परोपकारी – के . कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

ओमप्रकाश एक प्राइवेट कंपनी में काम करते  थे । उनका छोटा सा परिवार था माता-पिता , पत्नी और दो लड़कियाँ थीं । जितना भी वे कमाते थे उससे उनकी ज़िंदगी आराम से गुजर जाती थी । पिता पोस्ट मास्टर करके रिटायर हो गए थे और उन्होंने एक घर भी बना लिया था । इसलिए भी … Read more

बहन – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुनीता बाज़ार से सब्ज़ी लेकर आई और सब को फ्रिज में जमा करके सीरियल देखने के लिए टी वी ऑन करती है । उसी समय उसके फोन की घंटी बज उठी । इस समय कौन हो सकता है सोचती हुई फोन उठाने गई क्योंकि उसकी सहेलियों में सबको पता है कि सीरियल देखने के लिए … Read more

क्या कहें हमारे तो कर्म ही फूट गए जो ऐसी संतान को जन्म दी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

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शारदा घर के सारे काम ख़त्म करके टी वी देखने के लिए बैठक में पहुँची । उसके पति रघुनाथ जी ने हँसते हुए कहा कि तुम्हारे सीरियल का समय हो गया है क्या? शारदा ने हाँ में सर हिलाया और सीरियल देखने लगी तभी अचानक टी वी बंद हो गया था तो उन्होंने सोचा बिजली … Read more

नाराज – क़े कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मेरे पति के साथ मेरा कोल्ड वार चल रहा था पूछिए क्यों ? दो महीने पहले मेरे ससुर की मृत्यु हृदयाघात से हो गई थी। वे गाँव के सरकारी स्कूल में गणित के शिक्षक थे। वहीं गाँव में ही उन्होंने दोमंजिला घर बनवाया था और आराम से रह रहे थे। उनके दो बेटे थे। मेरे … Read more

बहू आँखों में आँसू भरकर अपने सास के पाँव में झुक गई – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

गौरीशंकर को आज अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था । एक सप्ताह पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था । उनका बड़ा बेटा सुबोध अमेरिका में रहता था ।  इसलिए पिता को देखने नहीं आ पाया था । छोटा बेटा सतीश बैंगलोर में रहता था वह पिता … Read more

प्यार करने का हक आपको भी है – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

ज्योति मेडिकल कॉलेज से बाहर आई और हॉस्टल की तरफ़ मुड़कर जाने लगी आज उसे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि उसका हाउस सर्जन का आख़िरी दिन था । अब वह डॉक्टर बन गई है । डॉक्टर ज्योति वाहह !!! उसी समय पीछे से मनोज ने आवाज़ दी ज्योति रुको । मैं भी आ रहा … Read more

मैं काम नहीं करूँगी – के कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

अहल्या के पति मनोज कॉलेज में मेथ्स विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे । वे खुद हाउस वाइफ़ थीं । उनके दो बेटे हुए हैं । उनकी क़िस्मत अच्छी नहीं थी या भाग्य का खेल था कि बड़ा बेटा रमेश गूँगा और बहरा पैदा हुआ था । उनका छोटा बेटा राघव बहुत ही होशियार था … Read more

अपना घर अपना ही होता है – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

घनश्याम जी के गुजर जाने के बाद उनके दोनों बेटों ने अपनी माँ को बाँट लिया था । सीता किसी के भी पास नहीं जाना चाहती थी । उसे लगता था कि मैं अपने ही घर में पति की यादों के सहारे जी सकती हूँ । अपना घर तो अपना ही होता है । लेकिन … Read more

ख़ानदान की इज़्ज़त – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

सुप्रिया और स्वाति दोनों एक ही ऑफिस में नौकरी करती थी घर पास होने के कारण साथ में मिलकर ऑफिस जातीं थीं । उनका एक दूसरे के घर आना जाना भी लगा रहता था । सुप्रिया की बेटी मधु और स्वाति की बेटी सविता एक ही कक्षा में पढ़ती थी पर अलग अलग स्कूलों में … Read more

इंतज़ार – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुनंदा को वृद्धाश्रम में आए तीन साल हो गए थे । वह किसी से भी ज़्यादा बात नहीं करती थी । अपना अलग से अकेले ही बैठती थी । इन तीन सालों में नंदिता के अलावा उसने किसी से भी बात नहीं की थी । कोई प्रश्न पूछता भी है तो हाँ , न में … Read more

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