रिक्त स्थान (भाग 12) – गरिमा जैन

तो सुनिए आज की ब्रेकिंग न्यूज़ !जानी-मानी उभरती हुई मॉडल रेखा जिन्होंने अभी हाल में ही एक कंपनी में अपना नाम रोशन किया ,जिनकी हार्डिंग आप शहर में जगह-जगह लगी देख सकते हैं ,जो जितेंद्र वशिष्ट की कंपनी में ब्रांड एंबेसडर है क्या उन्होंने ही जितेंद्र वशिष्ठ को किडनैप किया है ?क्या है सच्चाई जानेंगे हम जितेंद्र वशिष्ट के घर में काम करने वाली उनकी एक आया से!

” तो बताइए निर्मला जी आपने उस समय क्या देखा?

” सर, सर मैं काम करने रोज सुबह 7:00 बजे आ जाती हूं। मैं छोटे जानू बाबा की देखभाल पिछले 2 सालों से कर रही हूं। मैं सुबह 7:00 बजे आती हूं और रात के 8:00 बजे तक काम करती हूं। अगर जितेंद्र सर कहते हैं तो मैं रात को भी रुकती हूं लेकिन उस दिन सर ने मुझे रुकने के लिए नहीं कहा ।मेरे जाने के बाद शायद जानू बाबा की तबीयत बिगड़ गई थी।  सर उसे दिखाने के लिए अस्पताल गए ,उन्होंने मुझे फोन भी किया था लेकिन मैं अपने परिवार के साथ घूमने निकल गई थी इसीलिए मैं उनका फोन नहीं देख पाई ।

“तो आपने क्या देखा बताइए निर्मला जी, जब आप उस दिन सुबह 7:00 बजे जितेंद्र के घर पर पहुंची तो क्या आपने रेखा जी को उनके घर से निकलते हुए देखा?

” जी मैंने देखा रेखा मैम भागते हुए बाहर की तरफ निकल रही है और ….”

“और क्या निर्मला जी खुलकर बताइए हमारे दर्शक जानना चाहते हैं, क्या हुआ था रेखा जी को ?”

“मैं नहीं जानती साहब, लेकिन रेखा जी रो रही थी और रोते हुए तेज कदमों से बाहर निकल रही थी.”

” अभी आपने सुना निर्मला जो जितेंद्र वशिष्ट के घर में काम करती हैं ,उनके बेटे की आया है। उन्होंने टॉप मॉडल रेखा जी को रोते हुए जितेंद्र के घर से बाहर निकलते देखा और शायद वो रात में भी वही रुकी थी। तो क्या जितेंद्र और रेखा वशिष्ट लिव इन रिलेशनशिप में है ?क्या है सच्चाई? जितेंद्र रेखा  के साथ उस दिन कहां गए ?जिसके बाद वह गायब हो गए? किसी को भी नजर नहीं आए ।बहुत जल्दी रेखा जी से पुलिस पूछताछ करेगी ।सबसे पहले यह खबर आप लोगों को हमारे चैनल पर मिलेगी क्योंकि हमारा चैनल है नंबर वन चैनल ।देखते रहिए।”

यह खबर देखते ही रेखा के पिता ने टीवी बंद कर दिया। वह गुस्से से आगबबूला हो रहे थे ।देख रही हो कैसी कैसी बातें हो रही है ।मैंने हमेशा से यह चाहा कि मेरी बेटी पढ़ लिख कर नाम रोशन करें लेकिन ना जाने किस घड़ी में जितेंद्र का साया हमारे घर पर पड़ गया ।गलती हमारी ही है पहली बार जब वह हमारे घर आया था तभी हमें कड़े शब्दों में उसे मना कर देना चाहिए था ।हम भी छोटे बच्चे की चाह में आ गए। शायद रेखा भी इसी कारण फस गई है। रेखा झूठ नहीं बोलती मुझे पता है ।मैं नाहक ही उस दिन उस पर इतना गुस्सा हो गया ,वह तो छोटे बच्चे जानू को देखने उसके घर गई थी लेकिन अब देख रही हो लोग किस तरह की बातें बना रहे हैं? कह रहे हैं कि रेखा और जितेंद्र …छी छी कितनी गंदी बात

तभी रेखा और रूपा कोचिंग से लौट कर घर आते हैं ।रेखा की मां कहती है” बेटा तुम्हें किसी ने तंग तो नहीं किया ?

