मेरी गुड़िया – निर्मला अग्निहोत्री : Moral Stories in Hindi

नन्हे नन्हे कदमों से आंगन में चलती

           मेरी गुड़िया

नन्हे हाथों से मेरी उंगली थामे 

           मेरी गुड़िया

टेबल पर डरती सहमति सी मेरी ओर देखे

             मेरी गुड़िया

 कंधे पर हाथ रखकर खेलती कूदती 

            मेरी गुड़िया

गाड़ी पर कमर कस कर पकड़े बैठने वाली 

             मेरी गुड़िया

धीरे-धीरे बड़ी हो पढ़ लिख कर आगे बढ़ती 

              मेरी गुड़िया

 मेरी नन्ही गुड़िया बड़ी हो चली है 

        नए सफर पर 

अपने ख्वाहिशों को पूरा कर

नए जहां के डगर पर तैयार है चलने को

अपने हमसफर के साथ जाने को 

एक नहीं राह पर तैयार है

अपने हमसफर के साथ एक 

नई जिंदगी के डगर पर चलने को

मेरी उंगली थमने वाली गुड़िया 

थामेगी हाथ अपने हमसफर का 

हाथों में हाथ लिए बढ़ी चलेगी 

      एक नई डगरिया 

नए होंगे स्वप्न ,नया साथी होगा

 कंधे पर हाथ धर कर उसके 

करेगी उस संग अठखेलिया

 रंगेगी साजन के रंग में

लिए प्यार का रंग

        मेरी गुड़िया 

आंगन मेरा छोड़कर

 पिया का आंगन सजाएगी,

 मधुर यादें बाबुल के अंगना की साथ लेकर 

      नया संसार रचाएगी

अपनी मधुर मुस्कान से सब का दिल चुराएगी 

पर मुझको याद बहुत आएगी  

         मेरी गुड़िया

अभी तो वक्त है विदाई में 

पर अभी से मन विचलित है 

हमसफर के हाथ में हाथ डालें

 जिंदगी के नए गीत गुनगुनाएगी             

           मेरी गुड़िया

मेरी अपनी भावनाएं मेरी प्यारी गुड़िया के लिए       

                         स्वरचित –निर्मला अग्निहोत्री

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