पैसे का गुरुर – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi
रीना को दफ्तर में खाली बैठे -बैठे काफी समय हो चुका था।काम तो कब का खत्म हो चुका था, परन्तु घर जाने की इच्छा नहीं होती।घर का भांय-भांय करता सन्नाटा और खालीपन उसे डराता।काफी समय हो जाने पर उसका ड्राइवर आकर कहता है “मैम!अब घर चलें?” रीना हाॅं कहकर थके हुए कदमों से गाड़ी … Read more