“ स्वार्थी रिश्ता” – प्रीति उपाध्याय “प्रीत” : Moral Stories in Hindi

ये कहानी सत्य घटना से प्रेरित है, कुहू अपने मम्मी पापा से बोहत प्यार करती थी। घर में उसके दादा जी और छोटा भाई किशु था,

 बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी और सब बड़ों का बहुत ही आदर करती, उसकी मम्मी उसे खुद ही पढ़ती थी ताकि वह अच्छे नंबरों से पास हो उसे कभी बाहर ट्यूशन पढ़ने नहीं भेजा क्योंकि वह बाहर की दुनिया से बहुत डरती थी कहीं लड़की के कदम बक न जाए और कुहू भी एक अच्छी लड़की की तरह अपनी मां की सारी बातें मानती थी।

भविष्य के गर्त में क्या छुपा है किसी को पता नहीं रहता है, कुहू की मम्मी को भी जरा सा भी अनुमान नहीं था भविष्य में उनके साथ उनकी अपनी ही औलाद इतना बड़ा छल करेगी।

 कुहू के दादाजी की तबीयत अचानक ही खराब हो गई वह बहुत ही ज्यादा अस्वस्थ हो गए तो उन्होंने कुहू के मम्मी पापा से कहा मैं मरने से पहले अपनी कुहू की शादी देखना चाहता हूं क्योंकि वह कुहू को बहुत ही ज्यादा प्यार करते थे अपने पोते से ज्यादा पोती को चाहते थे।

 कुहू के अभी उम्र भी ज्यादा नहीं हुई थी वह महज 18 साल की थी फिर भी उसके मम्मी पापा ने रिश्ते ढूंढना शुरू कर दिया, उन्होंने बहुत कोशिश की की अपने शहर में ही रिश्ता मिल जाए पर जो हम सोचते हैं वैसा होता कहां है।

 बहुत ही जल्दी कुहू के लिए एक रिश्ता मिल गया इकलौता लड़का था अपने घर में बहन की शादी हो चुकी थी, पिताजी का कुछ दिन पहले ही स्वर्गवास हो चुका था घर में मां बस थी। दोनों परिवारों की आपसी सहमति से रिश्ता तय हो गया और बहुत ही जल्द शादी की तैयारी शुरू हो गई। पता नहीं कुहू के स्वभाव में बदलाव आ रहा था उसकी मां चिंता में हो गई कि यह ऐसा क्यों कर रही है फिर सोचा शायद शादी की वजह से ऐसा कर रही है।

 खैर हंसी खुशी सारी रस्मों के बीच कुहू की शादी हो गई और वह विदा होकर अपने ससुराल चली गई, आप तो यह कुहू की मां ने मान लिया था यह मेरा बहन नहीं है शादी के बाद तो कुहू बिल्कुल ही बदल गई उसका व्यवहार अपनी मां के प्रति भी बदल गया था ढंग से बात भी नहीं करती थी। उसकी मां फिर भी अनदेखा करती रही जाने दो वक्त के साथ सब ठीक हो जाएगा इसी बीच शादी के कुछ महीनो बाद ही कुमकुम की सास चल बसी क्योंकि वह पहले से ही बीमार चल रही थी और शायद अपने बहू को देखने की आस में ही जिंदा रही।

 कुहू की सास के स्वर्गवास के बाद कुहू की नंद अपने परिवार सहित अपने मां के तेरहवीं के कार्यक्रम में आई थी, पर सब कार्यक्रम संपन्न होने के बाद भी वह अपने ससुराल वापस नहीं गई और ना कुहू के पति ने कुछ कहा कि दीदी तुम कब तक रहोगी वह स्वभाव से थोड़ी संकोची था का भी नहीं पाया इस कारण कूहू और उसके पति में मनमुटाव बढ़ने लगा।

