गोश्त और रोटी – रचना कंडवाल

उसने दाम चुकाया था, एक लाख रुपए। वो लड़की केवल सत्रह साल की थी। सुंदर, दुबली पतली, चेहरे पर उदासी उसकी खुद की बेटी से एक साल छोटी। उसके पास पैसा था और कुछ था तो रूखी बीवी की बेरुखी। इसने औरत के प्रति उसके मन में बेहद नफरत भर दी थी। उसका बदला उसने … Read more

वो “अपनी” सी – तृप्ति शर्मा

लिफ्ट की तरफ जाते हुए ,उससे लगभग टकराने से बची थी मैं, बचाने के लिए अपना हाथ दिया उसने, परिचित सा वो अहसास ,,जिसे सालों से जीने के लिए बहुत जतन किए थे मैंने। वही चेहरा,वैसी ही बड़ी बड़ी आंखें, जिंदगी जीने की चाहत लिए । आप ठीक तो है उसकी आवाज सुनी तो दबे … Read more

मां की ममता – सुषमा यादव

#### मायका, बेटी का टूरिस्ट प्लेस ### ,,भाग, एक,, ,,,,,, शादी होने के साढ़े तीन साल बाद  मैं  पेरिस से अपने मायके म, प्र, के एक शहर आ रही थी,, चूंकि मेरी छोटी बहन दिल्ली में रहती है , इसलिए मैं उसके साथ एयरपोर्ट से सीधे उसके फ्लैट में आ गई,, मुझे अपनी मां के … Read more

अवस्था – विनय कुमार मिश्रा

माँ जी ने दो दिनों से अनाज नहीं खाया, लिक्विड पर कब तक रहेंगी?” “क्यों?..उनकी पसंद का कुछ..” “सबकुछ पूछा..जिद्द भी किया..पर बच्चे की तरह कर रहीं हैं” मैं कुछ दिनों के लिए ऑफिस टूर पर था, हालांकि जाना ज्यादा जरूरी नहीं था। आते ही नीलिमा ने बताया तो मैं चिंतित हो उठा। बच्चे अपने … Read more

तलाश – राम मोहन गुप्त

(मायका_बेटियों का टूरिस्ट प्लेस) – राम मोहन गुप्त … _ … _ … _ … _ … _ … _ … ‘सुनिये, परसों मैं मम्मी से मिलने चली जाऊँ’ अनन्या ने नयन से, लगभग बताने वाले अंदाज में पूछा। ‘हाँ, क्यों नहीं, मैं भी साथ चलता हूँ, काफी वक्त हो गया सभी से मिले हुये … Read more

देने का सुख – अंजू अग्रवाल ‘लखनवी’

लंबे लॉकडाउन के बाद जब कॉलेज खुला तो अंतिमा अपनी साड़ी का ड्राअर खोलकर कंफ्यूज हो गई! इतने दिनों से साड़ी पहनने का कोई काम नहीं पड़ा था तो सब गड़बड़ हो गया! थोड़ा वजन बढ़ने से पुराने ब्लाउज के फिट आने की संभावना कम थी! वैसे भी सुबह जल्दी जल्दी उठकर भागम-भाग करने की … Read more

सीनियर सिटीज़न –  सीमा नेहरू दुबे 

यहाँ सबसे पहले एक बात कही जायेगी कि मन की कोई उम्र नही होती, कम्बखत वो बुड्डा ही नही होता, उसकी उमंगे और तरंगे तो यू ही रहती है पर ये तन है जो सारी उम्र हर खुशी, गम और मुसीबतो को अपने उपर लेता है और बैचारा बुढापे की तरफ चल देता है, खैर … Read more

बड़ी भाभी – मीना माहेश्वरी 

मायका   भैया की शादी में भाभी को विदाई में रोते देख मैं भी बहुत रोई थी ।  मेरे रोने पर सब हंस पड़े थे कि भाभी का स्वागत रो _रो कर करेंगी क्या ? क्यों भाभी पसंद नही आई क्या ?  उस दिन मुझे ये नही पता था कि एक दिन यही भाभी  हमारे लिए … Read more

तोता मैंना का प्यार — डा. मधु आंधीवाल

चढ़ती उमरिया के तो सपने ही रंग से रंगे होते हैं जिन पर किसी की सलाह का कोईअसर नहीं होता । बस सब हीर रांझा हो जाते हैं । यही हाल था अनन्या और प्रतुल का । हुआ ये कि अनन्या  की बढ़ी बहन मीता की शादी  निमेष से हो रही थी । शादी की … Read more

भाभी माँ – अनामिका मिश्रा

गौरव मोज़े पहनते हुए कहने लगा, बहुत दिनों से सुधा की कोई खबर नहीं आई,..मैं फोन लगाता हूं, तो रिसीव नहीं करती है….पता नहीं क्या बात है,…..मैं सोचता हूं इस बार राखी में हम दोनों ही चलते हैं उसके घर!” रेनू ने कहा, पर कैसे जाएं मुझे ऑफिस से छुट्टी नहीं मिल रही, तुम ही … Read more

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