Thursday, June 8, 2023
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मलाल – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’ | Very Small Story In Hindi

नीता ने ससुर जी के देहांत के बाद नौकरी करने का फैसला किया.एक अच्छी कंपनी मे उसकी नौकरी लग गई.आफिस जाते वक्त वह अपने बच्चे को बहन के पास छोड़ जाती थी. मां थी कसक तो रहती ही है दिन भर बच्चा मां से दूर रहता है पर बहन के पास रहता है यही सोच कर निश्चिंत रहती थी.कुछ साल तक तो सब कुछ सही चला परंतु एक दिन बहन की सांस की तबियत खराब हो गई जिसकी वजह से उन्हें ससुराल जाना पड़ गया.अब नीता के सामने समस्या खड़ी हो गई कि वह अपने बच्चे को कहां छोड़े?

अगले दिन आफिस जाते वक्त नीता ने बच्चे को अपनी चचेरी नन्द के घर छोड़ दिया.आफिस से जल्दी छुट्टी मिल गई तो उसने सोचा बच्चे को खुद जाकर ले आए जैसे ही नन्द के घर पहुंची उन्होंने तानों की बौछार शुरू कर दी “”नौकरी छोड़ दीजिए नौकरी कहीं भागी नही जा रही.. बच्चा दूसरे के घर पल रहा है..बड़ा हो जाएगा तब नौकरी कर लीजिएगा””. नीता कुछ नही बोली बच्चे को लेकर घर वापस आ गई वह मन ही मन सोचने लगी कितना मानती थी मैं इन लोगो को ससुराल के लोगो के लिए मैंने कितना कुछ किया अपनी खुशियों की भी परवाह नही की और आज मुझे जरूरत पड़ी तो इस तरह तंज कस रही है. नीता की आंखें नम हो गई “एक औरत के लिए नौकरी करना कितना मुश्किल है” उसने ठान लिया अब अपने बच्चे को कभी भी नन्द के घर नही छोड़ेगी अपने साथ आफिस ले जाएगी.

Short Inspiring Story In Hindi

नीता की तबियत खराब थी उसका आफिस जाने का मन नही था आजका पूरा दिन बच्चे के साथ बिताना चाहती थी तभी हेड आफिस से बास का फोन आ गया आज विडियो कांफ्रेंसिंग होगी सभी लोग आफिस समय पर पहुंच जाएं.



नीता ने घड़ी की ओर देखा नौ बज चुके थे दस बजे तक आफिस पहुंचना था मयंक ने कहा फटाफट तैयार हो जाओ मै बाइक से छोड़ देता हूं.हल्का फुल्का नाश्ता बनाकर नीता तैयार हो गई बच्चे को भी तैयार कर दिया.दस बजने में पन्द्रह मिनट शेष रह गया था मयंक ने अस्सी की स्पीड से बाइक चलाई मई का महिना था लूं चल रही थी ऐसा लग रहा था यह गरम गरम हवा चेहरे को जला ही देंगी.

आफिस पहुंच गए बाइक से उतरते ही बच्चा बेहोश हो गया लू की वजह से बच्चे का मुंह सूख गया था मयंक ने मुंह पर पानी छिड़का तो बच्चे को होश आ गया. मयंक बोले नीता तुम आफिस जाओ मै बच्चे को सम्भाल लूंगा नीता आफिस पहुंचते ही सबसे पहले अपने केविन में गई कुर्सी पर बैठते ही फफक फफक कर रोने लगी.सोचने लगी नौकरी करने से क्या फायदा जब बच्चा ही नही रहेगा तो मैं जी कर क्या करूंगी.. मेरा घर बिखर रहा है..पति..बच्चा सब परेशान हैं.नीता ने नौकरी न करने का प्रण कर लिया.

इतनी अच्छी नौकरी छोड़ने का मलाल तो था नीता को पर बच्चे को खुश देखकर नीता आज बहुत खुश थी.

प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

प्रयागराज उत्तर प्रदेश

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