अतीत को भूल वर्तमान अपनाये – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” दिशा क्या बात है उदास क्यो है इतनी ?”  रेणुका ने ऑफिस मे अपनी दोस्त और सहकर्मी से पूछा।

” बस यार ऐसे ही !” दिशा ने टालना चाहा।

” नही दिशा कोई बात तो है अभी तेरी शादी छह महीने हुए है बस पर ना चेहरे पर नई शादी की उमंग ना कोई चमक क्या बात है तेरी शादीशुदा जिंदगी ठीक तो गुजर रही है ना ?” रेणुका ने प्यार से पूछा तो दिशा की आंख मे आंसू छलक आये। 

” बस यार मैं उसे भूल नहीं पा रही अभी भी वो बहुत याद आता है जब जब मैं तुषार (दिशा का पति) केसाथ होती हूँ मुझे उसकी याद और ज्यादा आने लगती है । तुषार करीब आने की कोशिश करता है तो लगता है मैं उसके साथ बेवफाई कर रही हूँ । मैं खुश नही हूँ रेणुका तिल तिल मर रही हूँ !” दिशा भरी आँखों से बोली।

” दिशा देखो ये ऑफिस है खुद को कंट्रोल करो ऑफिस के बाद बाहर चलते है फिर बात करते है अभी सब भूल काम मे मन लगाओ ठीक है !” रेणुका ने अपने आस पास देखते हुए प्यार से दिशा को समझाया तो उसने सिर हिला मौन स्वीकृति दे दी।

इतने दिशा और रेणुका अपना ऑफिस का काम कर रही इतने मैं आपको दिशा के अतीत के बारे मे कुछ बता दूँ। रेणुका और दिशा कॉलेज के समय से दोस्त है दोनो एक दूसरे से हर बात शेयर करती है रेणुका जहाँ साधारण शख्सियत की लड़की है वहीं दिशा बहुत खूबसूरत है। उसकी खूबसूरती किसी का भी ध्यान आकर्षित कर लेती है।

घमंड टूट गया

कॉलेज मे उसकी और रोहन की अच्छी दोस्ती थी या यूँ कहें दोनो मे प्यार था। रेणुका को उनके प्यार के बारे मे भी पता था। दिशा रोहन को ले जितनी गंभीर थी शायद रोहन नही।  कॉलेज की पढ़ाई पूरी होते ही जहाँ रेणुका और दिशा नौकरी करने लगी वही अमीर पिता की संतान रोहन आगे की पढ़ाई करने विदेश चला गया।

उसके विदेश जाने से पहले कितना रोई थी दिशा पर रोहन ने उसे भरोसा दिलाया वो दिशा को रोज फोन करेगा और दो साल बाद वापिस आ उसी से शादी करेगा। विदेश जाने के बाद कुछ दिन रोहन के फोन रोज आते फिर हफ्ते से महीने होते होते बंद हो गये उसने अपना व्हाट्सप्प नंबर भी बदल लिया । इधर रेणुका की शादी हो गई

और दिशा पर शादी का दबाव पड़ने लगा । पर दिशा को उम्मीद थी रोहन दो साल बाद लौटेगा पर ऐसा ना हुआ । मजबूरी मे छह महीने पहले उसने शादी के लिए हां कह दी और वो तुषार की पत्नी बन गई। दोनो दोस्तों का मायका और ससुराल एक शहर मे था इसलिए दोनो पहले की

तरह एक ही ऑफिस मे नौकरी कर रही थी । रेणुका के चार महीने पहले बेटी हुई थी इसलिए उसने दिशा की शादी के समय से ऑफिस छोड़ दिया था और अब जोइन किया था।

” हां अब बोल क्या तुषार तुझे प्यार नही करता ?” ऑफिस के बाद एक कैफे भी ले जाकर रेणुका ने दिशा से पूछा।

” सच कहूं रेणुका वो मुझे बहुत प्यार करता है पर मैं ही रोहन को नही भुला पा रही !” दिशा नज़र नीची करके बोली।

