी शरारतों से घर मे चहल पहल थी हंसी खुशी से जीवन की गाड़ी चल ही रही थी। सुमित अंग्रेजी में पी एच डी कर रहा था माता पिता का एक … Read more

क्या सबसे बड़ा रुपैया – मधु शुक्ला

डाकिया ने जब वंदना को डाक के रूप में नियुक्ति पेपर सौंपे तो वंदना की आँखों में आँसू आ गए। कितना संघर्ष किया था उसने यहाँ तक पहुँचने के लिए। यह उसका दिल ही जानता था। पढ़ाई को लेकर ताई की छींटाकशी “जितना पैसा पढ़ाई पर खर्च होता है। उतने में तो शादी हो जाती … Read more

मैं नहीं चाहती कि मैं नेनी बन कर पूरी जिंदगी बिता लूं… – भाविनी केतन उपाध्याय 

”  भाभी, आज तो आप बहुत देर से उठी… चाय नाश्ता भी बच्चों ने आप के हाथों में लाकर दे दिया । मैं तो इंतजार कर रही थी कि आप आकर अपने बच्चों के साथ साथ मेरे बेटे का टिफिन भी बना लेंगे रोज की तरह…!! आप नहीं आई तो फिर मैंने उसे परांठा और … Read more

“तू मेरा सहारा और मैं तेरा” – ऋतु अग्रवाल

     “सुभीत! आप समझ नहीं रहे। नौकरी करने का उद्देश्य एकमात्र पैसे कमाना नहीं होता। हम काम इसलिए भी तो करते हैं ताकि आत्मनिर्भर बन सकें, कुछ नया सीख सकें, स्वयं को व्यस्त रख व्यर्थ की बातों और उधेड़बुन से दूर रह सकें।” मालिनी अपना पक्ष रख रही थी।        “मालिनी! मैं तुम्हारी बातों से सहमत हूँ … Read more

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