पैसे का गुरुर – सुनीता मुखर्जी श्रुति : Moral Stories in Hindi

भाभी यह देखो! कांचीपुरम साड़ी….पन्द्रह हजार की ली है। दूसरी साड़ी दिखाते हुए .. यह वाली साड़ी दस हजार की है। इस तरह अपनी साड़ियों की नुमाइश करते हुए दीप्ति अपने मायके में मां और भाभी को अपनी साड़ियां दिखा रही थी। भाभी हाथ लगा कर देखो, इतनी महंगी साड़ियां तुमने कभी देखी नहीं होंगी। … Read more

अनकहा दर्द – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”: Moral Stories in Hindi

अम्मा! ओ अम्मा! दरवाजा खोलो!….खोलो न अम्मा!  बस तुम्हें एक नजर देखना चाहती हूं!!! सुरभि घर का गेट पकड़ कर लगातार बोलकर रोये जा रही थी। शायद वह भूल गई कि गेट में एक मोटा सा ताला लगा हुआ है।  संजय जी एवं सुकन्या के तीन बेटे एवं एक बेटी थी। तीन बेटों के बाद … Read more

सपना मैम – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

उठो बेटा! जल्दी उठो! सुबह के साढ़े चार बज गए हैं। सपना दोनों बच्चों को सुबह-सुबह जगा रही थी…. यह सपना के दिन की शुरुआत का पहला महत्वपूर्ण पड़ाव होता था। सुबह बच्चों को उठाकर पढ़ने बैठाना बहुत ही टेढ़ी खीर होती, क्योंकि बच्चे तो बच्चे ही हैं!! जल्दी उठना ही नहीं चाहते। लेकिन मम्मी … Read more

सारिका – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सारिका अपनी कक्षा के सबसे होनहार छात्रा थी। पढ़ाई, खेल कूद,वाद विवाद प्रतियोगिता एवं स्कूल की जो भी गतिविधियां होती थी…. सारिका उन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती और हमेशा अव्वल स्थान प्राप्त करती थी‌। वह अध्यापकों एवं प्रिंसिपल की बहुत प्रिय छात्रा थी, लेकिन शरारती भी बहुत थी। क्लास में हर टीचर की मिमिक्री करती… … Read more

बड़ा दिल – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सागरिका का मुस्कुराता हुआ चेहरा और बोलती हुई आंखें!! चाहे जितनी गंभीर क्यों न हो….? लेकिन ऐसा लगता कि जैसे मुस्कुरा रही हो। छोटी सी छोटी बात पर बहुत जोर से ठहाका लगाती …। उसके हंसने से मानो आसपास की चीजें भी हंसने लगती। एक तो बला की खूबसूरत ऊपर से हंसमुख चेहरा… सोने पर … Read more

अपमान बना वरदान – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

 स्वाति के तीखे नैन नक्श, रंँग सांवला एवं बाल घने बहुत लम्बे थे। स्वभाव में चंचलता लेकिन बात करने का अंदाज बहुत गंभीर था। वह जब भी बालों को धोती तो, मांँ बोलती जाओ!  बालों को धूप में सुखा लो, नहीं तो खराब हो  जाएंगे ।   “उसका बाल सुखाने का एक अनोखा ही अंदाज था। … Read more

पछतावे के आंसू – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

प्रणव जी रिटायर्ड प्रिंसिपल एवं कावेरी जी भूगोल की प्रोफेसर थी। अपने इकलौते पुत्र रुद्र की नौकरी लगने के बाद रुद्र के विवाह के सपने सजाने लगी। उन्हें एक बेटी की बहुत चाहत थी लेकिन वह मंशा पूरी न हो सकी।  सोचा बेटे के विवाह के उपरान्त बेटी की इच्छा भी पूरी हो जाएगी। बहू … Read more

भाभी – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

आर्यन की नौकरी लगने के बाद कई जगह से रिश्तों की लाईन लग गई, लेकिन अम्मा ने रंजना भाभी को देखा और देखते ही कह दिया यह लड़की ही हमारे घर की बहू बनेगी। पता नहीं अम्मा की पारखी नजर ने ऐसा क्या देखा?? रंजना भाभी सुंदर रंग रूप, गुणवान एवं बहुत व्यवहार कुशल थी। … Read more

कीमत – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

शोभना मेरा ड्रेस कहाँ है अभी तक निकाला क्यों नहीं? मुझे ऑफिस जाने के लिए देर हो रही है रोहन जोर से आवाज दे रहा था।   जल्दी करो!!……शोभना  रसोई से दौड़ते-दौड़ते  आई और ड्रेस, टाई, रुमाल, और मैचिंग कैप सब निकाल कर दे दिया।  डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा दिया है, आप जल्दी से … Read more

सीमा रेखा – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

नहीं! नहीं! बिल्कुल नहीं! झरना नौकरी नहीं करेगी। करना ही है तो अपनी ससुराल में जाकर करें, लेकिन इस घर में रहते हुए नौकरी करने का कोई प्रश्न नहीं उठता। सुधाकर जी ने अपना निर्णय सुना दिया। जब आप पिता होकर बेटी को नौकरी नहीं करने देना चाहते हैं तो अनजान परिवार (ससुराल) नौकरी करने … Read more

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