अब समझौता नहीं – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi
रात के खाने के बाद सब लोग अपने-अपने कमरों में जा चुके थे। घर की दीवारों पर पसरी खामोशी ने जैसे अंजलि के भीतर के तूफान को और उकसा दिया था। वह छत पर चली आई। सिर के ऊपर आकाश, बिखरी हुई चाँदनी,v और एक ऐसा अकेलापन… जो उसकी आत्मा की परछाई जैसा था। अंजलि … Read more