Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि नारायण जी के खेत बिकने से बच गए हैँ….. उमेश बहुत समझदार लड़का हैँ.. उसने अपने पिता जी को समझाया .. भाई साहब ने भुवेश जी को… शादी की तैय़ारी जोरो शोरों से शुरू हो गयी हैँ दोनों तरफ…. उमेश और शुभ्रा आपस में बातचीत कर रहे हैँ… तभी उमेश शुभ्रा से कहता हैँ कि क्या मैं विडियो कॉल कर सकता हूँ तुम्हे …. तुम्हे देखने का मन हैँ…. परमिशन दोगी उमेश को य़ा नहीं… बोलो शुभ्रा….
अब आगे…
बोलो शुभ्रा…. करूँ कॉल??
जी… अभी नहीं…. मुझे शर्म आती हैँ…. शादी के बाद ही कीजियेगा…. अभी नहीं प्लीज ….
क्यूँ शुभ्रा?? मुझे इतना भी हक नहीं??
जी… वो बात नहीं है … पर मुझसे बात नहीं हो पायेगी आपसे विडियो कॉल पर … दिल की धड़कने आपकी विडियो कॉल की बात से ही इतनी तेज हो गयी हैँ… कहीं हार्ट फेल ना हो जायें मेरा… शुभ्रा दिल पर हाथ रखते हुए बोली…
तो फिर रहने ही दो… पता चले तुम्हे हार्ट अटैक आ गया तो शादी भी नहीं हो पायें… तुम तो सच में बाबा आदम के ज़माने की हो…आजकल की लड़कियां लड़कों को घुमा देती हैँ…एक मेरी शुभ्रा हैँ….उमेश हंसता हुआ बोला…
क्या बोला आपने… बाबा आदम के ज़माने की… तो कर लीजिये ना किसी मोडर्न लड़की से शादी… मैं आपके लायक नहीं हूँ….शुभ्रा रोने लगी….
यार तुम तो फिर रोने लगी… अगर तुम मेरे लायक नहीं होती तो क्या मैं तुमसे आज शादी करता… सुनो ध्यान से… अब दुबारा मत कहना…. मैने ही तुम्हे पसंद किया हैँ… तब घरवालों ने… समझी…. तुम्हारी सादगी से ही प्यार हुआ हैँ मुझे…. हर बात पर रोने लग ज़ाती हो… अगर मैं शहीद हो गया य़ा तुम्हे घर पर छोड़ कर जाऊंगा तो तुम रो रोकर तबियत ही खराब कर लोगी अपनी …. उमेश गुस्से में बोला…
शुभ्रा और जोर से रोने लगी… अभी तो शादी हुई भी नहीं … और आप शहीद होने की बात करने लगे… मुझे नहीं करनी आपसे बात …. हमेशा रूलाते हैँ.. गुस्सा होते हैँ….
सोरी शुभ्रा… अब कुछ बोलूँगा ही नहीं तुमसे… अच्छा चुप हो जाओ… तुम्हारी आँखों में आंसू नहीं देख सकता…. प्लीज यार…मैं तो बस इसलिये कहता हूँ तुम एक फौजी की वाइफ बनने जा रही हो.. तुम्हे स्ट्रोंग होना चाहिए….
ठीक हैँ जी… नहीं रोऊंगी अब… बिल्कुल. .. आप को भी परेशान कर देती हूँ….. .
गुड गर्ल…ये हुई ना बात ….
अच्छा जी… मैं फ़ोन रखती हूँ…. घर में बहुत काम हैँ…
. पेंट चल रहा हैँ…. अपना ख्याल रखियेगा….
ठीक हैँ शुभ्रा….
जी आई लव यू… बाय…
आई लव यू टू मेरी मासूम शुभ्रा….
उमेश फ़ोन काटता ही हैँ तभी उसकी माँ वीना जी का फ़ोन आता है …
राधे राधे माँ…. प्रणाम …
राधे राधे मेरे लाल… कैसा हैँ मेरा पूत ??
अच्छा हूँ माँ… आपकी तबियत ठीक हैँ अब??
मुझे क्या हुआ था…. अब तो मेरे बेटे की शादी हैँ… अपने आप शरीर में जोश आ गया हैँ.. इतनी तैय़ारियां करनी हैँ… थोड़े से दिन बचे है …. अच्छा ये बता मेरी बहू कैसी हैँ?? बात तो करता हैँ ना तू उससे य़ा नहीं??
जी माँ… उमेश शर्माता हुआ बोला… अच्छी हैँ वो भी ….. पेंट हो रहा हैँ उनके घर पर … अच्छा ये बताओ माँ… दीदी और जीजा जी कब आ रहे हैँ… आपसे अकेले सब नहीं हो पायेगा… दी रहेंगी तो सब काम जल्दी जल्दी कर लेंगी…
तेरी दी को तुझसे ज्यादा चिंता हैँ और ख़ुशी भी हैँ… बस कल परसों में समीर ले आयेगा तेरी दी और भांजी को….
जीजा जी नहीं आ रहे अभी ??
दामाद जी के भी अपने काम हैँ… फिर भी कह रहे कि उमेश जब आ जायेगा तभी आ जाऊंगा…..
