नीलांजना ( भाग-7 ) – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi
…अभिनव दत्ता ने अपने दोनों हाथ जोड़कर नीलांजना जी से धन्यवाद कहा… कुछ और बोलना चाह रहा था… कि उसने अपने सर में थोड़ा चक्कर महसूस किया… वह चुप हो गया… नीलांजना जी शायद समझ गईं… उन्होंने देर ना करते हुए आवाज लगाई… “शांभवी… बेटा भैया के लिए हल्दी वाला दूध ले आओ… वहीं टेबल … Read more