बुरा वक्त हमारे जीवन को नयी दिशा दे जाता है – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

जिंदगी में सब-कुछ बड़ा हीं सुखद और सरलता के साथ चल रहा था….  वाणी और मयंक अपनी एकलौती बेटी के साथ जीवन के मजे लेते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे…  वैसे तो वो संयुक्त परिवार में रहते थे परंतु अभी केवल घर में मयंक का हीं ब्याह हुआ था…  दो भाई और एक बहन … Read more

साक्षात अन्नपूर्णा – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

अपने घर की लक्ष्मी और अन्नपूर्णा रश्मि… जिसके हाथों में ऐसा जादू था जिससे वो साधारण से खाने को भी इतना स्वादिष्ट बना देती कि,खाने वाला तृप्त हो जाता। उसके पिताजी हमेशा कहा करते कि, मेरी रश्मि तो साक्षात अन्नपूर्णा का स्वरूप है… रश्मि हर दिन भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यंजन बना कर सबको खिलाया करती… … Read more

 मेरी आत्मा को दुःख देकर तू कभी सुखी नहीं रह सकती – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

सांवला रंग और दोहरे हाड़ काठ की प्रमिला काकी जब तन कर चलती तो लोगों को उनके स्त्री कम पुरूष होने का आभास अधिक हुआ करता… तीन बेटियां और दो बेटे होने के दंभ के साथ वो जब रास्ते में निकलती तो… अनायास हीं मुहल्ले की स्त्रियां ईर्ष्या से भर उठती… प्रमिला काकी की बेटियां … Read more

 मां बनना सरल नहीं होता… – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

अपनी पहचान खो कर एक नव सृजन करना पड़ता है… प्रसव गृह की पीड़ा को केवल एक मां हीं समझ सकती है…. प्रसव गृह में चार नर्सें और दो लेडिज जूनियर डाक्टर और एक महिला सर्जन लगातार प्रसूता स्त्री का हौसला बढ़ाए जा रही थीं। वाह बहुत अच्छा…  थोड़ी सी और हिम्मत दिखा दो बस…  … Read more

 नारी वस्तु नहीं होती – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

सुलोचना ताई सोच लो बेटी तो चली हीं गई अब कहीं ये दुधमुंही पोती भी !!!!  तुम इसको भी???  आंखों में बेशर्मी और लहजे में हरामीपन लिए गुड्डी का ज्येष्ठ जब सुलोचना ताई से बोला तो सुलोचना ने झट से पोती को सीने से लगा लिया। गुड्डी का ज्येष्ठ होंठों पर कलुषित मुस्कान लिए आगे … Read more

 मुंह मोड़ना – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

चेहरे पर गंभीरता की चादर ताने अक्षर अक्सर कालेज में अकेला हीं रहा करता था। उसके दो चार गिने चुने दोस्त थे जिनके सामने वो जी भर कर हंसा करता था। और उनसे हीं अपनी भावनाएं सांझा किया करता। अंतर्मुखी स्वभाव के कारण वो नये लोगों के सामने कम हीं घुल-मिल पाता था। लड़कियों के … Read more

 स्वार्थी संसार – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

एक तीन साल की बच्ची के बाद दिशा दूसरी बार मां बनने वाली थी। घर में इस खुशखबरी को सुनकर किसी को अधिक प्रसन्नता नहीं हुई क्योंकि घर में सबको जहां नयी बहू की तरफ से उम्मीद थी इस खुशखबरी कि वहीं बड़ी बहू की तरफ से मिली ये खुशखबरी भला उन्हें खुशी कैसे दे … Read more

नमक मिर्च लगाना – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

जबसे सुमन ब्याह कर आई थी, परिवार के किसी भी सदस्य से उसका जुड़ाव नहीं हो पा रहा था… और इसका सबसे अहम कारण था सुमन का स्पष्ट व्यवहार… उसे घुमावदार बातें करनी आती हीं नहीं थी… बातों में नमक मिर्च लगाकर उसे चापलूसी की चाशनी में लपेट कर कहने का हूनर उसने सीखा हीं … Read more

आखिर क्यों – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

जैसे हीं जयमाला की रश्म समाप्त हुई मेहमानों को भोजन परोसा जाने लगा। थाली देख मेहमानों का आपस में खुसर-फुसर शुरू हो गया। ये कैसा खाना है??  विवाह में कोई ऐसा खाना खिलाता है क्या??  हमें पहले से पता होता तो हम तो आते हीं नहीं…  इतना खर्च कर के हम ये खाने आए थे … Read more

अपनी औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

कुलक्षणी जाने किसका पाप रखी है तू अपने पेट में…  अभी मैं तेरी और इस पाप के औलाद की सारी कहानी खत्म कर दूंगा..  इतना कहकर बलराम ने रमा पर जैसे हीं अपना हाथ उठाया रमा ने उसका हाथ पकड़ लिया। और बोली-बस अब और नहीं बहुत सह लिया मैंने,मैं अपने लिए सब-कुछ सुन सकती … Read more

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