मम्मी आज नेहा को देखा 8:00 बजे उठकर आई है …नेहा बहुत समझदार लड़की और अपना काम समय पर पूरा करती थी… लेकिन रात में ऑफिस का काम करते-करते लेट हो जाती थी… तो सुबह उसकी नींद लेट खुलती थी …लेकिन ऑफिस का काम करने के पहले वह घर का सारा काम निपटा कर फिर ऑफिस का काम करने बैठती थी ।
और शाम को भी वही घर वालों के लिए चाय नाश्ता तैयार करके देती थी मीना की ड्यूटी थी वह शाम का खाना बना देती थी।
यह सब बातें मीना को नहीं पचती थी वह सोचती थी किसी तरह से नेहा को डांट पड़े और मीना को मजा आए।
मीना की आदत में था कि नेहा की चुगली करें नेहा अपने काम से काम रखती थी ।
और हमेशा किसी भी काम को सीखने के लिए तैयार रहती थी।
नेहा की सैलरी भी बहुत अच्छी थी और समझदार पढ़ी-लिखी होने के कारण वह सब की बात अच्छे से मानती थी।
एक दिन मीना ने नेहा के खाने में नमक ज्यादा कर दिया नेहा ने खाना बहुत टेस्टी बनाया था बहुत सारे रिश्तेदार आए हुए थे।
जब सब ने खाना खाया तो सब ने कहा कि यह क्या खाना किसने बनाया था ।
इतना ज्यादा नमक तो हमारे घर में कभी नहीं बनता यह बात सुनकर नेहा को रोना आने लगा
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उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि वह रोज खाना बनाती है।
और उसके नमक खाने में कैसे ज्यादा हो गया नेहा ने उसे दिन बिल्कुल भी खाना नहीं खाया क्योंकि सब की बातें सुनकर ही उसका पेट भर गया।
एक दिन अचानक नेहा अपना काम पूरा करके किचन से बाहर निकाल कर अपने ऑफिस के काम करने के लिए निकल गई।
और पीछे से मीना आई और उसने नेहा की सब्जी में फिर से नमक डाल दिया और सास खट्टा नहीं खाती थी।
उसने टमाटर की प्यूरी और ज्यादा कर दी नेहा को अचानक याद आया
कि शायद उसने गैस बंद नहीं किया।
वह किचन में गई और मीना सब्जी में नमक डाल रही थी।
और टमाटर की प्यूरी ऊपर से डाल रही थी।
तब नेहा को समझ में आया कि वह मीना भाभी मेरे खाने में कुछ ना कुछ गड़बड़ करती है ।
और उसने उसी दिन कुछ नहीं कहा और शांति से वहां से चली गई ।
एक दिन मीना ने आम का अचार बनाया मां कहती थी आम के अचार को बरनी में भरकर रख देना ।
और किसी की परछाई ना पड़े उसे ऐसी जगह रखना यह सब काम नेहा अपनी मां से फोन करके पूछ लेती थी।
और वही सलीके से करती थी नेहा को समझ में आ गया था कि मीना भाभी मेरे से जलती है इस कारण से उसने कभी मीना भाभी से बहस नहीं की।
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एक दिन सारे लोग खाना खाने बैठे तब नेहा ने एक समझदारी की उसने अपने खाने में नमक ही नहीं डाला था।
सभी ने नेहा की बहुत तारीफ की तब समझ में आया नेहा को की रोज मेरे खाने में एक्स्ट्रा नमक मीना भाभी डाल देती है।
उसने अपने खाने में नमक डालना ही बंद कर दिया उसने सोचा कि अब मीना भाभी मेरे में कितनी गलतियां निकलेंगी।
और मेरी कितनी कंप्लेंट करेंगे पट्टी पड़ाएगीं मां को।
एक न एक दिन मेरी ही जीत होगी वह ऐसा ही मीना ने नेहा की खाने में गलतियां नहीं निकलने के कारण बहुत दुखी थी ।
उसने सोचा कि मीना को अब किसी और बात से नीचा दिखाएंगे।
मीना ने नेहा से कहा की आज खाना नहीं बनाना है तुम अपना काम कर लो ऑफिस का .. नेहा ने सोचा हो सकता है सभी को आज किसी पार्टी में जाना हो ..मीना की बात मान ली।
मीना ने सास से कहा मम्मी देखो आज तो किचन खाली पड़ा है किसी ने खाना नहीं बनाया ..तभी सास ने नेहा को बुलाकर पूछा कि आज खाना क्यों नहीं बनाया ।
तब नेहा ने कहा की मम्मी मीना भाभी ने कहा था कि आप लोग कहीं जा रहे हैं इसलिए मैंने खाना नहीं बनाया तब मम्मी से कहा कि बेटा ऐसा तो कभी होता ही नहीं है घर में..।
तब नेहा ने कहां मम्मी आप गलत समझ रही है मैंने पूरियां से सेंक एक डिब्बे में रख दिए हैं।
और तरी वाली सब्जी बनाकर कढ़ाई खाली कर कर मैंने एक डिब्बे में रख दिया था।
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मुझे पता था कि मीना भाभी आपको पट्टी पढ़ाने गई होगी और उन्होंने ऐसा ही किया।
क्योंकि मुझे पता था इसलिए मैं आपसे पूछना चाह रही थी लेकिन मैंने धीरे से पूरी और सब्जी बनाकर रख दी थी ।
मीना भाभी जब नहाने गई थी और पूजा पाठ कर रही थी.. इस बीच में मैंने यह काम कर लिया था.. मैं सलाद कट कर देती हूं ।
और दही का रायता बना देती हूं बस 5 मिनट में बन जाएगा।
आप लोग टेबल पर बैठो .. मैं खाना सर्व करती हूं ।
तब सास को समझ में आया कि मीना नेहा के प्रति मेरे मन में कितना जहर घोल रही है ।
तभी बैठकर सास ने मीना को समझाया है कि बेटा तुम दोनों मिलकर रहा करो ।
और अपना काम समय पर किया करो ऐसे किसी के बारे में झूठ बोलने अच्छी बात नहीं है..
मीना को अपनी गलतियों का एहसास हो गया और उसने अब अपने काम पर ध्यान देना शुरू कर दिया।
दोस्तों मैं बस यही कहना चाहती हूं कि किसी की पट्टी पढ़ाने पर हमें नहीं आना चाहिए।
हमें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए और दूसरों की बुराई करने से अच्छा है हमें बहुत कुछ सीखना चाहिए।
विधि जैन
#पट्टी पढ़ाना