*मोह- दुआ-तप* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi
कुछ भी करने में असमर्थ,अपने सामने होने वाली संभावित अनहोनी के असहनीय दुःख के अहसास करने को विवश,धर्मेंद्र जी-बस आंखों में पानी लिये घर मे ही निर्मित मंदिर में आंखे बंद किये बैठे रहते।उनकी पत्नी सुधा उन्हें ढाढस बधाने आती और खुद भी वही मंदिर में बैठ सिसकी भरने लगती। अधिक समय थोड़े ही बीता … Read more