“नहीं मां पर क्यों पूछ रही हो”

” बेटा तुम दो-तीन दिन इधर कोचिंग मत जाओ “

“पर क्यों “रेखा के पापा बोले “जब मम्मी मना कर रही हैं तो कुछ सोच समझकर मना कर रही होंगी ,दो-तीन दिन घर पर रहो ,माहौल देखकर  हम लोग भेजेंगे “

“पर पापा ऐसा क्या हुआ है ?”

“ऐसा क्या हुआ है ,जैसे तुम जानती नहीं हो !ठीक है तुम छोटे जानू के लिए उस दिन घर चली गई लेकिन जितेंद्र के घर जाकर तुमने बहुत बड़ी गलती की ।तुम्हें रूपा ,मम्मी या मुझे साथ ले जाना चाहिए था ।टीवी पर देख रही हो क्या खबरें आ रही हैं ?मुझे तो बोलने में भी शर्म लग रही है”

रेखा के कान गरम होने लगे, वह समझ गई खबर बहुत ही खराब रही होगी। वह अपने कमरे में चली गई ,उसके पीछे पीछे रूपा भी आ गई । आंटी ठीक कह रही है एक-दो दिन घर में रह लो देखो कैसा माहौल है फिर हम साथ में चलेंगे और तुम्हारी पढ़ाई छूटेगी तो तुम मुझसे नोट ले लेना।

“पर  मेरी गलती क्या है रूपा , मैंने क्या गुनाह किया है?जितेंद्र कहां चले गए हैं कुछ नहीं पता है,उन्हें गायब हुए 2 दिन से ऊपर हो चुके हैं ।पुलिस उनको ढूंढ रही है या नही क्या पता?पुलिस ने क्या स्वाति से पूछताछ की?

“स्वाति ,स्वाति  कहां से आ गई ?

” क्यों स्वाति भी तो जितेंद्र को अगवा करवा सकती है !

“पर रेखा उसे क्या मिल जाएगा?”

” पता नहीं पर मेरा दिल कह रहा है की कुछ तो गड़बड़ है । सुना है वह ड्रग्स की आदि है, शराब भी पीती है ,उसे पैसे की भी जरूरत होगी !हो सकता है वह जितेंद्र को अगवा करके उसके मां-बाप से अच्छी खासी रकम वसूल ले ।सुना है उसकी ड्रेस लेने की आदत की वजह से उसे तलाक के बाद ज्यादा पैसे भी नहीं मिलेंगे और शायद जानू की कस्टडी भी मिले ना मिले !गुस्सा तो बहुत होगी वह,”

” रेखा  बात तो तू सही कह रही है, क्या हमें नहीं चाहिए हम पुलिस को बताए”

“अरे रूपा तेरे जीजाजी भी तो पुलिस में है ,क्या वो हमारी मदद कर सकेंगे?”

“मैं ठीक से कह नहीं सकती वह हमारी कितनी मदद कर पाएंगे। शुरुआत कुछ हमें करनी ही पड़ेगी। रेखा तू एक काम कर तू जितेंद्र की मां को फोन कर शायद हमें वहां से कोई सुराग मिल सके कोई क्लू मिल सके !या फिर शायद उन्हें पता हो कि जितेंद्र कहां है ?कहीं  परेशान होकर कहीं चला तो नहीं गया जैसे पहले जाया करता था !वह चिट्ठी जो उन्होंने तुम्हें लिखी थी उसमें उनका फोन नंबर था । वह चिट्ठी ला में फोन मिलाती हूं ।देखते हैं आखिर माजरा क्या है ?अब हमें ही इसमें कुछ आगे करना होगा….

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रिक्त स्थान (भाग 11) – गरिमा जैन

गरिमा जैन 

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