डोंट वरी मैं हूॅ॑ ना! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मीता की शादी की तारीख सोहन से तय होते ही घर में खुशी की लहर दौड़ गई। मीता और सोहन की अरेंज मैरिज है जिसे सोहन के पापा के मित्र जो मीता के फूफाजी हैं उन्होंने तय करवाई है। सोहन इंजीनियर है और बैंगलोर में एक मल्टीनेशनल में कार्यरत है।‌ … Read more

वो गर्वीले पल‌‌‌! – -प्रियंका सक्सेना

‘अहा,कितने खूबसूरत पल‌ थे वो मेरी ज़िन्दगी के! आइए आपको भी ले चलती हूॅ॑ मेरे साथ, उन‌ पलों को जी लेती हूॅ॑ एक बार फिर….   मैं कलकत्ता के इंस्टिट्यूट ऑफ़ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ से डिप्लोमा इन डायटीशियन कर रही थी।मैं बात कर रही हूँ सन् १९९२ की, कोलकाता उस समय कलकत्ता के नाम … Read more

दादीजी का श्राद्ध डे! – प्रियंका सक्सेना

कानपुर के तिलक नगर इलाके की एक पाॅश सोसायटी के सातवें माले के प्लैट में आज बड़ी हलचल है। किट्टू के मम्मी पापा बहुत सुबह उठकर नहा धो लिए थे। आठ वर्षीय किट्टू को भी नहला दिया गया था। हाउस कुक शांता आंटी भी सुबह सुबह आकर रसोई में खाना बना रही है। किचन से … Read more

बस अब और नहीं! – प्रियंका सक्सेना

“सीमा,ये क्या! तुम फिर किताब लेकर बैठ गई। आज तो तुम्हें ब्यूटी पार्लर जाना है। जाओ तैयार हो जाओ, भाभी के साथ चले‌ जाना।” माॅ॑ ने हाथ से किताब लेने का उपक्रम किया सीमा बोली,”माॅ॑,परसों मेरा बहुत जरुरी व्याख्यान है। तैयारी नहीं करूंगी तो कांफ्रेंस में हड़बड़ा जाऊंगी।” “हर समय काॅलेज दिमाग में चढ़ा रहता … Read more

मोतीचूर के लड्डू प्रियंका के रसोड़े से 

मोतीचूर का शाब्दिक अर्थ होता है मोती चूर कर पड़े हुए। मोतीचूर के लड्डू बनाने में वास्तव में ही महीन बूंदी रूपी मोतियों को बांधकर लड्डू बनाये जाते हैं। मोतीचूर के लड्डू महीन बूंदी से बनी  बहुत ही स्वादिष्ट मिठाई है। मोतीचूर एक प्रकार का मीठा पकवान है जो बेसन की छोटी छोटी बूँदियों को … Read more

पहली रसोई! – प्रियंका सक्सेना : motivational story in hindi

वात्सल्य और सुनंदा की शादी धूमधाम से सम्पन्न हो गई। सारे रस्मों- रिवाज़ के साथ सुनंदा ने घर में प्रवेश किया। कुछ दिनों तक सगे रिश्तेदार बुआ, मौसी, चाची और मामा लोग घर में रुके हुए हैं। बहू के हाथो बनी पहली रसोई का सबको बेसब्री से इंतज़ार है। पहली रसोई में सभी ने सुनंदा … Read more

 सूनी गोद – प्रियंका सक्सेना

दमयंती जी के घर में आज भागमभाग का माहौल है सुबह मुंह अंधेरे ही दोनों बेटे दोनों बहुओं को लेकर हॉस्पिटल जा चुके हैं। अरे!अरे… कुछ गलत मत समझ लीजिएगा, यह दोनों अपनी पत्नियों को किसी प्रॉब्लम की वजह से नहीं, अपितु उनकी डिलीवरी होने वाली है, इस वजह से हाॅस्पिटल ले कर गए हैं। … Read more

 भाई के होने से ही मायका होता है – प्रियंका सक्सेना 

भार्गव जी और भारती  जी की छोटी पुत्री अर्चना  अपने नाम के अनुरूप पवित्र ह्रदय और मन की निश्छल युवती है। बड़ी बेटी शमिता की शादी हो चुकी है।  शमिता का ससुराल इसी शहर में है। वह पंद्रह बीस दिनों में मिलने घर आ जाती है। भार्गव जी और भारती  जी ने  शमिता को पोस्ट … Read more

इंसानियत जिंदा है अभी! – प्रियंका सक्सेना

आज सबमिशन की डैडलाइन थी, प्रोजेक्ट हैड होने के कारण सुनंदा की जिम्मेदारी थी। सुनंदा जल्दी जल्दी अपना काम निबटा रही थी, एक नजर घड़ी पर देख उसके हाथ और तेजी से कम्प्यूटर पर चलने लगे। शाम के सात बज चुके थे, फटाफट सभी फाइलें भेजी फिर क्लाइंट का कन्फर्मेशन आने के बाद उसने चैन … Read more

खरी दोस्ती! – प्रियंका सक्सेना

काॅलेज में सभी के लिए सुधा और मीनल की दोस्ती मिसाल है। आर्थिक स्तर समान ना होते हुए भी दोनों ऐसे घुल मिल कर रहती मानों शक्कर पानी में घुली हों जैसे! सुधा मीनल में दांत-काटी दोस्ती है, पक्की वाली सहेली हैं दोनों बचपन से ही साथ पढ़ी-खेली हैं।   मीनल का सपना है प्रतियोगी … Read more

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