स्त्री मन – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

रिया ने ऑफिस में काम खत्म करने के बाद जैसे ही फोन उठाया, उसने देखा कि उसकी पुरानी सहेली स्नेहा के कई मिस्ड कॉल्स थे। ये कुछ असामान्य था, क्योंकि स्नेहा ऐसे लगातार फोन तभी करती थी जब कोई जरूरी बात हो। रिया ने फौरन ही व्हाट्सएप खोलकर स्नेहा का मैसेज पढ़ा। स्नेहा ने लिखा … Read more

क्लासमेट – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

         कहते हैं, सूरत तो चार दिन की चाँदनी है परन्तु सीरत उम्र भर साथ रहती है।इस सत्य को जानते हुए भी कुछ लोगों को अपनी सुंदरता पर इतना गुमान होता है कि खुद को भगवान समझ लेने की भूल कर बैठते हैं।उन्हीं में से एक थी शालू…..।         शालू को बचपन से ही अपने रूप और … Read more

हृदयहीन –    विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

  शकुन्तला जी ने अपने पति की तस्वीर के आगे दीपक जलाया तो आँखों से दो आँसू भी उनके गालों पर ढुलक गये।बोलीं,” आपके बिना ये मेरी पहली दीवाली है।सब कुछ सूना-सूना सा लग रहा है।आप कुछ साल और मेरे साथ रहते अगर…।अब अफ़सोस होता है कि मैं क्यूँ नहीं आपके अनबोलों को सुन पाई..क्यों नहीं … Read more

रिश्ते में एक नयी शुरुआत – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 राधिका का ब्याह दो वर्ष पूर्व नंदिनी के छोटे भाई श्याम से हुआ था, जो अग्रवाल हार्डवेयर नाम की दुकान संभालता था। श्याम एक नेक और हंसमुख इंसान था, और उसने राधिका को अपने जीवनसाथी के रूप में पूरे दिल से अपनाया था। शादी के बाद राधिका और श्याम का जीवन खुशहाल था, दोनों अपने … Read more

माँ का त्याग – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     ” डाॅक्टर साहब-डाॅक्टर- साहब … जल्दी से चलकर मेरी माँ को देखिये…उन्हें साँस लेने में तकलीफ़ हो रही है और…।”कहते हुए चाँदनी डाॅक्टर प्रमोद के चेम्बर में घुसने लगी तो वहाँ बैठा चपरासी उसे रोकते हुए बोला,” अरे..अरे.., कहाँ घुसी चली आ रही हो..देख नहीं रही कि कितनी भीड़ है..चलो लाइन में…।”   ” देख नहीं … Read more

हाफ़ टिकट – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

     नौ साल की छोटी उम्र में हाॅस्टल चली गई।तब ट्रेन-बस में कैसे सफ़र करते हैं..टिकट कहाँ से लेते हैं..क्या नियम है..ये सब कुछ नहीं जानती थी।छुट्टियाँ होते ही घर से पिताजी या चाचा आ जाते थें और मैं उनके साथ चली जाती थी।कभी-कभी अपने कैंपस के टिकट काउंटर पर लड़कियों की लंबी लाईन देखकर ज़रूर … Read more

झांसी की रानी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ” भाभी…मेरे स्कूल का टाइम हो रहा है..टिफ़िन तैयार कर दीजिये।” श्रुति ने बिस्तर पर लेटी अपनी भाभी से कहा।    ” अभी देती हूँ…।” कहते हुए नंदिता उठने की कोशिश करने लगी तभी तनुजा आ गई और बोली,” दीदी..आप आराम कीजिये..श्रुति अपना टिफ़िन खुद तैयार कर लेगी।”    ” लेकिन छोटी भाभी…मुझे पराँठे बनाने नहीं आते..और … Read more

रिश्तों की ज़िम्मेदारी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      एक औरत अपनी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो जाये, ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता।बेटी,पत्नी,बहू,माँ,सास इत्यादि के रूप में वो हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन करती रही है और करती रहेगी।       मेरा कहानी भी कुछ ऐसी ही है।तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के कारण मुझे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ किचन में माँ का हाथ … Read more

दिखावा – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

स्नेहा के पति का नये शहर में तबादला हुआ था।अपने आस-पड़ोस से वह बिल्कुल अनजान थी।उसके पति के ऑफ़िस के ही एक सहकर्मी आनंद कुमार का परिवार उसके मुहल्ले में ही रहता था।उसी की पत्नी अनिता के साथ वह उठती-बैठती थी।उसका मन भी लग जाता और आस-पड़ोस की जानकारी भी उसे मिल जाती थी।         एक … Read more

प्यार का एहसास – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   ” आह…हा..कितनी अच्छी हवा आ रही है…कितना सुंदर व्यू(view)है..रवि, देखो ना..।” खिड़की से परदा हटाकर किरण ने अपने दोनों हाथ फैला दिये।रवि हाँ कहकर चुप हो गया।फिर किरण बड़े बाॅक्स में से सामान निकाल कर रैक पर सजाने लगी तभी आशु ने पूछ लिया,” मम्मा…दीदी- बड़ी मम्मी कब आयेंगे?”  सुनकर उसके चेहरे पर नकारात्मक भाव … Read more

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