शादी की 35 वी सालगिरह सभी के साथ बहुत खुशी खुशी मनाई… एक दिन पहले ही मैंने अपने हाथों में सुंदर सी मेहंदी बनवाई और और इतनी खुशी हो रही थी कि “मेरे दिल की खुशी के क्या कहने ?
सुबह-सुबह ही जब बाहर बैठकर पेपर पढ़ रही थी, तब पास में
छोटे दीदी ने बोला..” भैया भाभी को सालगिरह की बहुत-बहुत बधाई, शाम को कहीं जाने का प्रोग्राम है क्या?
उन्होंने मुझसे पूछा, मैंने कहा “अभी तक तो नहीं है” तो वह बोले “शाम का खाना हमारे साथ ही खाना”
मैंने बोला” हां “
शुभम श्रेया ने शुभकामना संदेश दिया और ऑनलाइन घड़ी गिफ्ट की… सृष्टि यशस्वी ने प्यार से उपहार दिया और नाती मिवान ने “हैप्पी एनिवर्सरी नानू नानी” बोलकर दिल को गदगद कर दिया… मेरी गृह सहायिका शारदा भाभी ने कहा “मैडम आज कुछ काम मत करो ,मैं करती हूं” कह कर मेरे चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान ला दी …
सभी परिचितों, बड़े दीदी, देवर देवरानी, लाभम ,दीपिका, ब्यान जी साहब, भैया ,भाभी छोटी बहना आशा.. कंवर साहब ने असीम शुभकामनाएं दे कर मेरा दिन बना दिया । तैयार होकर स्कूल गई आज ही के दिन मेरी प्यारी बहन उषा की शादी की सालगिरह भी रहती है …दोनों बहनों ने मिलकर स्कूल में खूब आनंद किया.. वह मेरे लिए प्यारी सी मोतियों की माला का गिफ्ट लाई थी… मैंने उसके लिए और जीजाजी के लिए प्यारी सी कविता के साथ प्यारा सा उपहार दिया। शाला परिवार ने दिल से बधाइयां दी और उनके साथ बहुत सारी खुशियां मनाई …।मुझे कुछ न कुछ खिलाने में आनंद आता है बहुत अच्छा लगता है …और यह सोचती हूं कि सभी प्यार करने वालों का अपना अपना हिस्सा है।
शाला परिवार हमारे सुख दुख का प्रतिपल का हिस्सा है।
शाम को मेरे लिए खुशी का क्षण वह था जब मेरे प्रिंसिपल मैडम ने मुझे शुभकामना संदेश देकर मेरी खुशी को दोगुना कर दिया ।शाम को पापा जी से आशीर्वाद लेने उनके पास गए ।छोटे दीदी के यहां मटर के पराठे खाकर बहुत मजा आया ।निक्की और परी ने अपने हाथों से केक बनाया था। एनिवर्सरी पर हम शाम को धारेश्वर मंदिर अवश्य जाते हैं ..।और भगवान शिव से आशीष लिया। फिर लाभम और दीपिका का आग्रह था कि “बड़ी मम्मी घर पर आओ” उन्होंने घर को सजा कर रखा था… वहां गए प्रेम से केक कटिंग की.. और प्यारे-प्यारे गिफ्ट मिले… बहुत थक गई थी रात में दोनों घर आए .। इन्होंने बोला “अच्छी सी चाय बनाकर पिलाता हूं “दोनों ने चाय पी… पूरे दिन प्यार भरे दिन के लिए प्रभु को धन्यवाद दिया… मेरी आभासी पटल की दुनिया ने अपने प्यारे प्यारे शुभकामना संदेशों से मुझे इतनी खुशी दी की मेरे पास शब्द नहीं है …। कहां पर जन्मे और कहां और कहां पर खुशियां मिली….. अब तो सारे_ पराए_ अपने_ से_ हो गए हैं
बस मुझे तो जिंदगी का अब यही मकसद दिखाई देता है कि” प्यार बांटते चलो” और…
” जो भी प्यार से मिले हम उसी के हो लिए “।
जमीन को गुलजार करना तो मेरे बस में नहीं ,
पर खार को थोड़ा कम तो कर सकूं ….
बस यही ख्वाब है…
आकाश को छूना तो मेरे बस में नहीं…
पतंग जैसी उड़ सकूं ..बस यही ख्वाब है
सभी को हंसाना तो मुश्किल है ,कुछ चेहरों पर मुस्कान ला सुकून ..बस यही ख्वाब है…..
सभी के हालात बदलना तो मुश्किल है ..पर किसी जरूरतमंद के हालात बदल सकूं… बस यही ख्वाब है…
सभी अपनों के साथ खुशियां बांट सकूं… खुशियां पा सकूं… बस यही ख्वाब है…
हमसफर का साथ सदैव बना रहे …उनके साथ कदम मिलाकर चल सकूं…. बस यही ख्वाब है…
मैं जिंदगी को देती रहूं …जिंदगी मुझे लौटाती रहे…. बस यही ख्वाब है…. परायो को अपना बनाते रहूं बस… यही ख्वाब है।
पिया के नाम की मेहंदी रंग लाती रहे,
प्यार के रंग बन के छाते रहे
पिया का रंग चढ़ा ही रहे
चांद सितारों सी जिंदगी झिलमिलाती रहे.
सपनों को पंख मिलते रहे
धड़कनों मे पिया धुन समाती रहे।
#पराए_रिश्तें_अपना_सा_लगे
सुधा जैन
रचना मौलिक है