” तो इसमे तू रोहन से नही तुषार से बेवफाई कर रही है !” रेणुका बोली।

” ये क्या कह रही है तू रेणुका तुझे तो पता है रोहन मेरा प्यार है !” दिशा तनिक उखड़े स्वर मे बोली।

” प्यार है नही था …और वो प्यार था पर तुषार अब पति है । रोहन तुझे छोड़ गया और तुषार ने तुझसे सात जन्म का रिश्ता बाँधा है । तुषार का पूरा हक है तुझपर क्योकि उसके नाम का सिंदूर और मंगलसूत्र है तेरे पास । रोहन का क्या है बस धोखा और यादें …।” रेणुका बोली।

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” पर रेणुका मैने रोहन से सच्चा प्यार किया था । और हो सकता है उसकी भी कोई मजबूरी हो  !” दिशा रोते हुए बोली।

” ठीक है तूने सच्चा प्यार किया था पर वो सच्चे रिश्ते मे तो नही बदला ना । तेरा सच्चा रिश्ता तुषार से जुड़ा है । तेरे रोहन ने तो मुड़कर भी नही देखा फिर भी तू उसे गलत ना मान उसकी याद मे जीकर खुद को और तुषार को तकलीफ दे रही है उसने तुझसे जबरदस्ती तो शादी की नही ना वो तेरा अतीत जानता है …तेरी बेरुखी से अगर वो खुद तुझसे दूर भागने लगा ना तो तेरे पास सिवा पछतावे के आँसू बहाने के सिवा कुछ नही रहेगा !” रेणुका ने समझाया।

” कह तो तू ठीक रही है पर रोहन की यादों का क्या करूँ जो मुझे तुषार के करीब नही जाने दे रही ! सच कहूं कभी कभी मुझे भी तुषार के लिए बुरा लगता है पर मैं खुद मजबूर हूँ !” दिशा बोली।

” मजबूर नही मजबूत बन और रोहन की यादों को अपने से चिपका कर रखने की जगह उसे दिल के किसी कोने मे दफ़न करके तुषार मे अपनी खुशी ढूंढने की कोशिश तो कर तू खुद धीरे धीरे रोहन को भूल जाएगी !” रेणुका बोली।

” हम्म क्या सच मे ऐसा होगा ?” दिशा आंसू पोंछती हुई बोली।

” तू कोशिश तो कर …बल्कि कल की छुट्टी ले और तुषार के लिए कोई सरप्राइज प्लान कर देखना तुझे और उसे दोनो को अच्छा लगेगा ! वैसे भी उस अतीत मे जीने का क्या फायदा जो ना तुम्हारा वर्तमान बन सकता है ना भविष्य । इससे अच्छा जो तुम्हारा वर्तमान है उसी के साथ अपना भविष्य भी मजबूत बनाओ ।” रेणुका ने समझाया।

” ठीक कहा तुमने मैं पूरी कोशिश करूंगी शुक्रिया मुझे इतनी अच्छी तरह से समझाने के लिए !” दिशा रेणुका का हाथ पकड़ बोली।

” दोस्ती मे नो सॉरी नो थैंक यू भूल गई क्या !” रेणुका हँसते हुए बोली तो दिशा भी मुस्कुरा कर रेणुका के गले लग गई। 

दिशा ने अगले दिन तुषार के लिए क्या सरप्राइज प्लान किया ये तो हमें नही पता भई दोनो का सीक्रेट जो है। पर हां हम इतना जरूर जानते है छह महीने बाद दिशा ने खुश होते हुए रेणुका को ये खुशखबरी दी कि वो मासी बनने वाली है। 

दोस्तों कुछ लोगों का एक अतीत होता है जो उनके वर्तमान पर भारी पड़ उनका भविष्य बिगाड़ सकता है। वक़्त रहते अतीत को भूल वर्तमान को अपनाने मे समझदारी है वरना भविष्य मे सिर्फ पछतावे के आँसू हाथ लगते है क्योकि हर किसी की जिंदगी मे रेणुका जैसी दोस्त नही होती । 

#पछतावे के आँसू

आपकी दोस्त

संगीता अग्रवाल

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