अब तो पड़ जाएगी ना तुम्हारे दिल पर ठंडक – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

राधा बहुत ही खुश थी….. उसके इकलौते बेटे विनय की शादी वैशाली के साथ तय हो गई थी।

उसने फोन पर अपने सभी रिश्तेदारों …… भाई बहनों को बताया और कह दिया….. सबको जरूर आना है । बहन ने पूछा लड़की कहाँ से है…… कितने भाई बहन हैं….. उसने कहा उनका घर हमारे घर के पास ही है ….. वह भी माता-पिता की इकलौती बेटी है ।

उसने कहा जिजी आप इकलौती कह रही हैं माँ का उसके जीवन में…. दखलंदाजी के चांसेस ज़्यादा हो सकते हैं ।

राधा ने बहन की बात को हँसते हुए टाल दिया….. राधा के बेटे विनय की शादी हो गई….. राधा नई बहू को देखकर खुश हो गई….. सुबह होते ही विनय और उसके पिता….. ऑफिस के लिए निकल जाते थे…… दिनभर वे दोनों अकेले ही रहते थे ।

राधा वैशाली से बातें करना चाहती थीं ……  लेकिन वह हमेशा फोन पर…… रहती थी । राधा देख रही थी…… उसकी माँ हर दो घंटे में वीडियो कॉल करती थी……दोनों के बीच क्या बातें होती थी वह नहीं जानती थी । माँ नहीं तो अपने दोस्तों से या फिर फ़ेसबुक पर रहती थी । ऐसा नहीं है कि वह पढ़ी लिखी नहीं है वह तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी है…. उसे नौकरी करना पसंद नहीं है …..,  इसलिए घर पर बैठी रहती है ।

राधा को शुरू में लगता था वह बच्ची है धीरे-धीरे सब सीख जाएगी लेकिन नहीं….. वह सिर्फ़ खाने के लिए कमरे से बाहर निकल कर आती थी ।

आईना –  हनी पमनानी

एक दिन राधा रसोई में खाना बना रही थी……बाहर आकाश में बादल छा गए थे बारिश होने की संभावना नजर आ रही थी….. उसने वैशाली से कहा बेटा छत से कपड़े उतार ला बारिश होने वाली है……

जी मम्मी जी आ रही हूँ कहकर फोन में डूबी हुई थी । यह उसका यही सिलसिला था कभी भी राधा काम बताती है…… जी मम्मी जी कहती है……. काम नहीं करती है । आज भी वही हुआ….. उधर छत पर सारे कपड़े गीले हो गए थे ।

राधा छत से कपड़े नीचे लाते हुए कहती है …… यह क्या किया है ……. वैशाली सारे कपड़े भीग गए हैं…… मेरे कहने पर भी कपड़े उतार कर नहीं लाई…… बस इतनी सी बात पर वैशाली रोते हुए अपने कमरे में चली गई …… विनय जब शाम को घर आया तो वह राधा की शिकायत करने लगी….. विनय ने उसे सांत्वना देते हुए कहा…. मैं माँ से बात कर लूँगा ।

वह कहने लगी मेरे पिता के घर मैं रानी के समान पलकर बड़ी हुई हूँ …..यहाँ मुझे आपकी माँ ने नौकरानी बना दिया है । विनय ने माँ से पूछा ….. माँ वैशाली रो क्यों रही है ….. माँ ने कहा कुछ नहीं गीले कपड़ों को सुखाते हुए सिर्फ़ मेरी तरफ एक नज़र देखा बस ….. मैं समझ गया क्या बात हुई होगी…..

“एक रिश्ता भरोसे का” – सरोज माहेश्वरी

दूसरे दिन ऑफिस की छुट्टी थी ……  इसलिए बाप बेटा दोनों घर पर ही थे ……… विनय की नजर माँ और पत्नी पर थी…. वह देख रहा था कि माँ पूरा दिन काम करते हुए…… खट रही थी और उधर……वैशाली फोन छोड़ ही नहीं रही थी…. उसकी माँ ने कम से कम पाँच बार वीडियो कॉल कर लिया था …… सुबह से शाम हो गई , दूसरे दिन रविवार था…. विनय ने सुबह चाय पीते समय राधा से कहा माँ हम लोग …… वैशाली के घर जा रहे हैं ।

वैशाली यह सुनकर खुश हो गई ….. चलो अच्छा है, अचानक माँ के घर जाकर उन्हें सरप्राइज़ दे देंगे ….. वे भी खुश हो जाएँगे ।

वैशाली बिना थोड़ा सा वक़्त गँवाए…. जल्दी से तैयार हो गई । विनय उसे लेकर ससुराल पहुँच गया । वहाँ उन्हें देखकर सब हैरान हो गए पर खुश भी हुए …. दामाद, बिटिया घर आए….!

विनय ने घर में कदम … रखा ही था कि उसका फोन बजने लगा….. उसने ससुर जी से कहा एक मिनट…. फोन पर कहा हाँ माँ हम पहुँच गए हैं सब लोग ठीक हैं…. मैं आपसे थोड़ी देर बाद बात करूँगा । चाय पीते समय, खाना खाते समय, बातचीत के दौरान माँ का फोन आता रहा …… विनय उनसे बातें करता रहा ।

अंत में ससुर जी ने कहा बेटा विनोद जब से आप यहाँ आए हैं……. अपनी माँ से ही दिनभर बात कर रहे हो….. हमारे बीच कोई बातें हुई ही नहीं…. आपके जाने का समय आ गया है ।

विनय ने कहा- “ पापा आप तो एक दिन में ही फेडप हो गए हैं …. हमारे यहाँ तो रोज़ …..  ऐसा ही माहौल होता है ……. हमें कैसी तकलीफ़ होती होगी सोचिए आप !

उन्हें समझते देर नहीं लगी…… वे किसके लिए कह रहे हैं! वे सीधे वहाँ पहुँचे जहाँ उनकी पत्नी थी….. और कहा “ अब तो पड़ जाएगी न तुम्हारे कलेजे पर ठंडक “ तुमने दामाद जी के सामने हमारी इज़्ज़त निकाल दिया है ……

त्याग का रिश्ता… – विनोद सिन्हा “सुदामा”

. तुम समझ नहीं पाई हो, दामाद जी तुम्हें ही ताना मार रहे हैं…… बिना कुछ कहे या करे उन्होंने हमारे मुँह पर तमाचा मार दिया है…… मैंने तुम्हें कितनी बार समझाया है …….  बिटिया ससुराल में है……  उसे बार- बार फोन मत करो, परंतु तुमने मेरी एक ना सुनी थी । उन दोनों ने वैशाली को समझाया…. आगे से घर के काम में सास की मदद करने के लिए सीख दिया …… साथ ही यह भी बताया, जाते ही……  उनके पैरों पर गिर कर माफी माँग लेना !!

वैशाली को लेकर विनय घर पहुँच गया….. वैशाली सासु के पैरों पर गिरी…. उनसे माफी माँग ली…… इधर विनय कार लॉक करके आते हुए अपने दोस्त पंकज को धन्यवाद कहता है ……  क्योंकि वह ही विनय की माँ बनकर ससुराल में उसे फोन कर रहा था ।

यह बात यहीं दबकर रह गई….. उधर वैशाली की दोस्ती राधा से हो गई और घर में शांति का माहौल हो गया ।

के कामेश्वरी

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