दिखावा जरूरी है… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…”देखो रवि सारी हमारी पसंद की चीजें हैं… मां हमसे कितना प्यार करती है…  मैंने उससे तुम्हारी पसंद के बारे में… एक बार जिक्र भर किया था.… उसने तो लगता है सबका सब रट डाला…!”  रवि ने पैकेट में से एक सोंठ का लड्डू उठाकर… अपने मुंह में रखा और अनमने ढंग से चलते हुए … Read more

बीमार होने का बहाना… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“तुम्हारा तो रोज का हो गया है… कभी कमर दर्द… कभी पेट… कभी हाथ… आज कुछ नहीं मिला तो घुटना लेकर बैठ गई… अब मुझे तो और कोई काम बचा नहीं लगता है…  अच्छा बताओ… कितना दवा ही खाओगी…  मां… तुम ही से बोल रहा हूं… कुछ तो बोलो…!”  मां गिरिजा देवी कुछ नहीं बोलीं… … Read more

किस्मत… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

चॉकलेट का बड़ा डब्बा… हाथ में लेकर भागती रोहिणी… घर में बिखरे सामानों से टकरा गई…  डब्बा गिर गया… सारे बड़े-बड़े मंहगे चॉकलेट पूरे घर में इधर-उधर फैल गए…  माया ललचाई आंखों से खड़ी होकर यह सब देख रही थी…  रोहिणी यहां वहां से चुनकर सब वापस डब्बे में डाल चुकी… पर फिर भी कुछ … Read more

खुशियों की दिवाली – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

मां सुमित्रा काकी के पास गई थी… दही लाने…  घर में कहां से होगा…  अनुज ने एक दो बार मां को मना करने की कोशिश की…  लेकिन वह भी जानता था… कि वह नहीं रूकेगी…  इसलिए… वह मां का इंतजार किए बिना ही…  घर से निकल गया…  निकलते हुए ही एक बार जोर से आवाज … Read more

सिंदूर… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…दरवाजा अम्मा ने ही खोला था…  धड़ाम से दरवाजा बंद होने की आवाज सुन… काजल ने सिया की तरफ घूर कर देखा… ” बोला था ना… दरवाजा खोल दो… रीता आ रही होगी…!” ‘ सॉरी मां… पर क्या हुआ…!” ” कुछ नहीं… तुम जाओ… स्कूल जाओ…!”   काजल ने टिफिन का ढक्कन बंद कर… उसके बैग … Read more

अपनों का साथ.… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

 कंधे पर दुपट्टा डाल… गीता घर से निकलने ही वाली थी… कि बड़ी भाभी बोल उठीं…   “क्यों अपनी जिंदगी का… सत्यानाश करने पर तुली हैं… यह कोई उम्र है सत्संग करने की… मैं जाऊं करूं तो समझ आता है… आप क्यों रोज निकल पड़ती हैं…!”  वह गीता से उम्र में काफी बड़ी थीं…  ” भाभी… … Read more

अखंड सौभाग्यवती भव… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

मीरा ने अपना बचपन नानी की गोद और ममहर की गलियों में ही बिताया था…  पापा के गुजर जाने के बाद… मां नन्ही मीरा को लेकर अपने मायके ही आ गई थी…  उसके बाद से मीरा के लिए वही घर अपना घर… बस वही लोग अपने लोग… हो गए थे…  नानी मां ने… कभी भी … Read more

नीलांजना ( भाग-11 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…”चोट सचमुच मेरे सर में लगी है… पर आपका सर तो ठीक है ना… अगर कोई सफल न हो… तो क्या उसे जीने का हक नहीं होता…!” ” देखो अभिनव दत्ता… पहेलियां मत बुझाओ…!” उसके बाद… अभिनव ने बिना नीलांजना जी का पता बताए… उनके हरिद्वार से निकलने के बाद क्या हुआ… कैसे हुआ… सब … Read more

नीलांजना ( भाग-10 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…लगभग एक हफ्ते हो गए थे… अभिनव को उस घर में… अब वह पहले से बहुत ठीक था… इस बीच नीलांजना जी और उनकी बेटियों ने अभिनव को कभी किसी कमी का एहसास नहीं होने दिया… शांभवी तो पूरी तरह घुल मिल गई थी भैया से… उसकी पढ़ाई में भी बहुत मदद मिल रही थी… … Read more

नीलांजना ( भाग-9 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

नीलांजना ने आगे कहना शुरू किया … ” मैंने अस्पताल से घर में फोन किया था… मैं नागार्जुन से शायद सब कह देती उसी दिन… मगर फोन मेरी अम्मा… अंकिता की दादी ने उठाया था… नागार्जुन तब तक घर नहीं आए थे… अम्मा ने अंकिता की हालत सुनने के बाद… मुझे घर आने से मना … Read more

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