बोझ नहीं आशीर्वाद हैं माता-पिता – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नेहा की माँ के चौथे की रस्म थी। मेहमान अभी गए भी नहीं थी कि उसकी भाभी प्रिशा उसके पास आई और बोली-” दीदी एक बात बताओ? आपके भाई हर महीने माँ को इतना पैसा भेजते थे क्या करती थीं वो इतने पैसों का? थीं तो अकेली जान कितना खर्चा होता होगा? जरूर जो पैसा … Read more

“घर जमाई ” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“रोहित,अब और मैं यहां नहीं रह सकती।छोटे से घर में मेरा दम घुटता है। पापा मम्मी का इतना बड़ा घर खाली पड़ा है हम लोग वहीं चलकर रहते हैं। पापा भी कितनी बार कह चुके हैं।”नेहा मुंह बनाते हुए बोली। कहने को नेहा और रोहित की लव मैरिज हुई थी पर नेहा शुरू के दिन … Read more

 ‘ तुम भी किसी की बुआ बनोगी ‘ : कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

स्कूल से आते ही गुस्से से पीहू ने बैग सोफे पे पटका और सरोज से बोली “दादी,मैं स्कूल में आज इरेसर ले जाना भूल गई थी..मुझे कुछ मिटाना था इसलिए मैंने अपनी फ्रेंड शीना से इरेसर मांगा तो उसने मुझे नहीं दिया…कहने लगी..मेरा इरेसर खराब हो जाएगा।मेरी सारी ड्राइंग खराब हो गई..मैडम ने भी मुझे … Read more

आपने मेरे लिए क्या किया है – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

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“आपने मेरे लिए क्या किया है?” बेटे रोहन के मुंह से ऐसे कठोर शब्द सुनकर सरिता की आंखों में आसूं आ गए।जिस बेटे को इतने नाजों से पाला अपनी रातों की नीद कुर्बान की वही आज उसकी परवरिश पे सवाल कर रहा था वो भी बहु प्रिया के सामने जिसने आते ही पूरी तरह से … Read more

 “परिवार की खुशियां” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नीता थकी हारी ऑफिस से आई..सारा घर बिखरा हुआ देख मन ही मन में बोली..लगता है आज फिर काम वाली नहीं आई। रोज नीता सुबह आठ बजे घर से ऑफिस के लिए निकल जाती थी और पति नवीन दस बजे के करीब ऑफिस के लिए निकलता था।इस बीच वो कामवाली से काम करवा लेता था।अपना … Read more

रिश्ता वही निभता है जो बराबरी का होता है – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

मीना के पति की नौकरी दूसरे शहर में लग गई थी।वैसे वो बहुत खुश थी क्योंकि पति को बड़ी कम्पनी में नौकरी मिलने के साथ साथ बड़ा पद भी मिला था बस दुख यही था कि वो अपनों से दूर जा रही थी। मीना लंबे समय से पति व बच्चों संग अपने मायके के शहर … Read more

रिश्ते बोझ नहीं होते – कमलेश आहूजा  : Moral Stories in Hindi

“सुनो छवि,मैं किसी काम से बाहर जा रही हूँ तुम दोपहर का खाना बना लेना।”नेहा आर्डर देते हुए बोली।”  “भाभी,मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है मैं खाना नहीं बना पाऊँगी।” नेहा रुआँसी होकर बोली। “तुम्हारा तो रोज का ही कुछ न कुछ प्रॉब्लम रहता है…काम के नाम पे कभी सर में दर्द तो … Read more

दिल में प्यार हो तो पराए भी अपने बन जाते हैं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

हमेशा की तरह सरोज के भाई का इस बार भी राखी का पांच सौ रुपए का मनीऑडर आ गया।ना ही उसने कोई फोन किया,कि दीदी तुम्हारी राखी मिल गई थी ना ही उसकी कोई चिट्ठी आई।सरोज की आँखें फिर से नम हो गईं।माता पिता के जाने के बाद सरोज के छोटे भाई साहिल ने तो … Read more

रोज रोज का सिलसिला बंद हो – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रोज रोज का सिलसिला बंद हो ये सिलसिला रोज का होने लगा पूजा की नन्द रेवती आए दिन ससुराल वालों से झगड़कर मायके आ जाती थी। पूजा के सास ससुर व पति उसे समझाने की बजाय और शय देते थे। रेवती शुरू से जिद्दी व क्रोधी स्वभाव की थी। हर समय घर में क्लेश करती … Read more

लव मैरिज वाली बहु – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

सरोज की जब आंखें खुली तो उसने अपने को अस्पताल के बेड पर पाया। धीरे-धीरे उसे सब कुछ याद आने लगा। घर में अचनाक उसकी तबियत खराब हो रही थी..सीने में दर्द सा हो रहा था पर घर में कोई नहीं था।दोनों बेटे ऑफिस गए हुए थे।छोटी बहु अपनी किट्टी पार्टी में गई हुई थी।बड़ी … Read more

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