जिंदा हूँ अभी कोई लाश नही हूँ।
क्यो किसी के हाथो मे खेली जाऊं
एक औरत हूँ कोई ताश नही हूँ।
क्यों उम्मीद करूँ कोई दे मुझे आसरा
सक्षम हूँ खुद से कोई बेसहारा नही हूँ।
मैंने तो चाहा कोई हाथो मे मेरे हाथ दे
सहारे का एहसान नही अपना साथ दे।
यूँ तो अकेले जीना भी कोई मुश्किल नही
खुद अकेले मे मुस्कुराना कोई मुश्किल नही
वैसे भी जब किसी का साथ बोझ बन जाये
अच्छा है कि उस रिश्ते से बाहर निकल आये
वरना जिंदगी तो बस एक सजा बन जाती है
और जिंदगी से ज्यादा मौत आसान नज़र आती है।
वैसे भी दुनिया मे अकेले आते और अकेले ही जाते है
फिर क्यो अकेले रहने से यहाँ लोग घबराते है ।
कभी खुद से खुद के साथ का मजा लेकर देखो
कभी खुद को भी थोड़ा सा प्यार करके देखो ।
यक़ीनन तुम्हे जिंदगी से भी प्यार हो जायेगा
उससे अकेले जीना भी आसान हो जायेगा ।
मैने तो खुद से प्यार अब है कर लिया
और खुद की जिंदगी को आसान है कर लिया।
अब किसी का जाना मुझे नही तड़पाता
क्योकि मुझे अपना ही साथ अब है बहुत भाता।
संगीता अग्रवाल