अच्छा… और पापा… ताऊ ताई , समीर सब कैसे हैँ??
सब लोग अच्छे हैँ… सब तैयारियों में लगे हुए हैँ… तेरे पापा और ताऊ जी कार्ड बांटने गांव गए हैँ… समीर बाकी काम देख रहा हैँ… तेरे और बहू के कमरे को नयी डिजाइन के हिसाब से पता नहीं क्या करवा रहा हैँ… सब कुछ नया लगवा रहा हैँ… कई दिनों से उसी में लगा हैँ… बड़ा खुश हैँ तेरा छोटे…
अच्छा माँ… कमरा तो ठीक था… छोटे भी ना फालतू के काम करता हैँ…. मैं बात करूँगा उससे…
कुछ मत कहना उससे बेटा… कितना खुश हैँ. …..तू कुछ कह देगा तो मन बुझ जायेगा उसका…
ठीक हैँ माँ… नहीं कहूंगा कुछ…
सुन मैं बहू को बुला ले रही धनतेरस पर सुनार की दुकान पर …. जो भी सोने का सामान लेना हैँ वो खुद पसंद कर लेगी… तेरी दी भी आ जायेगी तब तक….
ठीक हैँ माँ… जैसा आपको ठीक लगे… ज्यादा काम के चक्कर में बिमार ना पड़ जाना आप… मुझे तो आपकी ही टेंशन हैँ…
पहली बार तू दिवाली पर नहीं आ पायेगा… घर सुना सुना लगेगा… एक दिन के लिए आ जाता तो….
माँ आने को तो आ जाऊँ पर फिर चार दिन बाद आना हैँ… दो दिन आने जाने में ही चले ज़ायेंगे… आप कहो तो आ जाऊँ ??
फिर रहने दे… परेशान हो जायेगा…. पर पूजा ज़रूर कर लेना वहां दिवाली पर …
ठीक हैँ माँ… अच्छा माँ… फ़ोन रखता हूँ…. यूनिट जा रहा हूँ… अपना ख्याल रखना आप…. राधे राधे…
ठीक हैँ बेटा… राधे राधे….
उमेश यूनिट आया हुआ हैँ… राहुल फौजी गाड़ी रिपेयर कर रहा हैँ…
आज तो बड़ी लम्बी बातचीत हुई तेरी…. भाई की शादी में अभी बाकी हैँ हफते दो….. अभी ही सारी बातें कर लेगा तो शादी के बाद क्या सिर्फ झगड़ा ही करोगे…. वैसे ये बता बात कहां तक पहुँची …. किस्सी विस्सी देता हैँ य़ा नहीं… ऐसे ही फ़ोन वाली… राहुल उमेश की टांग खींच रहा हैँ…
चुप कर तू … वो लड़की ही अजीब हैँ यार…… कोई बात ही नहीं करती…. बस रोने लगती हैँ थोड़ा भी तेज आवाज में बोल दो तो…. .
तो क्या तू अभी से भाभी से गुस्सा दिखाने लगा हैँ…. अपनी फौजगिरी नौकरी तक ही रख… भाभी पर नहीं….. मुझसे सीख कुछ कैसे बात करते हैँ अपनी होने वाली से….
रहने दे रहने दे… मुझे बात करना आता है … तू रहने दे…. बड़ा आय़ा मुझे सिखाने वाला…. सुन यार आज़ बाहर चले शाम को… डोसा खाने का मन हैँ उस साउथ वाले अंकल का… उमेश राहुल से बोला… ..
मेरे मुंह में पानी आ गया यार… कितने दिन हो गए… अंकल की दुकान भी ना चल रही होगी हमारे बिना… ठीक हैँ काम निपटा ले अब….
इधर शुभ्रा के घर ताई बाहर कूड़ा फेंकने आयी हैँ.. तभी बाइक पर दो आदमी हेलमेट लगाये आयें…. उन्होने जोर से पत्थर के साथ एक लिफाफा फेंका वो ताई को लगने ही वाला था बस….
वो आदमी लिफाफा फेंककर तेज स्पीड में नौ दो ग्यारह हो गए…
ताई ने लिफाफा उठाया…. जोर से चिल्लायी… बाऊ जी…. सुन रये ए जी… ए रे विक्की. .. देख जे का हैँ…
सभी ताई की तेज आवाज सुन गेट पर आयें….
का हैँ गयो सुमित्रा… काये कूँ सबरे घर कूँ सर पर उठाये हैँ… दादा नारायण जी हांफते हुए बोले…
बात ही कछु ऐसी हैँ बाऊ जी… जे पढ़ियों … अभी द्वे आदमी इसे फेंक गए हैँ….
ला मोये दिखा… दादा नारायण जी लिफाफे के अंदर रखा कागज निकालकर पढ़ते हैँ… पढ़कर अपना माथा पकड़ लेते हैँ…
जे का है गयो…
मैं पहले ही कह रही बाऊ जी जे छोरे वारे कछु छुपाये रये … जे छोरा उमेश….
मामला बहुत गंभीर हो चुका हैँ…
आगे की कहानी कल… सबसे अनुरोध हैँ अगर कहानी पढ़ रहे हैँ तो एक लाइक तो ज़रूर करें …. कल तक के लिए जय श्री खाटू श्याम….
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा