शिल्पा! अम्मा ने खाना खाया?
शिल्पा! अम्मा ने दवा ली,सो गई क्या वो?
राहुल की रात दिन ये सब बातें सुनकर शिल्पा के कान पकने लगे थे, वो तो सास को संग लाकर रखना भी
नहीं चाहती थी अपने घर लेकिन राहुल ने जब पिछले हफ्ते अपने बड़े भाई भाभी से कहा कि अम्मा को अब
हमारे साथ भेज दीजिए और वो मान भी गए तो शिल्पा को न चाहते हुए भी उन्हें साथ लाना पड़ा था। सोचा
था उसने जल्दी ही किसी न किसी बहाने टरका दूंगी उन्हें।
लेकिन राहुल उनका हर समय ध्यान रखता, मां का भी राहुल पर विशेष स्नेह था वो तो काम के सिलसिले में वो
विदेश गया था इसलिए वो बड़े बेटे के पास रह रही थीं।
शिल्पा को रोज हिदायत देता राहुल..देखो!अम्मा की खातिरदारी में कोई कमी मत रखना,बड़े संघर्ष उठाकर
पाला है उन्होंने हम दोनों भाइयों को..अब मैं उन्हें जिंदगी की हर खुशी देना चाहता हूं।
शिल्पा किलस उठती दिल में लेकिन ऊपर से हां में हां मिलाती रहती।राहुल काम में व्यस्त रहता,रात में घर
लौटता तो मां अक्सर सो जाती थीं, सुबह पूजा पाठ में लगी होती तो बात कम बात हो पाती।शिल्पा अपनी
बड़ाई के पुल खुद ही बांधती रहती हरदम और वो यदाकदा मां की मुस्कराहट देख संतुष्ट हो जाता।
एक दिन शिल्पा ने जिद की कि वो लोग मां की सालगिरह मनाएंगे ,उन्हें सरप्राइज़ देंगे। नियत समय पर सब
मेहमान आए,भाई भाभी भी आए और मां के लिए एक सूती,सुंदर साड़ी लिए उपहार में।
शिल्पा ने अहंकार से चूर होकर कहा अपनी भाभी से…क्या जरूरत थी भाभी पैसा व्यर्थ खर्चने की,अम्मा को
तो मैंने बहुत सारी नई साड़ियां खरीद दी हैं,दरअसल नौकरों चाकरों के आगे आप साधारण कपड़ों में घूमेंगे
तो वो इज्जत भी नहीं करते।
शिल्पा के जेठ जेठानी अवाक रह गए…ये क्या कह गई शिल्पा आज?तभी राहुल आया और शिल्पा लहक के
भैया भाभी से डिनर के लिए रिक्वेस्ट करने लगी।
घर लौटते भाभी दिशा ने अपने पति नकुल को कहा…शिल्पा हमारी इंसल्ट क्यों कर रही थी?क्या उसे गुस्सा
था कि मां को रखना पड़ रहा है उसे?अगर ऐसा है तो चलिए लौटा लाते हैं मां को अपने ही घर।
नहीं..नहीं..तुमने देखा नहीं वो मां को कितने अच्छे से रख रहे हैं,यहां मैं कौन से आराम दे पाऊंगा उन्हें?
दिशा चुप हो गई।
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समय तेजी से भाग रहा था,एक दिन ऑफिस से लौटकर नकुल ने दिशा को बताया कि उसे छंटनी के दौरान
नौकरी से निकाल दिया गया है,अब वो क्या करेंगे?अभी तो दिशा के घुटनों का ऑपरेशन भी कराना था,वो
ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।
फिक्र क्यों करते हो? दिशा बोली,शुक्र है कि राहुल की अच्छी नौकरी है,जरूरत पड़ेगी तो उससे कुछ रूपये
उधार ले लेते हैं, जब तुम्हारी नौकरी हो जाएगी,लौटा देंगे।
उस दिन दिशा,सफाई करते स्टूल से नीचे गिर गई और उसकी हड्डी में फ्रैक्चर हो गया।कंगाली में आटा
गीला..अब इसके ऑपरेशन के पैसे कहां से आएंगे?सोचते हुए नकुल को पसीने छूट गए।आखिर एक ही
खेवनहारा दिखा ऐसे में…राहुल।
जा पहुंचा अधिकार से उसके घर,वहां दिशा अकेली मिली घर में।
कहिए भाईसाहब!कैसे आना हुआ?
राहुल से कुछ जरूरी काम था…फिर आऊंगा। अगर वो नहीं है तो चलता हूं।
शिल्पा ने जिद कर उससे काम पूछा और नकुल ने झिझकते हुए उससे कुछ रुपयों की सहायता मांग रख दी।
ओह!आजकल तो राहुल खुद बहुत आर्थिक परेशानी में चल रहे हैं,फिर अम्मा का खर्च बहुत बढ़ गया है,गिजा
वाला खाना,महंगी दवाइयां,स्टैंडर्ड ड्रेसिंग सबकी कीमत लगती है भाईसाहब!
