घर की इज्जत – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

सुबह सुबह रसोई में जाकर चाय चढ़ाई ही थी की डोर बेल बज गई। इस वक्त कौन आया होगा सोचती हुई अरुणा जी ने गेट खोला । “”अरे शुचि तुम ? और अचानक?” शुचि( अरुणा जी की बेटी ) शुचि मम्मी से लिपट लिपट कर रोने लगी। एक बार को तो अरुणा जी को कुछ … Read more

बेटी के मोह में पढ़ कर सही गलत का फर्क करना भूल गई थी। – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

कल शाम से चुलबुली नंदिता ने घर  को अधर कर रखा था। भाग भाग कर काम कर रही थी ।उसकी ननद शेली अपने पति  और बच्चो के साथ नंदिता की शादी के बाद पहली बार आ रही थी। हालाकि शादी को साल भर हो गया था पर लोकेडाउन की वजह से किसी का आना जाना … Read more

मोहताज – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

आंखो के लिए भी नीचे काले काले रंग निशान ,चेहरा पीला सा पड़ गया था। हाथ पैरों में तो मानो जान ही नहीं रही। अकेले कमरे में घुट घुट कर बैजान सी हो रही थी। वो बिंदास रहने वाली पूजा। जैसा नाम वैसा ही व्यवहार । सबसे मिलना जुलना हसना ,हसाना मानो फूल सी काया … Read more

जब बच्चो को अकेले रहने की आदत हो जाती है तो बड़े बुजुर्गों से उन्हें बंधन दिखाई देने लगता है। – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी बुरा मत मानिएगा छवि हमेशा अकेली रही हुई है ना? हो सकता है उसकी कोई आदत से आपको ठेस पहुंचे वैसे तो मैने समझा दिया है। I पर फिर भी…..? रितु ने अपनी सासु मां को बताया। बंगलौर में छवि हमेशा अपने मम्मी ,पापा के पास ही रही ओर वे दोनों इंटरनेशनल कंपनी … Read more

पछतावे के आंसू – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अभी नींद लगी भी नहीं होंगी की मोबाइल की रिंग टोन ने जगा दिया। रंजना ने उठ कर पहले लाइट जलाई देखा रात के 12:00 बजे थे। इस समय किसका कॉल है ? पर पैशा ही ऐसा है। कॉल रिसीव किया। हेल्लो मैडम एक महिला का एक्सिडेंट हो गया है। बहुत खून बह रहा है? … Read more

काश ऐसे समझने वाली सास हर घर में हो? – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

जब नेहा शादी होकर आई रसोई के कार्यों से अनभिज्ञ थी। नेहा की मम्मी ने पहले ही कह रखा था। मेरी नेहा रसोई के काम में परफेक्ट नहीं है ये बात सासू मां अच्छी तरह से जानती थीं। इसीलिए पैर छुआई के समय एक डायरी देते हुए कहा ” बेटा मैं रहूं या ना रहूं … Read more

भाभी – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अरे मिन्नी इतनी सारी वेराइटी ?? तुमने बनाई है में मेरे लिए व्हाट ए सरप्राइज़? मिन्नि अपने बालो की एक लट को कान के पीछे करती हुई बोली ” नही सिधि ये तो परिवार के सब सदस्यों ने मिलकर बनाई है ।” सिद्धि तपाक से बोली ” तुम्हारा दिमाग तो सही है कितना समझाया था … Read more

अपमान – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

राधेश्याम जी हाथ को पीछे किए लोन में चक्कर काटे जा रहे थे और मन ही मन बड़बड़ाने का सिलसिला जारी था। तभी उनकी पत्नी  मृदुला जी पानी का गिलास लेकर पहुंचीं ” ये लीजिए कम से कम कुल्ला तो कर लीजिए।” हो सकता है ट्रेन लेट हो। राधेश्याम जी ने घड़ी देखी फिर बोले … Read more

भाभी आप इतना सब कुछ कैसे सह लेती हो? – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

जब से भाभी आई हे मम्मी का मुंह कुछ सूजा सूजा सा रहने लगा। जब भी अकेले में मिलेंगी यही कहेगी ” हीरे सा बेटा दिया हे,इतनी बड़ी पोस्ट पर हे और तुम्हारे ससुराल वालो ने क्या दिया तुम्हे?” अरे कम से कम सामने वाले को तो देख लेना चाहिए।” दीदी परेशान सा हो गया … Read more

मन का रिश्ता – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

आज मौसम बहुत सुहाना हो रहा था। मानसून की दस्तक प्रारम्भ हो गई थी। रात तो मेंढक की ट्रर र र र र की आवाजे आने लगी। सुबह होते ही हर्षित बोले सुहानी आज सन्डे है। चलो घूमने चलते है। सुहानी बोली ” हां हां आज तो मजा आ जाएगा । ऐसा करते है यहां … Read more

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