भैया ए भैया रुको ना मुझे भी बाइक पर बिठा लो पिंकी ने सागर को देखते ही कहा जो अपनी नई नई बाइक निकालकर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा था।
जा जा बड़ी आई बाइक में बैठने वाली मुंह देखा है अपना।मेरी बाइक का मुंह देख कैसा चमचमा रहा है चल चल हाथ मत लगा गंदी हो जाएगी मेरी बाइक सागर ने स्टाइल से गॉगल्स लगाते हुए छोटी बहन को झिड़कते हुए बाइक स्टार्ट कर ली।
अच्छा मैं इत्ती गंदी हूं तुम्हारी बाइक गंदी हो जाएगी!! चिढ़ते हुए पिंकी चिल्ला उठी जाओ जाओ मैं भी अभी पापा के पास जाकर तुम्हारा सारा कच्चा चिठ्ठा बता दूंगी एक तुक्का फेंका पिंकी ने।
सुनते ही एक झटके में सागर की बाइक रुक गई।
पापा के पास..!!तो जा ..वैसे मेरा क्या #कच्चा चिठ्ठा है तेरे पास मै नहीं डरता समझी ..सागर ने मन के डर को छिपाते हुए रौब से कहा।
पूरा हिसाब है मेरे पास पर वो तो पापा को ही बताऊंगी ना । कि पिछले संडे कोचिंग जाने का बहाना करके तुम दोस्तों के साथ फिल्म देखने गए थे.. और रोज एक्स्ट्रा क्लास का बहाना करके किसको बाइक में बिठा कर घुमाने ले जाते हो…!!तुम जाओ … जाओ ना रुक क्यों गए घर के अंदर की तरफ कदम बढ़ाती पिंकी ने अपने पहले तुक्के को निशाने पर लगते देख दूसरा तुक्का फेंका।
अबकी बार तुक्का निशाने पर अचूक लगा।
सागर के तो होश ही उड़ गए।पिंकी को इन सब बातों की हवा कैसे लग गई ये मेरी छोटी बहन है या सीआईडी की जासूस और कोई काम नहीं रहता इसके पास भैया की मुखबिरी के अतिरिक्त मन ही मन कुड़कुडाता सागर बाइक से उतर कर पिंकी की ओर दौड़ पड़ा।
अरे सुन तो रुक तो मेरी प्यारी गुड़िया सी बहन ।चल मेरी बाइक तेरा ही इंतजार कर रही है आ जा तुझे बाइक पर घुमाऊंगा भी और कुल्फी भी खिलाऊंगा सागर ने मिश्री घोलती आवाज में कहते हुए तेजी से बढ़कर पिंकी का हाथ पकड़ लिया।
…. और गोलगप्पे भी … कुल्फी का नाम सुनते ही पिंकी उछल पड़ी सुनहरे अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया उसने।
हां हां जो भी तू बोलेगी सब खिलाऊंगा बस ये कच्चा चिठ्ठा की थैली बंद रखना पापा को भनक भी लग गई तो अभी बाइक उठाकर कबाड़ी को बेच देंगे… सागर ने हाथ जोड़ मिनमिनाते हुए कहा।
नहीं मेरे प्यारे भाई अगर तुम रोज मुझे कुल्फी खिलाते रहोगे तो ये थैली बंद ही रहेगी । भला कोई बहन अपने भइया का बुरा चाहेगी क्या!! कुल्फी खाते खाते पिंकी अपने तुक्के के सही निशाने पर गर्व करती शरारत से मुस्कुराने लगी थी और सागर अपने कच्चा चिठ्ठा को छिपाने के लिए छोटी बहन की कुल्फी खिलाने जैसी छोटी सी शर्त को मानने को प्रतिबद्ध हो उठा था।
लघुकथा#
कच्चा चिठ्ठा #मुहावरा आधारित लघुकथा
लतिका श्रीवास्तव