Thursday, June 8, 2023
Homeसंगीता त्रिपाठीसहारा -  संगीता त्रिपाठी

सहारा –  संगीता त्रिपाठी

 “मम्मा.. टीचर ने भेदभाव पर निबंध लिखने को कहा है, आप थोड़ा मदद करोगी “कक्षा पांच में पढ़ने वाला मेहुल ने अपनी माँ मीना से पूछा..।

    “हाँ क्यों नहीं, तुम लिखना शुरु करो, मै तुम्हे मदद कर दूंगी “मीना ने बेटे को दिलासा दिया।

      “मम्मा, पहले भेदभाव तो स्पष्ट करो ..”मेहुल ने कहा।

     “भेदभाव करना मतलब दो लोगों में अंतर करना…”मीना बता रही थी, तभी मेहुल बोल उठा,”जैसे नूपुर की मम्मी नलिन को ज्यादा प्यार करती है और नूपुर को कम…”

     “तू बुद्धू है कोई माँ अपने बच्चों में भेदभाव क्यों करेंगी “मीना ने हँसते हुये कहा।

      “नहीं माँ, नूपुर के मम्मी -पापा उसके और नलिन के बीच अंतर करते है, वो नलिन के लिये अच्छे कपड़े लाते है, नूपुर और उसकी बहनों के लिये नहीं लाते, नलिन हम लोगों के साथ कान्वेंट में पढता है जबकि नूपुर और उसकी दो बहने हिंदी मीडियम में ….”मेहुल बोला,

    मीना मेहुल का तर्क सुन चुप हो गई, उसे भी अपनी पड़ोसन सुगंधा और सुदर्शन जी का अपने बच्चों में अंतर करना अच्छा नहीं लगता पर कुछ कर नहीं सकती…., बेटे की चाह में तीसरी बार जब सुगंधा गर्भवती हुई तो भगवान ने उसकी इच्छा पूरी तो की पर साथ में एक बेटी और दें…। बड़ी दोनों लड़कियाँ बड़ी हो गई थी जुड़वा बच्चे नूपुर और नलिन थे, नलिन की देखभाल ज्यादा होती, नूपुर तो एक किनारे पड़ी रहती थी,नलिन को सुदर्शन जी ऑफिस से आ घुमाने ले जाते जबकि नूपुर वही किनारे पड़ी टुकुर -टुकुर देखती रहती …।




    दोनों पढ़े -लिखें थे पर बेटे की चाह ने उनकी बुद्धि पर पर्दा डाल दिया था, सही -गलत का भेद वे भूल गये…।

        कहा जाता है,लड़कियाँ हर परिस्थितियों में जी जाती है, वही नूपुर के साथ हो रहा था, उपेक्षित रह कर भी नूपुर जी गई थी, वरना पैदा होने के समय बहुत कमजोर थी,

      नूपुर और नलिन मेहुल से दो साल छोटे थे, मेहुल अक्सर उनके घर खेलने जाता था, वहाँ जो देखता वो उसके बालमन पर प्रभाव डालता .। मीना का मन अशांत हो गया, कैसे उनको समझाये… सामने अन्याय देख कर भी वो कुछ बोल ना पाती,..।

      कुछ समय बाद सुदर्शन जी का तबादला हो गये, वे दूसरे शहर चले गये…, मीना ने चैन की सांस ली, वो नहीं चाहती थी मेहुल के बालमन पर भेदभाव का बुरा प्रभाव पड़े…।

         समय बीता, मेहुल आगे की पढ़ाई करने अमेरिका चला गया .. और मिन्नी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिये दिल्ली चली गई…, मीना अब खाली हो गई..। सामने के बंद मकान को देख सोचती “काश इसमें कोई रहने आ जाता तो उसे भी साथ मिल जाता “..।

एक दिन सामने वाला बंद पड़े मकान में हलचल दिखाई दी, पता चला, मालिक शिफ्ट करने वाला है, रंग -रोगन के कुछ समय बाद एक सुबह सामने ट्रक खड़ा देख मीना पानी और चाय ले पड़ोसी से मिलने गई, खुशी मिश्रित स्वर में “आप…”ही बोल पाई।

     . बरसों पहले रहने वाले सुगंधा और सुदर्शन सामने खड़े थे। वे लोग भी मीना को देख कर खुश हो गये ..,

      बातचीत में उन्होंने बताया, उनकी तीनो बेटियाँ पढ़ाई में बहुत अच्छी निकली जबकि नलिन लाड़ -प्यार में बिगड़ गया,पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं निकला, विदेश से आगे की पढ़ाई की उसकी जिद को पूरा करने के लिये उन्होंने ये मकान भी किसी के पास गिरवी रखा था,

     बड़ी बेटी लेक्चरर बन, अपनी दोनों छोटी बहनों को प्रोत्साहित करती थी जिससे बीच वाली बैंक में और नूपुर अपने टैलेंट के बल पर नामी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर, मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर है …।




      .”लोग फालतू में कहते है, बुढ़ापे में बेटा ही सहारा बनता है, यहाँ तो मेरी बेटियों ही मेरे बुढ़ापे का सहारा हैं…, ये घर नूपुर ने ही लोन ले कर ख़रीदा है, और मुझे गिफ्ट किया…. मुझे बहुत ग्लानि होती है, मैंने पुत्र मोह में अंधा होकर अपनी बेटियों के संग भेदभाव किया…, आज मेरी बेटियाँ हर कदम पर साथ देती, जबकि नलिन विदेश जा पलट कर हमें नहीं देखा, वहीं एक अमेरिकन लड़की से शादी कर वहीं बस गया…।”बोलते सुदर्शन जी की ऑंखें भर आई .।

     “क्या पापा आप फिर शुरू हो गये “कहते नूपुर ने पिता के आँसू पोंछ कर हौले से हाथों पर हाथ रख दिया, ये वही हाथ थे, जो कभी नूपुर को गोद में नहीं लिये…। लेकिन उपेक्षित हाथों ने अपने कर्तव्य और प्यार में कोई कमी ना रखी…।

          दुनियां कितनी आगे बढ़ गई, लड़कियाँ चाँद तक पहुँच गई, लेकिन कुछ जगह आज भी लड़की -लड़के में भेदभाव किया जाता,…. क्या ये उचित है,समानता का युग तभी आयेगा, जब सब जगह भेदभाव खत्म हो जायेगा…।

                                    —– संगीता त्रिपाठी

                                  #स्वरचित और मौलिक

     #भेदभाव

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

error: Content is Copyright protected !!