सिल्क की साडी – श्री प्रकाश श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

 ललिता और यशोधरा  चचेरी बहनें थी। दोनों की परवरिश एक ही परिवेश में हुयी। दोनों की समवयसी थी। साथ साथ खेला कूदा पढालिखा और बडी हुयी।  समय का चक्र ऐसा की दोनों की शादी एक ही मंडप में दो सगे भाईयों से हुयी। ललिता शुरू से ही चंट और चालाक थी। उसे यह गुण अपनी … Read more

बदलाव की चाहत – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

“रीना, हेमा भाभी को देखो इस उम्र में भी कितनी स्मार्ट और ऊर्जा से भरपूर लग रही, और तुम घूम फिर कर वही सूट या माही का रंग उड़ा पैजामा सेट पहन लेती हो, हमेशा थकान से बेहाल रहती हो।कुछ तो बदलो समय के हिसाब से…! गोवा के समुन्द्र तट पर बैठे राजीव ने जब … Read more

तीर्थ स्थल – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

   “पिताजी, आपका एक बैग मैने तैयार कर दिया है और दूसरा खाना खाने के बाद लगा दूंगी। कुछ और रखना हो तो याद दिला देना ” सिया ने अपने ससुर को खाना परोसते हुए कहा।    ” हाँ बेटा कोई जल्दी नहीं है, आराम से कल सुबह कर देना। आज तो तुम थक भी गई होगी, … Read more

नाकाम आशिक की डायरी – संजीव कुमार : Moral Stories in Hindi

         नैना, शायद तुम्हें पता है ना, कि मुझे डायरी लिखना बिल्कुल पसंद नहीं। तुम मेरी ज़िंदगी में आने वाली इकलौती और वो पहली लड़की हो, जो मेरे दिल के सबसे करीब थी, और जो मेरी ज़िंदगी की सबसे अच्छी दोस्त थी। तुम्हें शायद पता न हो, मैंने आज तक तुम्हारे अलावा किसी और से दोस्ती … Read more

खुला आसमान। – पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

 रीना , जरा अच्छी तरह साफ कर ये जगह, तेरा नाम रीना ही है ,ना, थोड़ा जोर से साफ क्यों नहीं करती, सीमा चिल्लाते हुए बच्चों से बोली। एक को डांट पड़ते ही सारे बच्चे जो कि 7,8थे,सहम गए, तथा पूरे जोर से कार्य करने लगे। सारे ही 10से 12साल के थे। सिर्फ सुमेधा  ही … Read more

सोने की कानबाली – संजीव कुमार : Moral Stories in Hindi

    बिहार के नालंदा के कचहरी में मुंशी राम अवतार जी आज भी बरसों पुरानी साइकिल  से ही काम पर जाते हैं। पिछले कई सालों से यह उनका रोज का नियम था, वो बड़े ही ईमानदार आदर्शवादी और सिद्धांतवादी व्यक्ति थे। जो तनख्वाह मिलती उसी में गुजर बसर करते ऊपरी आमदनी के नाम पर एक पैसा … Read more

मुझे इस झूठ का कोई मलाल नही – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

एक दिन एक बीमार सी दिखने वाली बुजुर्ग महिला डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने पूछा क्या तकलीफ है। वो औरत बोली मुझे कोई तकलीफ नहीं है बस मुझे भूलने की दवा चाहिए। मेरा बेटा मुझे छोड़ कर कमाने के लिए कोटा चला गया है, उसकी बहुत याद आती हैं। पहले कभी कभी घर आता … Read more

दो बीघा जमीन – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

     “क्या करेगी ताई इतने अनाज का? कहाँ रखती फिरेगी ? कहीं घुन लग गया तो सब बेकार हो जाएगा। ” जगताप अपनी बुढिया ताई को समझा रहा था। “सुबह शाम चार रोटियां ही तो चाहिए तुझे, मेरे घर पर ही खा लिया करना। मैने अपने घर कह दिया है , वो तेरे लिए भी गरम … Read more

अटैची में ज़िन्दगी – सुनीता मिश्रा : Moral Stories in Hindi

टैक्सी, जैसे ही घर के सामने आकर रुकी, कुसुम की आँखों में बादल तिर आए। ये कोई नयी बात नहीं,बादल और कुसुम की आँखें,दोनों में बहनापा हो गया है। घटना और परिस्थितियों से  सामना होते ही दोनों आपस में प्रगाढ़ आलिंगन कर लेतीं हैं। घर के बाहर चारों तरफ  कुछ जंगली पेड़ पौधे और  घास … Read more

बस अब और नहीं – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

रह -रह कर बिजली चमक रही थी, सर्दी अचानक से बढ़ गई थी, सुप्रिया ने कस कर शाल अपने चारों तरफ लपेट लिया। बाहर जिंदगी अपनी पूरी रफ़्तार से दौड़ रही थी, बस सुप्रिया की ही जिंदगी ठहर गई। पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मना रही पर सुप्रिया किस बात का जश्न मनाये, तलाक के केस … Read more

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