*बयार* – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

विद्याजी ने अचानक दीवार घडी की ओर देखा सबेरे के 8.30 बज रहे थे उन्हें ड्राइंगरूम में बैठे हुए लगभग एकघंटा हो गया था रविवार का दिन था इसीलिए अभी तक कोई भी सोकर नहीं उठा था ना बेटा यश ना बहू रीना ना नन्हा चार वर्ष का पौत्र अर्णव। पांच वर्ष पूर्व विद्यादेवी गांव … Read more

दरकते रिश्ते – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

   ईका और अनिमा दोनों अच्छी बहने है। ईका अनिमा की दूर की रिश्ते में भाभी की बेटी है। दोनों एक ही मोहल्ले में रहतीं हैं। दोनों इकट्ठे ही पढ़ने जाती हैं। बाकी का दिन का हिस्सा भी इकठ्ठे ही बितातीं। कभी ईका अनिमा के घर तो , कभी अनिमा ईका के साथ मार्केट गयी होती। … Read more

**घर जमाई** – श्याम कुंवर भारती : Moral Stories in Hindi

मालिनी कॉलेज के पुस्तकालय में अकेली बड़ी उदास बैठी थी।उसके आंखों से आंसू बह रहे थे।व्यक्ति जब बहुत ही विकट परिस्थिति में पहुंच जाता है और किसी से अपना दुख साझा नहीं कर पाता है तो इसी तरह अकेले अपने आंसू बहाकर अपना दुख हल्का करने जा प्रयास करता है। तभी उसे ढूंढता हुआ प्रणय … Read more

मां तुमने ये खाना कैसे खा लिया! – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” क्या मां,आज आपने फिर ये दाल बना दी…. मुझे नहीं खाना ये खाना … ,, गुस्से में प्लेट सरकाते हुए कुशाल चिल्लाया। ” बेटा, दाल खाना अच्छा होता है । आज मैंने अच्छा सा तड़का भी लगाया है तू चख कर तो देख। ,, गीत मनुहार करते हुए बोली। “नहीं मां, मैं बिलकुल नहीं … Read more

****झाड़ू-पोंचा-बर्तन**** – रमन शांडिल्य : Moral Stories in Hindi

हमारे घर झाड़ू पोंचा करने वाली, कामवाली बाई कल किसी लड़के के साथ नौ दो ग्यारह हो गई । मतलब भाग गई । मतलब प्यार निभाने की कसमों पर खरा उतरी । लेकिन हमारे घर की पूरी व्यवस्था चरमरा गई । और फलस्वरूप मेरी पत्नी की आंखों से नए पुराने सभी दर्द कुछ इस तरह … Read more

कामकाजी बहु की चाय पार्टी – श्वेता कौस्तुभ : Moral Stories in Hindi

सुमित्रा जी के बेटे की शादी को कुछ ही दिन बीते थे कि मोहल्ले में उनकी कामकाजी बहु के घमंडी होने की खबरे उड़ने लगी थी। सुमित्रा जी की बहु एक सरकारी बैंक में काम करती थी और उनका बेटा एक मल्टीनेशनल कंपनी में। सुमित्रा जी का बेटा अक्सर अपने काम से बाहर रहता था … Read more

सलाह – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“आप इतनी देर से फोन पर किससे बातें कर रहे थे?. ऐसा लग रहा था जैसे आप किसी से रुपयों के लेन-देन की बात कर रहे थे!” दोपहर के खाने की तैयारी कर रही रश्मि के कान रसोई से सटे हॉल में बैठे अपने पति के द्वारा फोन पर किसी से रूपए पैसे को लेकर … Read more

रिटायरमेंट – कंचन श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

गंभीर बीमारी की वजह से श्याम बाबू दो महीने से नौकरी पर नही जा रहे जिसकी वजह से घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा पर कोई कुछ बोल नही रहा जैसे तैसे रेखा अपने अकेले दम पर गाड़ी खींच रही। अब इसे खीचना नही तो और क्या कहेंगे बीमारी की वजह से रखी रकम भी … Read more

बनारसिया – खेराज प्रजापत : Moral Stories in Hindi

बरसात की शाम थी,और हल्की हल्की बूंदाबांदी हो रही थी।व्योम अपने फ्लैट वाली बिल्डिंग के सबसे ऊपर छत पर विचलित बैठा था।उसके दिमाग मे उथल पुतल मची हुई थी।दूर से कही गाने की आवाज आ रही रही थी-आज मौसम बड़ा बईमान है,आने वाला कोई तूफान है,ओ आज मौसम,।।।।।।।।।। वाकई व्योम की जिंदगी में तूफान आने … Read more

आ अब लौट चले – नीरजा कृष्णा : Moral Stories in Hindi

काफ़ी वर्षों के बाद मिन्नी अपने मम्मी पापा के साथ अपने घर, अपने दादा दादी के घर दिल्ली आई है। उसके बचपन में ही रमेश जी सपरिवार शिकागो में बस गए थे। पूरी तरह होश संभालने के बाद वो पहली बार भारत आई है। पूरा परिवार उनके स्वागत में लगा हुआ था। चाचाजी, चाचीजी और … Read more

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