बाप के जतन – प्रवीण सिन्हा : Moral Stories in Hindi

  चाय पीकर मैं अखबार पलट हीं रहा था कि अचानक मोबाईल की घंटी बजी, हलो कहने पर उधर से रोशन लाल के पुत्र की आवाज आई , अंकल दादा जी नही रहे। मेरे लिए क्योंकि उनकी तबियत लम्बे समय से खराब थी बेटा अंतिम संस्कार कब होगा आज ही 12 बजे होगा कह कर मोबाईल … Read more

कन्या भोज – प्रवीण सिन्हा : Moral Stories in Hindi

आशीष की पत्नी सुरेखा बड़ी धार्मिक स्वभाव की हैं साल के दोनो नवरात्रि के साथ एकादशी का व्रत हर महीने रखती हैं । एकादशी में पंडित जी को दान करना नहीं भूलती हैं । दोनो उच्च शिक्षित हैं और दोनो ही मल्टीनेशनल कम्पनी में सर्विस करती हैं । अच्छा खासा वेतन हैं यही कोई 22 … Read more

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