 इसी बीच कुहू में सबको खुशखबरी दी कि वह मां बनने वाली है सब खुश हो गए घर में एक नन्हा मेहमान आने वाला है, क्योंकि कुहू की नंद की छोटी-छोटी तीन बेटियां थी और घर में कोई बड़ा बुजुर्ग नहीं था जो कूहू और उसके आने वाले बच्चों की देखभाल कर सकता इसीलिए उन लोगों ने कुहू की देखभाल अच्छे से हो जाए यह सोचकर उसे उसकी मां के पास भेज दिया, नियत समय पर उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई सब एक दूसरे को बधाई देखकर मिठाई खिला रहे थे

 पर होनी को कुछ और ही मंजूर था, बच्चा थोड़ी कमजोर पैदा हुआ था 2 दिन बाद ही वह चल बसा, कुहू अपनी मां के ऊपर बहुत गुस्सा हुई उन्हें बहुत भला बुरा कहा कि सब आपकी वजह से हुआ है मेरा बच्चा आपकी वजह से चला गया, कुहू की मम्मी रोने लगी इतना सब करने के बाद भी यह सिला मिला।

 कुहू की ससुराल में भी खबर की गई बच्चे के जाने की उन लोगों ने इसका सारा दोषारोपण कुहू के ऊपर डाल दिया कि तुमनेध्यान नहीं रखा अच्छे से जबकि गलती किसी की नहीं थी यह सब तो ऊपर वाले के हाथ में है कि कौन आएगा और कौन जाएगा पर हम मुर्ख इंसान यह चीज से परे हैं समझना ही नहीं चाहते इस चीज को।

 यहीं से शुरू हुआ कुहू की मम्मी के लिए मानसिक यातनाओं का दौर, वह अपनी बच्ची का दर्द अच्छी तरह समझ रही थी और उसे बांटना भी चाहती थी पर कुहू की बत्तमीजी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी।

 धीरे-धीरे सबका जीवन पटरी पर आने लगा एक दिन कुहू को उसकी मम्मी ने बहुत प्यार से समझाया कि बेटा आगे बढ़ो पढ़ाई शुरू करो अपनी फिर से और अपने पैरों पर खड़ी हो जाओ क्योंकि कुहू को अपने मायके में रहते हुए एक साल हो गया था और इस दौरान एक बार भी उसकी ससुराल वालों ने या उसके पति ने किसी ने भी उसकी खोज खबर नहीं ली कि वह कैसी है।

 कुहू को कंप्यूटर कोर्स में ऐडमिशन दिलवा के वही हॉस्टल में उसका दाखिला करवा दिया उसके रहने की अच्छे से व्यवस्था करवा कर उसकी मम्मी वापस आ गई, अचानक ही एक दिन कुहू ने रोते हुए फोन किया मम्मी आपके दामाद की तबीयत बहुत खराब है वह आईसीयू में भर्ती है मुझे एक बार उनको दिखा दो फिर मैं आपसे कुछ नहीं मांगूंगी, उसके मम्मी पापा ने तुरंत उसका साथ दिया और उसके ससुराल जाने के लिए निकल पड़े।

 और वहां पहुंचे तो दामाद ने किसी से भी अच्छे से बात नहीं कि यहां तक की कुहू से भी नहीं तब उसकी मम्मी की वहां पर उपस्थित लोगों के साथ बहस भी हो गई तनाव ज्यादा ना बढ़ जाए इसीलिए कुहू के पापा उन सबको वापस घर ले आए। यहां आकर घर के बड़ों की राय लेकर उसके मम्मी पापा ने पारिवारिक न्यायालय में उन लोगों के खिलाफ केस कर दिया।

 कैसे करने के दौरान कुहू की ससुराल वाले सकते मैं आ गए उन सब को ऐसा होने की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी तब उन लोगों ने आगे से पहल करके उनको वापस ले जाने की विनती करी कोई मां-बाप नहीं चाहते बेटी का घर बिगड़े इसीलिए उन्होंने पीहू को वापस भेज दिया।

