*माँ की तपस्या* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

सीधी, सहज, सरल, सुशील, सुन्दर सुलभा ने कभी सोचा भी नहीं था, कि उसके बचपन की एक जिद उसे अपने जीवन में कितनी भारी पड़ेगी। सुलभा सर्वगुण सम्पन्न थी, गृहस्थी के कार्य हो या रिश्तों को निभाने की बात वह सब बखूबी करती थी। मगर ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी।वह सिर्फ पॉंचवी कक्षा पास थी। … Read more

*दिखावे की चादर* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

   परेशान हो गई थी सौम्या इस दिखावे की जिन्दगी से। कितना कठिन होता है ,हम जो नहीं है, वह बताने का प्रयास करना। उसे समझ में नहीं आता कि जब हम मध्यमवर्गीय है, तो अपने को उच्च श्रेणी का बताने की यह कैसी जिद है कि परिवार का हर व्यक्ति अपने मे ही उलझा … Read more

आत्मिक लगाव – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  बेसब्री से किसका रास्ता देख रही हो माधवी, मैं तुमसे कल की पार्टी की बातें करना चाहता हूँ,और तुम हो कि टकटकी लगाए दरवाजे की ओर ही देख रही हो,मेरी बातो का तुम पर कोई असर ही नहीं हो रहा।कल अपने घर पर कितनी शानदार पार्टी रही ।‌ कितने लोगों से मिले,कितने बड़े -बड़े लोग … Read more

अनमोल खजाना – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

         शिवदत्त और बलवन्त दो भाई थे, जो माता-पिता की छत्रछाया में  खेती किसानी का काम करते थे। बलवन्त बड़ा था और शिवदत्त छोटा था। बलवन्त के चार बेटे थे। उनकी पढ़ाई में जरा भी रूचि नहीं थी, एक बहिन थी लीला जो शिवदत्त के बेटो से हमेशा ईर्ष्या करती थी, क्योंकि शिवदत्त के दोनों … Read more

* पति पत्नी का रिश्ता कोई खेल नहीं है* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

आशा ने कहॉ – ‘आ बेटा शुभि’….. फिर दरवाजे की ओर देखते हुए बोली- ‘यह क्या अकेली आई है, जमाई बाबू नहीं आए? आज तो रविवार की छुट्टी है, आ जाते तो अच्छा रहता।’ शुभी ने कुछ तमक कर कहॉ- ‘यह क्या हर पल जमाई बाबू…जमाई बाबू की रट लगाए रहती हो, तुम्हें मेरे आने … Read more

*ढलती सॉंझ से मिला तोहफा* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

     सॉंझ ढल रही थी। सूर्य धीरे-धीरे अस्त हो रहा था। अविनाश की नजर दूर क्षितिज पर टिकी थी ,जहाँ अस्त होते हुए सूर्य की लालिमा फैली हुई थी। वहाँ देखकर ऐसा लग रहा था जैसे जमीन और आसमान दोनों मिल रहे हैं। वह सोच रहा था, यह‌ एक आभास ही सही, जो कुछ देर रहता … Read more

*घर की इज्जत का मापदंड* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

घर की इज्जत बचाए रखना परिवार के हर सदस्य का दायित्व है। पर यह घर की इज्जत है क्या? किसी के लिए घर की इज्जत का अर्थ सिर्फ बहू, बेटियों को घर की मर्यादा में रखने तक है। तो  किसी के लिए सिर्फ बहुओं की मर्यादा तक सीमित है। किसी परिवार में घर का हर … Read more

*एक दूजे का सहारा* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

दिलीप और भारती का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था। दिलीप एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी करता था और भारती अपनी गृहस्थी को सुचारू रूप से चलाती थी। वह घर के सारे कार्य अपने हाथ से करती ,और बहुत मितव्ययी थी। दो बेटे थे उन्हें हमेशा अच्छे संस्कार देने की कोशिश की। उनकी शिक्षा … Read more

सास बहू का रिश्ता – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

सुषमा और उसकी सास  ऊषा जी मिलजुलकर प्रेम से रहती थी। सुषमा एक संस्कारी सुशील लड़की थी। सुषमा की शादी हुए दो साल हो गए थे। उसे परिवार में सबका स्नेह, प्यार, और सम्मान मिल रहा था। उसे ससुराल में अपनापन मिल रहा था, और वह भी सबकी सुख सुविधा का ध्यान रखती थी। सास … Read more

*भाग्य रेखा * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

           ‌  ‘माँ !क्या मैं सचमुच भाग्यहीन हूँ? दादाजी, ताऊजी कोई भी मुझसे प्यार से बात नहीं करते। दादीजी, बुआ, ताई जी सब मुझे भाग्यहीन कहकर ही बुलाती है, जैसे यही मेरा नाम हो आपने कितना प्यारा नाम रखा है मेरा। मेरी भी इच्छा होती है ,कि सब मुझे मेरे नाम से बुलाए। मेरे पापा नहीं … Read more

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