जुग जुग जियो – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

दिवाली का दिन था।सुषमा सुबह से ही उदास थी उसे रह रहकर पति की याद आ रही थी।कहने को बेटा बहु साथ में ही थे फिर भी ना जाने क्यों उसे अकेलापन सा सता रहा था।सब अपनी मर्जी से काम कर थे..चाहे वो घर की सजावट हो..सबको क्या देना है..या फिर पूजा की तैयारी हो।कोई … Read more

आंटी मत कहो मुझे – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रमा किचन में काम कर रही थी तभी उसे नीचे से किसी के जोर जोर से बोलने की आवाज आई।उसने बालकनी में से झांककर देखा तो उसकी बहु प्रिया,जो जिम होकर आई थी आठ दस साल के लड़के के साथ झगड़ा कर रही थी -“तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे आंटी कहने कि..? मैं तुम्हें आंटी … Read more

कोई मुझे प्यार नहीं करता – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“मेरी तो किस्मत ही काली स्याही से लिखी गई है..कितना भी कर लूं किसी के लिए कोई मुझे प्यार नहीं करता।” नेहा रोते रोते अपनी सहेली रिया से बोली।  “नेहा हो सकता है तेरा सोचने का तरीका गलत हो..तुझे किसी का प्यार दिखाई ही नहीं देता हो।” “रिया यही तो प्रॉब्लम है..सब मुझे ही गलत … Read more

“काश ! मैं भी स्वार्थी होती ” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रिया आज बहुत उदास थी क्योंकि उसने सच्चे प्यार को जो ठुकरा दिया था।और करती भी क्या वो?जिम्मेदारियों के बोझ तले दबी हुई थी।घर में कमाने वाली वो अकेली ही तो थी।पिता के जाने के बाद छोटे भाई बहन और माँ की जिम्मेदारी उसके ही कंधों पे आन पड़ी थी।कैसे इन जिम्मेदारियों से मुँह मोड़कर … Read more

मेरी खुशियों की चाबी,मेरी भाभी – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रिया आज विदा होकर अपने ससुराल जा रही थी।वैसे तो वह मेरी बेटी थी,किन्तु लड़का ढूंढने से लेकर कन्यादान तक की सारी जिम्मेदारियां रूपा भाभी ने बड़ी आत्मीयता से निभाईं थीं।वह रिया को एक अच्छी पत्नी व बहू बनने के सीख दे रहीं थीं..समझा रहीं थीं,कि अपने व्यवहार से सबका दिल जीतना।मैं तो बस मूक … Read more

सपनों की उड़ान – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

मीना को बचपन से गाने का बहुत शौक था आवाज भी अच्छी थी कभी कभार शादी ब्याह में या छोटी मोटी पार्टी में गाना गा लेती थी।मीना की सुरीली आवाज़ और गाने के शौंक़ को देखकर,रिश्तेदार मीना के माता पिता को यही सलाह देते थे,कि वो बेटी को संगीत की शिक्षा दिलाए ओर इसी क्षेत्र … Read more

सैलाब तो आना ही था – कमलेश आहूजा  : Moral Stories in Hindi

“हेलो माँ मैं निधि बोल रही हूँ आप जल्दी से हमारे पास जाओ। इनकी तबियत ठीक नहीं है।” बहू का इतने दिनों बाद फोन आया वो भी बेटे के स्वास्थ्य को लेकर तो सुगंधा चिंतित हो गई। घबराकर बोली-“क्या हुआ प्रतीक को?” “कल ऑफिस में अचानक इनकी तबियत बहुत खराब हो गई थी। ऑफिस के … Read more

पैसे का गुरुर – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“हेलो शुभी आज ऋचा दीदी का फ़ोन आया था वो लोग यहाँ आए हुए हैं। शाम को अपने घर आएंगे। नाश्ते की तैयारी करके रखना। इसलिए तुम्हें फोन किया।” रोहन अनमने मन से बोला  “ठीक है जी।” कहकर शुभी ने फोन रख दिया।  ऋचा दीदी के आने की खबर सुनकर शुभी को बड़ा आश्चर्य हुआ … Read more

‘ पश्चाताप ‘ – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रोहित और रीना एयरपोर्ट से जैसे ही बाहर  निकले तो उन्हें कैब मिल गई।बिना देर किए दोनों कैब में बैठ गए।कैब बहुत तेजी से सड़क पर भाग रही थी और रोहित के कानों में रह-रहकर माँ के वो आखिरी शब्द गूँज रहे थे..बेटा तेरी बहुत याद आ रही है,हो सके तो एक बार आ जाना..!! … Read more

“बाबुल की यादें ” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रमा बड़े दिनों बाद बहू बेटे के साथ अपने घर आई थी,घर बहुत गंदा हो गया था।बहू ने किचन संभाल ली और रमा घर की साफ-सफाई करने में जुट गई।रमा ने अपनी अलमारी को साफ करने के लिए जैसे ही खोला तो उसमें से एक फाइल निकलकर नीचे गिर गई।उसने फाइल को उठाया और खोलकर … Read more

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