ये घर तुम्हारा भी है””आज का परिवेश” : Moral Stories in hindi

गौरी उठ जा बेटा “” समय देख”””ग्यारह पच्चीस हो गये! पापा आते ही होगें”””” मम्मी जी उठती हूं,बस पांच मिनट “”” उठ जा बेटा लोग क्या कहेंगें””” अरे””””कहने दो””” गौरी ने वापस कम्बल पैर से सिर तक खीच लिया “”” अब गार्गी क्या करे,लड्डू गोपाल को पहले भोग लगाये,या पति के भोग की तैयारी करे”””” … Read more

अनूठा प्रेम -रीमा महेन्द्र ठाकुर  : Moral Stories in Hindi

वो सून्दर सी पालकी “गुलाब के  फूलो से सजी हुई थी।उन फूलो की खूश्बू से पूरा वातावरण सुगान्धित था।हवा के झोकेअपने होने का अहसास दिला रहे थे। रुपमती का यौवन उसकी स्वरलहरियो” जैसा परिपूर्ण था। उसकी लटे उसकी  खूबसूरती कोऔर भी ज्यादा निखार रही थी।पालकी को कहारो ने महल के प्रागंण मे उतारा “बहुत सारी … Read more

एक बदलाव – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : प्रगति  प्रगति,” दरवाजे पर कबसे दस्तक दे रही थी अणिमा ” ये कौन  सुबह सुबह दरवाजा पीट रहा है” नीदं मे खलल होने से” मन ही मन बडबडायी प्रगति ” प्रगति  प्रगति “” ये पक्का अणिमा होगी “गजब की लडकी है” संस्कारों की देवी “अपने बालो को पोनी मे तब्दीली … Read more

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