नकुल शर्मिंदा होकर घर लौट आया,वो समझ गया था कि दिशा बहुत बदल गई है।
दिशा आए दिन,अम्मा को तंग करने लगी थी।कभी खाने पर ताना मारती..फ्रूट्स कितने महंगे हो रहे हैं
आजकल और दवाइयां…पूछो मत आग लगी हुई है मार्केट में।
अम्मा घर की शांति भंग न हो,सोच कर खून का घूंट पीकर चुप रहतीं।
उनकी चुप्पी को उनकी कमजोरी समझ शिल्पा के अत्याचार मां पर बढ़ने लगे।अब तो खाना भी एक वक्त
बनता उनका,शाम को वही गर्म करके मिलता,अक्सर बर्तन तक मंजवाती उनसे वो और मां अपने बेटे के मोह
में सब सहती गई।
भूले भटके राहुल से सामना होता तो मां दुलार करके पूछती..बड़ा कमजोर हो रहा है तू बेटा!काम कम किया
कर।
एक दिन शिल्पा को उसकी पड़ोसन ने कहा…क्या शिल्पा!घर के नौकर छुट्टी पर हैं क्या तुम्हारी सास क्यों
गार्डन में झाड़ू लगा रही थीं?
शौक और आदत है उन्हें ये सब करने का…गुस्से में बोली शिल्पा उससे और इसके जाते ही अपनी सास को
लताड़ दिया…
बड़ा शौक है मोहल्ले पड़ोस में मुझे बदनाम करने का? सबको बता दिया कि हम तुम्हें खाने को नहीं देते..काम
करवाते हैं…
मां ने बहुत कहा कि मैंने किसी से कुछ नहीं कहा पर शिल्पा रात के वक्त ही ये मुद्दा राहुल के सामने ले
गई।पहले तो उसने सुना ही नहीं लेकिन जब ज्ञात हुआ,बात मां की है वो तिलमिला गया।
झट मां के पास आकर बोला…क्यों पीछे लगी रहती हैं आप शिल्पा के,बेचारी इतना करती है आपके लिए
और आप उसे बदनाम कर रही हैं,ज्यादा परेशानी है तो भैया के यहां चली जाएं और यहां का माहौल खराब न
करें।
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मां हक्की बक्की रह गई…ये मेरी औलाद है, बहू ने तो इसका बिल्कुल ब्रेन वाश कर दिया है,लगता है.. पर
अपनी औलाद के लिए वो बूढ़ी आत्मा सब सह गई और सारे इल्ज़ाम चुपचाप अपने सिर ले लिए।
अगले ही दिन, भैया भाभी अचानक से उनसे मिलने आ गए,गेट पर ही राहुल मिल गया जो तभी ऑफिस से
लौटा था।
आइए भैया,भाभी..कैसे हैं आप?
बस बढ़िया…बहुत दिनों से मां से नहीं मिले थे फिर खुशखबरी भी थी,एक तो मेरी नौकरी बहाल हो गई और
तुम्हारी भाभी भी अब खतरे से बाहर है,बस यही शुभ समाचार मां को देने चले आए हम।
क्या कह रहे हैं?राहुल भौंचक्का सा बोला।मुझे कुछ पता ही नहीं।
क्या शिल्पा ने नहीं बताया तुम्हें? नकुल आश्चर्य से बोला।
चलें,अंदर चले,वहीं बात करेंगे।
अंदर उन सबके आने से अंजान शिल्पा ,
अपनी सास की क्लास लगाए बैठी थी..
कितनी भूख लगती है आपको…?अभी दो परांठे चाय पी थी, अब फिर चाहिए? पेट है या कुआं?जाइए अब
अपने फटेहाल बेटे बहु के घर, सारे होश ठिकाने लग जाएंगे आपके…
बेटी!दवा खानी थी बस इसलिए मांगा कुछ…दो बज रहे हैं…
तभी राहुल कमरे में पहुंचा और चीखने लगा।
शिल्पा अचानक उन सबको आया देखकर बौखला गई..अरे!आप इतनी जल्दी,कैसे?
तब तक राहुल ने खेंच के एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर रसीद कर दिया था।
बदमाश औरत! तेरी इतनी हिम्मत कि तू मुझे मेरे मां,भाई भाभी के खिलाफ भड़का रही थी।
सॉरी! सॉरी!शिल्पा गिड़गिड़ाई,मुझे माफ कर दें। मैं भटक गई थी।
लेकिन मां आपने मुझे सच क्यों नहीं बताया…मैं आपको घर से निकालने चला था,उफ्फ!!वो खुद को पीटने
लगा।
उसकी भाभी दिशा आगे बढ़कर बोली,वो मां हैं,अपनी औलाद के घर संसार को बचाए रखने के लिए कुछ
भी करेंगी,इसलिए नहीं बोली वो।
कितनी बड़ी गलती हो जाती मुझसे आज.
..राहुल रोता हुआ बोला,तभी शिल्पा से बोला वो…तुम अभी तक यहीं हो?निकल जाओ मेरी जिंदगी से अभी
इसी वक्त…
राहुल की मां उनके बीच आती बोली…ये तो मेरी परवरिश नहीं है राहुल…माफी मांग तो रही है वो,आगे से नहीं
करेगी..समझ गई है वो अपनी गलती।छोटी छोटी बातों पर घर नहीं तोड़ा करते।
देखा तुमने मेरी मां को? राहुल ने गुस्से से शिल्पा से कहा जो नतमस्तक थी अपनी सास के कदमों में और
पछतावे के आंसूओ से उन्हें धो रही थी।
समाप्त
डॉक्टर संगीता अग्रवाल
# औलाद के मोह के कारण वो सह गई