धोखा –  मिठू डे

ये रात को हेड्क की दवाई खाने के बाद नींद बड़ी अच्छी आती हैं इतनी की काम पर जाने के लिए सुबह नींद से जागना बड़ा दुशवार सा लगता है ।पिछले एक महीने कि तरह आज लड़का फिर देरी से आफिस पहुंचा।

    आफिस पहुचते ही रोज की तरह किच-किच शुरू हो गई ।

किसी तरह काम खतम करके आफिस से निकला अजय ।

    आज का पुरा दिन खराब था,एक तो आफिस का लफ़ड़ा ऊपर से इतनी तेज बारिश।

 चाय पीने को मन कर रहा था अजय को,तभी एक 26-27 साल की सुंदर सी भीगी हुई लड़की दौड़ती हुई आई और उसके बगल में खड़ी हो गई ।

     पुरी तरह से भीगी हुई थी लड़की,ठंड से कांप भी रही थी ।

     सब मिला के वो लड़की अजय को भाने लगी थी ।

       इतने में बस आ गई और अजय बस में चढ़ गया ।

 अगले दिन भी वह लड़की आफिस के सामनेवाले दुकान पर दिख गई ।

अजय ने ना देखने का बहाना करके वहाँ से निकले वाला ही था की लड़की आके बोली-एक्सक्यूज़ मी ,आपके पास पाँच सौ रुपये का चेंज होगा ।

  बस यहीं से शूरू हो गई बातों का सिलसिला ।

फिर दोस्ती फिर ना जाने कब प्यार हो गया पता ही नहीं चला ।

धीरे-धीरे छह महीने बीत गये ।

आज अजय बहुत खुश था क्योंकि आज पहली बार आभा के साथ बाहर जा रहा था ।

     सारा दिन मौज मस्ती करेंगे ।

लेकिन वहाँ जा के सब गड़बड़ हो गई,वापस आते समय उनका गाड़ी खराब हो गई और कोई दुसरा चारा भी नहीं था तो मजबूरन उन्हें एक होटल में रुकना पढ़ा ।

रात को आभा गजब ही ढा रही थी,अजय अपने आप को रोक नहीं पाया और दोनों एक हो गये ।

रास्ते में अजय ने कल रात के लिए माफ़ी मांगी और बोला-अब हमें जितनी जल्दी हो सके शादी कर लेनी चाहिए,मै तुम्हारे माता पिता से मिलना चाहता हूँ ।

आभा मुस्कुराती हुई उसके कंधे पर सर रख कर

बोली -ओके बाबा जैसा तुम ठिक समझो ।

    अगले दिन खुशी खुशी आफिस गया अजय ।आफिस जाने के एक घंटे के बाद

बॉस ने सबको कॉन्फरेंस रूम में बुला भेजा ।

  सबके आ जाने के बाद बॉस ने सबको बताया की दो दिन बाद उनकी बेटी की शादी है और आप सबको आना है ।

      सभी कर्मचारी खुश हो गए और कार्ड लेके मुह मीठा करके चले गए ।

    अजय कार्ड पर नज़र डालते ही चौक गया,कार्ड पर आभा का नाम लिखा था कन्या के नाम की जगह ।उसे ना जाने क्यों एक अजीब सा महसूस हो रहा था ।

 फिर भी उसने इग्नोर किया ।

शाम को उसी रेस्तराँ में आभा से मिलने गया ।पता नहीं आज दिल क्यों बेचैन था ।

  आभा आज बहुत देर से आई,आते ही मुह झुकाये कुछ देर बैठी रही ।

अजय कुछ देर उसे देखता रहा फिर बोला- क्या बात आज मूड खराब है क्या?

आभा अजय के आंखों में झांकते हुए बोली-आज मै बोलूंगी तुम सुनोगे पहले उसके बाद मेरी सजा तय करना तुम ,पहले सब सुन लो ।

आभा बोलने लगी-मै तुम्हारे आफिस के बॉस की बेटी हूँ ।मेरी मंगनी हो चुकी है छह महीने पहले पापा के दोस्त के बेटे के साथ ।लड़का अमेरिका गया है छह महीने के लिए इसलिए शादी नहीं हुई ।

  मै यह शादी नहीं करना चाहती थी कयोंकि लड़का शारीरिक संबंध बनाने में अक्षम है ।

फिर भी मेरे पापा राजी हो गए इस रिस्ते से क्यूंकि हमारा बिज़नेस घाटे में चल रहा था,पैसों की जरूरत थी ।यह एक तरह की सौदा है,शादी नहीं ।तुम मुझे पहले से ही पसंद थे ।इसलिए मै अपने आप को रोक नहीं पाई और तुम्हारे साथ यह सब….

लेकिन अजय तुम विश्वास करो मैनें इन छह महीने में मेरी पूरी जिन्देगी जी ली और मै तुम्हे इन छह महीने में कभी धोखा नहीं दी ।मेरा प्यार तुम्हारे लिए सच्चा है और सच्चा ही रहेगा ।मुझें क्षमा कर देना अजय ।

बोलके फूट फूट कर रोने लगी ।

सब कुछ सुनकर अजय सन्न रह गया कुछ देर फिर बोला-तुम्हारी यही सजा है ,की हम अब कभी नहीं मिलेंगे दोबारा ।मेरे साथ खेलने से पहले एक बार सोच तो ली होती,सच जानने के बाद मेरा क्या होगा ।

पर मै हार मानने वालो में नहीं हूँ ।देखना तुम,मैं तुमसे प्रेम में पहाड़ हो जाऊंगा और तुम नदी की तरह बह जाना अनंत, तुम्हारा छूटना त्रासदी होगा पर एक सुख बचा रहेगा मुझमें कि तुम मुझसे होकर छूटी हो।

यही बात तुम्हे जीवन भर कचोटती रहेगी

Mithu Dey मौलिक (स्वरचित)

Burdwan -West Bengal

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