प्यार का इज़हार – रीटा मक्कड़

काश कोई एक गुलाब हमे भी दे जाता..!!!

काश कभी हमारा दिल रखने के लिए ही सही अपने घुटनों पर  बैठकर गुलाब के साथ प्यार का इजहार भी कर देता।

पर हर किसी के नसीब में ये सब नही होता ना।

बचपन से लेकर शादी होने तक नीरजा ने मन मे बस एक ही सपना देखा था कि कोई सपनो का राजकुमार घोड़े पर सवार हो कर आएगा और उसे किन्ही हसीन वादियों की सैर कराएगा

उसे भी गुलाब के फूलों का एक बुके देकर आई लव यू बोलेगा।

पर सपनो ओर हकीकत में तो बहुत बड़ा फासला होता है न

राजकुमार तो आ गया ज़िन्दगी में…लेकिन वो सपनो वाला राजकुमार नही बल्कि ज़िन्दगी की जमीनी हकीकत से जुड़ा एक सच्चा और दिल का खूबसूरत इंसान था(है)


जो हर मुश्किल के समय ढाल बन कर उसके साथ खड़ा हो जाता है।जो उसकी हर छोटी से छोटी ज़रूरत का कितना ख्याल रखता है। जो जरा सा पैर मुड़ने पर हर रोज उसपे दवाई लगा कर गरम पट्टी बांधता है।जो आधी रात को उसके जरा से  पेट दर्द होने पर उसको लेकर अस्पताल भागता है। जो उसके घुटनो में तकलीफ होने पर उसको हीट पैड और कभी गर्म पानी की बोतल ला कर देता है।जो सड़क पार करते समय या सीढ़ी चढ़ते समय खुद ही सहारा देने को हाथ बढ़ा देता है।जो अगर किसी दिन वो शाम तक उसको फोन ना करे तो फोन करके पूछता है तुम ठीक तो हो न। जो उसके लिए हर वो चीज उसी समय हाजिर कर देता है जब वो एक बार कुछ भी कहती है।

कितना सुंदर और प्यारा है ना ये राजकुमार।उसके सपनो वाले राजकुमार से बिल्कुल अलग।शादी के बाद लगता था कि सभी सपने टूट टूट कर बिखर गए लेकिन जब हकीकत से सामना होता है तो ही पता चलता है कि सपने से ज्यादा खूबसूरत ये हकीकत है जो इंसान के रूप में कोई फरिश्ता है जो अपने प्यार का इजहार करने के लिए किसी गुलाब का मोहताज नही वो तो हर बार बिना कुछ कहे ही कुछ ऐसा कर जाता है कि उसके लिए बार बार जन्म लेकर उसी का हो जाने को जी चाहता है ।फिर चाहे वो किसी जन्म में भी गुलाब के साथ प्रोपोज़ न करे।

आजकल के बच्चे जो शायद गुलाब का फूल देने को ही प्यार समझ बैठते हैं उनका प्यार भी तभी तो उतने दिन ही टिकता है न जितने दिन गुलाब खुशबू देता है।

वो क्या जाने जन्मों जन्मों का प्यार क्या होता है..!!!

मौलिक एवम स्वलिखित

रीटा मक्कड़

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