नई  दिशा – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

रीना के बेटे ने आज ऐसे खुशखबरी दी थी कि रीना के पैर  धरती पर नहीं पड़ रहे थे । मारे खुशी के आज तो नींद भी नहीं आ रही थी ।  रीना के गले में उसका बेटा रोहित बाहें डालकर कहा था मुझे आपको कुछ बताना है माँ और यह कहते हुए उसका गोरा चेहरा शर्म से गुलाबी हो आया था ।

    अच्छा तो तुझे मेरी बहू मिल गई लगता है रीना ने कहा ।

   मां अगर आप उसे स्वीकार करेगी तब ।

   रोहित बेटा तुम तो जानते हो तुम्हारी खुशी से बढ़कर मेरे लिए और कुछ भी नहीं है । बताओ तो कौन है वह जिसने मेरे बेटे के दिल में जगह बना ली है । बेटे के हाथों को प्यार से अपने हाथों में लेते हुए रीना ने कहा ।

    मा,  रेखा नाम है उसका मेरे साथ ही कॉलेज में पढ़ाई की है हम लगभग सात साल से एक दूसरे को जानते हैं और पसंद करते हैं ।

    अच्छा तो कब मिलवा रहे हो मेरी बहू से?

    माँ, कल बुला लूँ नाश्ते पर ।

  हाँ जरूर अब जाओ सो जाओ । 

रीना सुबह उठकर बहू का स्वागत करने के लिए 

अच्छी-अच्छी व्यंजन बना डाली और रसोई से पकवानों की खुशबू आने लगी । रोहित ने उठने के साथ ही रसोई की तरफ झाँककर कहा – माँ इतनी खुशबू रसोई से आ रही है । क्या बना रही हैं? 

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  । रोहित मेरी बहू  घर पहली बार आ रही है तो क्यों ना बनाऊं । बताओ रसोई का काम निपटाकर अच्छे से तैयार हुई रीना बहुत समय बाद आईने में अपने आप को देखने लगी ।

    माँ आज आप तो बहुत सुंदर लग रही हैं अच्छा तो आप बहू के लिए तैयार हुई हैं ।

   हाँ,  घंटी बजी है लगता है रेखा आ गई है और जैसे ही दरवाजा खोला तो रेखा सुंदर सी गुलाबी साड़ी में बहुत ही सुंदर लग रही थी । आओ अंदर उसने रेखा का हाथ पकड़ कर अंदर की ओर  इशारा किया । जैसे ही रेखा पर रीना की नजर पड़ी वह तो हतप्रभ रह गई । वही हालत रेखा के भी थे । दोनों ने कभी सोचा न था कि इस तरह मुलाकात होगी । उसे चक्कर सा आ गया और रोहित ने पड़कर सोफे पर रीना को बिठाया ।

      क्या हो गया माँ आपको अचानक ?

      कुछ नहीं बेटा मैं ठीक हूँ  ।

     ठीक है माँ!  आप आराम कीजिए मैं चाय बना कर लाता हूँ । 

      इस समय देखा और रीना को एकांत मिला और रेखा बोलने लगी आंटी सॉरी मुझे पता नहीं था कि रोहित आपका बेटा है और आंखों से आँसू बरसने लगी थी ।

     सुनो रेखा ! मेरे पास आओ तुम्हें देखकर अतीत की सारी बातें स्मरण हो आई हैं जब तुम मुझे घायल अवस्था में सड़क पर मिली थी । कुछ दरिंदे ने तुम्हारे साथ गलत किया था मैं आनन-फानन में तुम्हें अस्पताल लेकर गई और तुम्हारा इलाज कराया । तुम चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी अब मुझे नहीं जीना । बाद में तुम ठीक हो गई और मुझसे संपर्क में भी रही ।मैंने तब कहा कि तुम अब बड़ी हो रही हो अब पढ़ाई में ध्यान दो और उस घटना को भूल जाओ ।

    आंटी मैं रोहित से शादी नहीं कर सकती ।

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     देखो रेखा ! जो हुआ उसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं थी तुम इतनी प्यारी बच्ची हो मेरे बेटे की खुशियाँ तुम्हारे साथ में है । बस एक वादा तुमसे चाहिए तुम पुरानी बातों को भूल जाओ । रोहित से भी बताने की जरूरत नहीं है ।

    पर आंटी,  रोहित से छुपाना क्या ठीक होगा ।

आंटी आप बहुत महान है भावुक होकर रीना के गले लग गई गई । रीना ने रेखा से कहा कि देखो बेटा हमारा बुरा वक्त हमारे जीवन को नई दिशा दे जाता है । इसे नहीं भूलना चाहिए । कल ही अपनी मम्मी पापा को शादी की बात करने के लिए भेज देना । रेखा और रोहित दोनों मुस्कुराते हुए बाहर निकल गए ।

अनिता मंदिलवार “सपना”

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