टूटी हुई बांसुरी – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

रामदेव व्यापारी थे। नंदनगर के बड़े बाजार में दुकान थी। मंडी में उनकी अच्छी साख थी। परिवार में पत्नी रेवती तथा दो बच्चे-अचल और जूही थे।सर्दियों का मौसम था। रामदेव रेवती और बच्चों के साथ मकान की छत पर बैठे थे। घर के सामने बगीचा था। देखा, वहाँ बैठा एक व्यक्ति बाँसुरी बजा रहा है। … Read more

तनुजा के भगवान – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

तनुजा ने देखा दादी पूजा कर रही थीं। उसने माँ से आइसक्रीम के लिए पैसे माँगे थे, पर उन्होंने कहा, “हर समय आइसक्रीम! नहीं आज नहीं, कल पापा से कहना। वह दिलवा देंगे।” तनुजा को बुरा लगा, पर चुपचाप दादी के पास आ गई। जब मम्मी-पापा किसी चीज के लिए इंकार कर देते हैं तो … Read more

चलो तस्वीर में – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

मैने 27 वर्षों तक बच्चों की लोकप्रिय ‘पत्रिका ‘नंदन के संपादन का कार्य किया। इस दौरान विश्व साहित्य की लगभग ३०० महान कृतियों का संक्षिप्त रूपांतर करने का अवसर मिला. विश्व साहित्य में बच्चों की अनेक श्रेष्ठ पुस्तकें मौजूद हैं जिनके अनुवाद और रूपांतर लगभग हर भाषा में हुए हैं .P.L.Traverse की पुस्तक Marry Poppins … Read more

आशीर्वाद – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

आधी रात बीत गई थी, पर वीरजी को नींद नहीं आ रही थी।अँधेरे कमरे में बैठे-बैठे तबीयत घबराई, तो वीर जी दरवाजा खोलकर बाहर निकल आया। घर के आगे सड़क पर इधर-उधर चहलकदमी करने लगा। सब तरफ गहरा सन्नाटा था। दूर-दूर तक कोई नहीं था। कुछ देर वहाँ खड़ा रहने के बाद अंदर जाने को … Read more

अध्यापक – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

रामेश्वर हमेशा उस बस में चढ़ता है, जिसमें यात्री ठसाठस भरे होते हैं। कोई उससे इसका कारण जानना चाहे तो वह हँसकर रह जाएगा। बस में रामेश्वर की आंखें उस काली टोपी वाले की ओर लगी हुई थीं, जो इस समय उससे थोड़ा आगे खड़ा था। वह काली टोपी वाला व्यक्ति काफी देर से रामेश्वर … Read more

उसके आंसू – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

हमारे पड़ोस में एक चित्रकार परिवार रहने आया है। चित्रकार का नाम अजित है। लोग कहते हैं कि उनके बनाये चित्र बहुत पसंद किये जाते हैं। कई शहरों में उनके चित्रों की प्रदर्शनियां हो चुकी हैं। मैंने कुछ सोचा और फिर एक दिन उनके दरवाजे की घंटी बजा दी। द्वार अजित ने खोला। बोले-‘आइये, अंदर … Read more

दावत का दिन – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

मैं स्टैंड पर बस की प्रतीक्षा का रहा था। तभी आवाज आई-‘ भगवान के नाम पे कुछ मिल जाये….’-यह चरण की गिडगिड़ाती आवाज थी। वह बस स्टैंड के पास बैठ कर भीख माँगा करता है। कई बार पुलिस उसे वहां से भगा चुकी है पर कुछ दिन बाद दोबारा लौट आता है। मैंने कुछ सोचा … Read more

खरा खोटा – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

रंगी बाबा को सब सनकी कहते थे। उनकी आदतें कुछ विचित्र थीं। जैसे एक तो यही कि उन्होंने कभी कोई दुकान नहीं चलाई, लेकिन फिर भी मोमबत्तियाँ बेचा करते थे। हमारी गली में कोने वाले मकान में रहते थे। जब कभी रात को बिजली चली जाती तो वह झट छोटी-सी चौकी दरवाजे के पास रख … Read more

माँ के पास जाना है – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

एक बार की बात है, दो डाकुओं ने बहुत उत्पात मचाया हुआ था। वे हमेशा काले कपड़ों में रहते, चेहरों पर भी काली नकाबें लगाते। कोई उन्हें पहचान ही न पाता। और वैसे भी पहचानने का कोई सवाल नहीं था, अँधेरे में उनकी गरजदार आवाज सुनकर लोगों की आधी जान तो पहले ही निकल जाती … Read more

मैं यहाँ= तुम कहाँ – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

किसी पहाड़ी स्थान पर एक संत की कुटिया थी। पहले वह पर्वत शिखर पर, गुप्त गुफाओं में तप करते थे। बाद में कभी-कभी लोगों के आग्रह पर बस्ती में भी आने लगे। भक्तों ने कुटिया बना दी तो वहाँ रहना उनकी विवशता हो गई। भला अपने श्रद्धालुओं का आग्रह कैसे टालते। संत रहने लगे, तो … Read more

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