झिलमिल सितारों का आंगन होगा – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

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आज रेवा और सुकेश की शादी थी। दोनों का प्रेम विवाह था। पर दोनों तरफ के घर वाले भी रजामंद थे, इसलिए शादी बेहद धूमधाम से संपन्न हुई। दोनों 15दिन के लिए हनीमून पर इटली भी हो आए। दोनों अच्छी खासी फैमिली से थे, तो परिवार में पैसे की तंगी तो थी नहीं। और सुकेश … Read more

खैरात के पंख – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

मिशिका जल्दी जल्दी अपना काम निपटा रही थी, उसने जो पर्सनेलिटी विकास की क्लास ज्वाइन की थी, उसका समय हो रहा था, उसकी भतीजी बार बार बुलाने आ रही थी, बुआ , क्लास के लिए जाना नहीं है क्या, बस सोमा हाथ का एक काम खत्म कर लूं, पर बुआ तुम्हारी बस , भी तो … Read more

आंखों पर बंधी पट्टी। – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

आज आफिस में बहुत काम था, कमर दुखने आ गई, काम करते करते, फिर छः बजे का एलारम गूंजा, तो टीया की तंद्रा टूटी, वह फाईलें समेट उठ खड़ी हुई।थके कदमों से बाहर निकली ही थी,कि आसिमा आतीं दिख गई, और टिया कैसा दिन रहा तेरा। बड़ा ही हैक्टिक, वहीं ढेर सारी फाइलें और और … Read more

उद्घघोष विश्वास का – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

जिज्ञास मूर्ति को आकार देते अपने पिता से आपस में बात भी करते जाते, क्यों पिता  जी अगर हम इस मूर्ति को आकार देने में सफल हो पाए तो हमारा यह पहला आर्डर आने की बात बननी शुरू हो पाएगी। अभी कहां, जिज्ञासा पहले यह मूर्ति इस लायक बने कि हम इसे प्रदर्शनी के लिए … Read more

जिंदगी कितनी खूबसूरत है,आइए आपकी जरूरत है। – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

मुग्धा,मधु,रेशू, असीम,निलेष रमेश तथा कुमार अपने नुक्कड़ नाटक को लेकर बात करते जा रहे थे। सात सदस्यीय ये टीम किसी संगठन से कम नहीं थी। विशेश्वर कालेज में पढ़ने वाले ये लोग बी काम के छात्र थे, पर जैसे सभी समस्याओं से जूझना इनका प्राथमिक लक्ष्य था। समाज में चल रही आपाधापी को ये लोग … Read more

काठ सी सख्त जिंदगी – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

आस्ट्रेलिया से लौटते हुए मिहिका विमान में बैठी अभी दोपहर बाद के बारे में ही सोच रही थी, रह रह कर उसे मिली ये ट्राफी  खुशी का अहसास करा जाती थी। वह सुबह वह दो दिन आस्ट्रेलिया में रही, आस्ट्रेलिया उसे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। … Read more

मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया। – पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

 विशाखा कहां खोई है, चल बस का समय हो गया है, लेट पहुंचे तो सही से खड़े होने को भी जगह नहीं मिल पाएगी। आंहां, चल अलसाई सी विशाखा उसका उत्तर देने लगी। और कहां खोई होगी, फिर राम के बारे में ही सोच रही होगी, क्यों सही कहा न मैंने, रीमा उसकी शक्ल देखते … Read more

कहीं तो मिलेंगी – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

कनक बड़े मनोयोग से सारी प्रक्रिया का अवलोकन कर रही थी। वह बड़ी ही हैरानी से बड़े बड़े हवाई जहाजों को देख कर आश्चर्य चकित हो रही थी। अभी अभी उसके सामने एक एरोप्लेन लैंड किया था। उसने पिता से पूछा क्या वह आगे जाकर देख आए। पिता के हां कहने पर वह थोड़ा आगे … Read more

मुट्ठी भर आसमां – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

 नवकुंज  एक अच्छी सोसायटी है, जो कि अभी दो साल पहले ही बनी है। यहां उच्च तथा उच्चतम श्रेणी में आने वाले रहते हैं। सभी सुविधाओं से सुसज्जित यह सोसायटी आने वालों की नजर में आ जाती है। इन्हीं घरों में से रहने वालों में एक घर में मिनाक्षी भी अपने माता-पिता तथा बड़े भाई … Read more

दरकते रिश्ते – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

   ईका और अनिमा दोनों अच्छी बहने है। ईका अनिमा की दूर की रिश्ते में भाभी की बेटी है। दोनों एक ही मोहल्ले में रहतीं हैं। दोनों इकट्ठे ही पढ़ने जाती हैं। बाकी का दिन का हिस्सा भी इकठ्ठे ही बितातीं। कभी ईका अनिमा के घर तो , कभी अनिमा ईका के साथ मार्केट गयी होती। … Read more

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