सासु मां के ताने – मंजू तिवारी

बहू-मम्मी आज तो बड़ी ठंड है देखो मेरे हाथ कितने ठंडे हो गए। 

 सास-ठंड है तो इसमें क्या कर सकते हैं हाथों को क्या देखना। बेटी-मम्मी आज तो बड़ी ठंड है देखो मेरे हाथ कितने ठंडे हो गए।                 

मां-तेरे हाथ तो बहुत ठंडे है अच्छे से कपड़े पहन लो नहीं तो बीमार पड़ जाओगी बहुत ठंड हो रही है।                                                                सासू मां -सारे काम तो काम वाली कर जाती है झाड़ू पोछा बर्तन सिर्फ खाना ही तो है और काम ही क्या है।                                                 मां-कामवाली तो खाली झाड़ू पोछा बर्तन ही तो करके जाती है कपड़े धोना खाना बनाना बच्चों की देखभाल करना पूरा घर संभालना बिचारी पूरे दिन लगी रहती है।  

दोनों ही मां है नजरिए में देखो कितना फर्क है यह कुछ उदाहरण है मां का थप्पड़ भी बुरा नहीं लगता क्योंकि वह ताना नहीं देती काश सासू मां भी थप्पड़ देती जो कभी बुरा ना लगता लेकिन कभी ताना ना देती मेरी सास तो बड़ी खराब थी मैं तो बहुत अच्छी हूं क्या पता तुम ही हमेशा खराब रही हो तब मैं तो नहीं देख रही थी सारी बातें ही झूठी हो इस तरह की बातें करने वाली महिलाएं हमें आस पास बहुत सारी मिल जाएंगी जो बहू के सामने अपने आप को बड़ा श्रेष्ठ साबित करती हैं 

थप्पड़ मार लो ताने मत दो फिर वही मां वाला प्यार सासू मां को जरूर मिलेगा जब कोई भी नई लड़की आपके घर में आती है सर्वप्रथम  सासु मां की जिम्मेदारी है कि उस लड़की को अपने घर में सहज अनुभव कराएं बेटी वाला प्रेम अपनी बहू को दोगे तो बदले में मां वाला ही प्रेम लौटकर आएगा शुरुआत तो करो आपको मां के सारे अधिकार मिल जाएंगे डांटने पर बहू को बुरा नहीं लगेग जिस तरह से मां की डांट फटकार थप्पड़ सब बेटी भूल जाती है उसी तरह से आपका भी डांटना फटकारना पल भर में भूल जाएगी वह आपके साथ अच्छा व्यवहार जरूर करेगी क्योंकि उसको पता है कि उसे इसी घर में रहना है तो बस अच्छी शुरुआत की जरूरत है जहां इस तरह की शुरुआत हो चुकी है वहां पर घर स्वर्ग बन गया है।                                                                मंजू तिवारी, गुड़गांव, हरियाणा

 

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