 कुछ महीनो बाद ही कुहू के पति की तबीयत फिर खराब हो गई और उसने रोते हुए अपनी मम्मी को फोन किया की मम्मी आप आ जाओ तब उसके मम्मी और पापा उसके भाई को लेकर तुरंत इसकी ससुराल की ओर चल पड़े वहां रहकर उन्होंने बहुत साथ दिया होगा दामाद काफी हद तक अच्छे हो चुके थे तो वह लोग अपने घर आ गए।

 वह दोबारा ससुराल जाकर भी उन लोगों के साथ सामाजस्य नहीं बैठा पाई, हमेशा आपकी मम्मी को कहती कि आपके दामाद मेरे ऊपर ध्यान नहीं देते हैं वह पराई लड़कियों की और आकर्षित रहते हैं ज्यादातर उसकी मम्मी ने समझाया भी तुम थोड़ी धीरज रखो सब कुछ ठीक हो जाएगा।

 कुहू ने अचानक की एक दिन रोते हुए फोन करके कहा मम्मी मैं हमेशा के लिए वापस आना चाहती हूं नहीं तो मैं यहां रही तो मर जाऊंगी उसकी मम्मी घबरा गई उन्होंने कहा ठीक है तुमसे बढ़कर हमारे लिए कुछ नहीं है वापस आ जाओ, उसके वापस आने के बाद उसकी मम्मी ने उसे अपने आंचल में छुपा लिया ताकि वह अपना हर दुख दर्द भूल जाए।

 कुहू का भाई दूसरे शहर में रहकर पढ़ाई कर रहा था तो कुहू ने इस शहर में अपने लिए एक नौकरी ढूंढ ली और वहां चली गई यह कहकर की भाई के लिए भी देखभाल कर लूंगी मैं उसकी मम्मी ने उसका विश्वास करके उसे भेज दिया, महज 2 महीना बाद ही अचानक कुहू का एक मैसेज आया कुछ फोटोस के साथ कि मैं दूसरी शादी कर ली है अब मुझे ढूंढने की या मुझसे संपर्क करने की कोशिश मत करना, उसकी मम्मी को तो कुछ समझ में ही नहीं आया कि यह क्या हो रहा है।

 उन्होंने बहुत कोशिश की कुहू को ढूंढने की समझ में ही नहीं आया उनका की उनसे कहां गलती हुई अपनी ही औलाद को समझने में की खुद की औलाद ने हीं उन्हें धोखे में रखकर इतनी बड़ी साजिश की, पुलिस की मदद से कुहू का पता तो चल गया और फोन पर उनकी बात भी हुई उसने साफ मना कर दिया मैं अपने पति के साथ खुश हूं और मैं घर वापस नहीं आऊंगी अब कभी घर में सबको पता चलने पर सब बहुत नाराज हुए।

 सबने मिलकर  फैसला किया कि हमेशा के लिए कुहू को त्याग दिया जाए, अब उसका हमारी जिंदगी से कोई सरोकार नहीं रहेगा, इसके बाद भी कभी-कभी कुहू की मम्मी उससे फोन पर बात कर लेती थी एक मां का दिल नहीं माना पर यहां भी कुहू ने अपनी मम्मी के साथ फिर धोखा किया।

 उसने कई बार अपनी कुछ बातें मम्मी से कहीं तो उसकी मम्मी ने साफ मना कर दिया तुमने अपने मन से शादी की थी तब तुम ही जानो हम लोग कुछ नहीं कर सकते इस बात का कुहू ने इतना बुरा माना कि अपनी मम्मी को ही बहुत बुरा भला फिर कहा इतना बुरा कहा की कुहु की मम्मी लगा कई मौते मरी,

 आप लोग ही बताइए कुहू की मम्मी की कहां गलती थी एक मां का फर्ज उन्होंने पूरी तरह पूरा किया अच्छी परवरिश दी कुहू को अच्छे संस्कार दिए उसके बाद भी पता नहीं कुहू में कहां से इतना बदलाव आया कि उसने अपनी मां को ही धोखे में रखा सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए।

 

आप सब की समीक्षाओं के इंतजार 🙏

 

आपकी सखी

 

प्रीति उपाध्याय “प्रीत”

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