शादी – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

मि. अभय एक प्राइवेट कंपनी में क्लर्क थे, उनकी पत्नी हाउस वाइफ थीं, ओर उनके 2 लड़के थे। बड़ा बेटा रोहन इंजीनियर था और आगरा में प्राइवेट कंपनी में नोकरी करता था। संडे के सन्डे घर आता था। छोटा बेटा मोहन बी.कॉम करके यही दिल्ली में ही काम करता था और माता पिता के साथ … Read more

दूसरी औरत – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

रामू ईट भट्ठे पर काम करता था। रोज ट्रक भरता ओर रोज ही पैसा मिल जाता। शाम को घर जाते समय जरूरी सामान लेकर जाता, तभी रात का खाना बनता ओर बचे हुए पैसे अपनी पत्नी कमला को दे देता। कमला लोगो के घरों में काम करती और घर खर्च में हाथ बटाती। बेटी लीला … Read more

सिंदूर – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

पढ़ लिख कर कनिका ने नोकरी शुरू की ओर साथ ही शुरू हुई सपनो की उड़ान। छोटे शहर से आई और कारपोरेट में जॉब, जेब में ढेर सारे पैसे, अकेले रहना, पूरी मर्जी की मालिक, कोई रोकटोक नही, बस एकदम आजाद पंछी, पर हर काम एक सीमित दायरे में। उसकी खूबसूरत मुस्कान ओर सूंदर कद … Read more

कर्मा (जीवन का सार) – एम.पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज के दूसरे साल में था। कॉलेज के बाहर एक टपरी पर चाय पी रहा था औऱ फर्स्ट ईयर के एक लड़के का इंट्रो ले रहा था। तभी देखा कि एक लड़का साइकिल पर तेजी से आता हुआ अनबेलेन्स होकर हमारे सामने गिर गया। ढलान की वजह से … Read more

पड़ोसी या परिवार? – एम. पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

सुमित ओर उसकी बीवी डिफेंस कॉलोनी में रहते थे ओर दोनो काफी मिलनसार थे।कहने को तो उनका पूरा परिवार था, 2 भाई, 1 बहन और उनके बच्चे। उनका बेटा अतुल, उनकी बहू ओर उनकी बेटी। सुमित के दोनो भाई नोकरी करने दूसरे शहर चले गऐ ओर वही सैटल हो गए। बहन भी शादी दूसरे शहर … Read more

परिवार – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

पंडित रमाकांत के दो बेटे थे, रामलाल और मोहन लाल। पढ़ने में राम ठीक ठाक था ओर आज्ञाकारी था ओर मोहन पढ़ने में तेज पर नटखट ओर कामचोर था, पर दोनों भाईओ में खूब पटती थी। मां हमेशा मोहन को ही डांटती रहती और राम जैसा बनने के लिये कहती। मॉ हमेशा कहती कि मैं … Read more

रेजोल्यूशन – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

न्यू इयर पर आफिस स्टाफ ने पार्टी अरेंज की। पार्टी के 2 ही मुख्य अट्रैक्शन थे, शराब और मुर्गा। मैं इन दोनों चीज़ो से दूरी बनाए रखता था, पर न चाहते हुए भी मना न कर सका, क्योंकि बॉस ओर सहकर्मी सभी अपनी फैमली के साथ आ रहे थे। पार्टी में कुछ पुरुषों और महिलाओं … Read more

दोस्त – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

कॉलेज के पहले साल की बात है, हम तीनों दोस्त, अजय, मोहन ओर मैं इकट्ठे पढ़ाई करते थे। टेक्निकल बुक्स काफी महंगी होती थी, इसलिए हम सब 3-3 अलग अलग बुक्स खरीदते ओर 2-2 बुक्स लाइब्रेरी से इशू करा लेते थे। फिर रिटर्न ओर रि-इशू से पूरा साल निकाल देते थे। एग्जाम के दिन थे, … Read more

रिश्ता – एम.पी.सिंह : Moral Stories in Hindi

आनंद, शाम को तैयार रहना, तेरे लिये लड़की देखने जाना है, बिना जवाब सुने पापा बाहर निकल गए। ये आवाज अक्सर कानो मे पड़ती। फिर हम लड़की देखने जाते, मॉ को अगर लड़की पसंद आती तो बाबूजी मना कर देते, अगर दोनों को पसंद आती तो मैं मना कर देता। ये सिलसिला लगभग साल भर … Read more

किसान – एम.पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

परिवार के साथ कार से मनाली घूमने गया था। बच्चा छोटा था इसलिए बार बार रुकना पढ रहा था। एक जगह रुक कर बच्चे के लिये दूध बनाने के किये गरम पानी लिया और चाय पी। होटल वाले ने 50 रु लिये, 20-20 रु चाय के ओर 10 रु गरम पानी के।  तब मुझे अपने … Read more

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