लोगों का तो काम है कहना- शनाया अहम् Moral Stories in Hindi

अरे देखो तो कैसे रंग की साड़ी पहन रखी है, अभी पति को गए दिन ही कितने हुए हैं ,,, अरी ! बहन,दिन चाहे कितने भी हो जाये , विधवा तो सारी उम्र विधवा ही रहती है।  शर्म हया सब बेच खाई है , लगता है  ये शब्द साक्षी के कानों में गरम सीसे की … Read more

अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो -शनाया : Moral Stories in Hindi

बालकनी में डला झूला और उस पर बैठी माही, हर सुबह की तरह आज भी बालकनी में बैठे बैठे अख़बार पढ़ रही थी और आने जाने वाले लोगों को देखकर उसे जो ख़ुशी महसूस होती थी , उसी ख़ुशी को आज भी महसूस कर रही थी।  उसे अच्छा लगता था ऐसे सुबह सुबह सोसाइटी के … Read more

बुढ़ापा -शनाया : Moral Stories in Hindi

बुढ़ापा एक सच्चाई है , जिसे कोई बदल नहीं सकता न ही झुटला सकता है।  बुढ़ापा तो आना ही है ये ही परम सत्य है।  लेकिन कुछ लोग अपनी जवानी के दिनों में ये भूल जाते हैं कि आज भले से वो जवान हैं लेकिन एक दिन उन्हें भी बूढ़ा होना है।  आज की ये … Read more

error: Content is Copyright protected !!