पहले सहेली फिर बहू बनी – गुरविंदर टूटेजा 

  नन्दिता बहुत खुश थी…क्योंकि आज भतीजें अनय का रिश्ता एक घर छोड़कर रहने वाली रूही से हो रहा था…!!!!

वैसे तो घर कि खुशी में खुश थी पर वो ज्यादा खुश इसलिए थी कि पूरी कॉलोनी की प्यारी रूही दीदी जिसमें हर गुण हैं…हर उम्र से अलग ही रिश्ता बनाती है सच उसमें अलग ही जादू है….किसी को पढाई में ..गेम्स खेलने हो…नाटक हो या डॉन्स…यूँ कह सकतें हैं हर काम में अव्वल और सबकी मदद को भी हर वक्त तैयार…कभी उसके चेहरे पर शिकन नहीं देखी…!!

   नन्दिता की बेटी आलिया बहुत प्यारी थी जब वो आठ महीने की थी तो वो उसको खिलानें के लिए ले जाती और फिर वो भी वहाँ आई-बाबा बोलने लगी ….जब भी रूही लेने व छोड़ने आती तो नन्दिता से भी उसकी बहुत बातें होने लगी उसको भी उससे बात करना अच्छा लगता फिर वो अपनें दिल की हर बात उससे करने लगी…!!!!

  कभी वो नहीं आती तो नन्दिता उसे फोन लगाकर बात करनें लगती थी तो उसकी बेटी जैसी पर उसे वो प्यारी सी सहेली लगने लगी थी आलिया भी अब बड़ी हो गई थी दोनों के साथ ही उसका प्यारा सा रिश्ता बन गया था..!!!!

 फिर जब अनय ने बताया कि वो रूही से प्रेम करता हैं और बात पक्की हो गई  तो सबसे ज्यादा खुश दोनों माँ-बेटी हुई…जैसे दोनों की सहेली घर में आ रही हो..नन्दिता तो बड़ी खुश होकर सबकों बता रही थी कि पहले सहेली बनी अब बहू बन रही हैं उसे तो मजा ही आ गया…!!!!

 शादी के बाद रूही अपने स्वभावनुसार सबसे घुल-मिल गयी सब खुश हैं पर नन्दिता व उसका अलग ही प्रेम भरा रिश्ता हैं दोनोें अभी भी सहेलियों जैसे बातें करती हैं..बहुत मस्ती करती हैं…!!!

एक दिन रूही को गले लगाकर नन्दिता बोली कि…अनय बेटा तेरा बहुत-सा शुक्रिया तूने मेरी सहेली को ही बहू बना दिया…दिल से दुआएं हैं कि तुम दोनों हमेशा खुश रहों..!!!!

#प्रेम 

गुरविंदर टूटेजा 

उज्जैन (म.प्र.)

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