पागल – गुरविन्दर टूटेजा

मन_के_भाव

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   मेरा दस साल का बेटा अभिमन्यू हँसते हुये घर में घुसा तो मैंने पूछा क्या हुआ इतने खुश क्यों हो…?????

  वो बोला मम्मी अपनी कॉलोनी के बाहर मंदिर में एक पागल आया है आजकल वो ऐसी ऐसी हरकतें करता है इसलिये हँसी आ रही थी…!!!!!

 मैंने उसे  समझाया कि बेटा ऐसे किसी की हँसी उड़ाना गलत बात है…तो वो बोला मम्मी वो पत्थर से मारता है हमें….;;;;

मैंने कहा कि तुम्हे देखते ही उसने पत्थर मारा या कुछ हुआ तो…;!!

अभि ने कहा कि मोहित ने उसके पास एक पोटली पड़ी थी मजाक मजाक में वो उठाई तो वो पोटली छीनकर हम सबके पीछे भागा और पत्थर से मारने लगा…हम सब वहाँ से भाग आये..!!!!!


मुझे बुरा लगा तो मैंने अभि को बोला चलो मुझे बताओ कि वो अंकल कहाँ है तो वो बोला अरे मम्मी अंकल नही पागल बोलो…मैंने उसे डाँटा कि किसी को भी ऐसे नही बोलते तुम्हे समझ क्यूँ नही आती है ये बात…अब चलो…!!!!!

फिर हम वहाँ गये तो वो अंकल मन्दिर के एक कोने में पोटली हाथ में दबाये बैठे थे….मैं धीरे से उनके पास जाकर बैठ गयी…फिर मैंने पूछा आप कौन है और कहाँ से आये है तो उनकी आँखों में पानी आ गया कि तुम्हें मुझसे डर नही लगा जो तुम मेरे पास आकर  बैठ गयी…फिर बोले क्या बताऊँ बेटी मेरी भी तुम्हारी तरह ही प्यारी बेटी थी….मेरे पास भी घर था पैसा था सब था पर जब मैंने मेरी बेटी की शादी करी तो वो खुश रहे इसलिये मैंने अपना सब बेचकर उसके ससुराल वालों की उम्मीदें पूरी की फिर भी वो उसको मारते व दु:ख देते ये सदमा मेरी पत्नी सहन नही कर सकी और वो चल बसी मैं बहुत अकेला हो गया था…फिर एक दिन मेरी बेटी ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली ये खबर मिली मैं मायके की चुनर लेकर गया तो वहाँ मुझे उसके अंतिम दर्शन भी नही करने दिये व संस्कार भी कर दिया…..बस तब से ही उस चुनर को लेकर उसे ढूँढ रहा हूँ….कभी तो मिलेगी मेरी बेटी….!!!!!!!

  मेरे साथ साथ अभि की आँखों में भी पानी था वो बच्चा है पर अंकल के दर्द को समझ गया था सोच रही थी कितने पत्थर दिल होते है इंसान जो कितनी बेदर्दी से किसी की बेटी को मार भी देते है और जन्म देने वाले माँ-बाप को ही नहीं मिलने देते हैं….!!!!

गुरविन्दर टूटेजा

उज्जैन (म.प्र)

 

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