बात सस्कांरों की – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

 रीवा और शुभम पिछले दो साल से प्यार की पीगों पर झूल रहे थे, लेकिन मुकाम तक पहुंचन बाकी था। मुकाम यानि कि शादी, शुभम की तरफ से तो कोई अड़चन नहीं थी और रीवा भी अपने  परिवार की और से निशचिंत थी कि उसके मां बाप भी अपनी बेटी की पंसद पर कोई एतराज … Read more

उम्मीद का दीया – विनती झुनझुनवाला : Moral Stories in Hindi

मैं उस समय सोलह साल का रहा होऊंगा जब पहली बार उसे महावर लगाए,आंगन में खड़े देखा था राधा नाम था उसका,दुबली पतली सी काया लेकिन आंखों में उम्मीदों का सागर । मुझ से मुश्किल से दो साल बड़ी थी पहली  नजर में मुझे उससे हमदर्दी सी महसूस हुई लेकिन मैंने खुद को उससे दूर … Read more

वनफूल – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

ज्ञानचंद जी इंटर कॉलेज में अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। उनके पांच संताने थी ।जिसमें तीन पुत्र दो पुत्रियां। ज्ञानचंद जी अपने माता पिता के एकलौते संतान थे। उनके पिताजी का देहांत बचपन में ही हो गया था। जब वो 2 वर्ष के थे। उनकी माता गायत्री देवी ने बड़े संघर्ष से उन्हें पढ़ाया … Read more

 दूसरा मायका – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी।   सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड़ा परिवार था उसका। परिवार में इतनी बेटियाँ होने के कारण शीघ्र ही उनका विवाह कर दिया जाता था। लता भी … Read more

 मुंह मोड़ लेना – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

जाने क्या बात हुई कि  सुधा ने फोन का रिसिवर उठाते हुए कहा कि आज के बाद कभी इस नम्बर पर फोन मत करना सुरेश,आज से तुम्हारा और मेरा कोई संबंध नहीं , उधर से हैलो हैलो की आवाज आ ही रही थी कि सुधा ने फोन क्रेडिल पर पटक दिया और बिजली की तेजी … Read more

 मुँह मोड़ना – समिधा नवीन वर्मा : Moral Stories in Hindi

विश्वनाथ और सावित्री बहुत खुश थे ।वृद्वाश्रम खोलने पर न जाने कितने बुजुर्ग लोगों ने दुआएँ दी थी उन्हें।  विश्वनाथ की मृत्यु के बाद सावित्री ने वृद्वाश्रम का कार्यभार सँभाल लिया । “माँ,मुझे कम्पनी एक वर्ष के लिए विदेश भेज रही है ,आप वृद्वाश्रम में रहें, आपको अकेलापन नहीं लगेगा “, कहकर गए बेटे का … Read more

 आत्मा की पुकार – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

रिया एक मध्यमवर्गीय, पढ़ी-लिखी और आत्मनिर्भर स्त्री थी। वह एक निजी कंपनी में कार्यरत थी और अपने दो बच्चों की परवरिश पूरी ईमानदारी और ममता से कर रही थी। उसके दिन की शुरुआत घर के कामों से होती और ऑफिस की जिम्मेदारियों तक जाती, फिर भी वह कभी शिकायत नहीं करती। परंतु उसकी ज़िन्दगी की … Read more

 “आत्मा की पुकार” – मीरा सजवान ‘मानवी’ : Moral Stories in Hindi

संध्या की हल्की धूप आंगन में बिखरी थी। पुरानी हवेली के झरोखों से रोशनी छन-छनकर भीतर आ रही थी, जैसे समय खुद थम गया हो। उसी हवेली के एक कोने में बैठी थी शांत, गम्भीर और अपने ही ख्यालों में डूबी हुई सरोजनी… वो कभी इस हवेली की रानी थी, मन से भी और प्रेम … Read more

 समझदार जीवनसाथी – अलका शर्मा : Moral Stories in Hindi

ग्रामीण क्षेत्र में पली बढी, कृषक परिवार से संबंधित, रुपाक्षी जब स्नातक डिग्री प्राप्त करने के लिए अपनी मौसी के यहाँ शहर में गई तो मन में विचरते विचारों को भी जैसे पँख लगने लगे।हमेशा मर्यादाओं की सीमा में रहने वाली रुपाक्षी को शहर में पढने के लिए भेजने से पहले सभी नसीहतें दी गई। … Read more

 मुँह मोड़ना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

पति और बच्चों के जाने के बाद मधु घर समेटने में व्यस्त थी।उसी समय उसके फोन की घंटी बज उठी।उसने जल्दी से आकर हाथ में मोबाइल उठाया और हैलो  कहा।उधर से आई आवाज सुनकर उसके चेहरे पर आश्चर्यमिश्रित खुशी छा गई।फोन उसके छोटे भाई की पत्नी नीरजा का था। नीरजा ने कहा -“दीदी!आपके भतीजे की … Read more

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