मेरी दोनों बहुएं आपस में बहन जैसी रहती हैं ! : सुदर्शन सचदेवा : Moral Stories in Hindi

क्या कहा – सुमित्रा बहन ! तेरी दोनों बहुएं बहनों जैसी रहती है  , अच्छा ?  लेकिन आजकल तो ईष्या होती है ं इसने इतनी सुंदर ड्रेस पहनी है , या फिर इतनी सुंदर लग रही है | ज्यादातर तो ऐसे ही होता है  | 

हमारे परिवार की खासियत यही है कि सब एक दूसरे के दिल से जुड़े हुए है | लेकिन जो रिश्ता सबसे ज्यादा हमारे घर में प्यार से रहते हैं वो है मेरी प्यारी बहु अंशिका और वंशिका का | दोनों अलग अलग परिवारों से आई हैं , फिर भी वो सगी बहनों से भी बढ़कर हैं |

अंशिका बड़ी बहु है जो ४ साल पहले बड़े बेटे अंश से शादी करके हमारे घर पर आई थी | वो संस्कारी,  समझदार और शांत स्वभाव की है | घर के हर काम में परफेक्ट और सभी का ध्यान रखने वाली | उसकी मुस्कान में सादगी  और बातों में मिठास | जब वो पहली बार आई तो सारा घर खिल उठा | सब अंशी भाभी भाभी की माला रटते क्योकि वो सबका ध्यान रखती थी |

दो साल के बाद छोटा बेटे वंश की शादी वंशिका से हुई  , ये कितने इतफा़क की बात है कि नाम भी मिलते जूलते हैं | वंशिका थोड़ी  चंचल और हंसमुख है | पढ़ी लिखी और तेज सोच वाली | | शादी के बाद सारा वातावरण रोशनी की तरह फैल गया | अंशिका और वंशिका काम खत्म होने के बाद मम्मी को साथ लेकर कभी पार्क जाती और कभी गोलगप्पे खाने | 

फैसला – नंदिनी

धीरे धीरे रिश्ता गहरा होता गया |एक दूसरे की मनपंसद की चीजे बनाते | दोनों की आपसी समझदारी पूरे घर को शांति और आनन्द से भर देती |

एक बार अंशिका बीमार पड़ गई  और शरीर भी टूट रहा था | वंशिका ने समय समय पर दवाइयां,  खाना, और घर का सारा काम किया | तीन दिन के बाद वो ठीक हो गई | उस दिन उसे एहसास हुआ कि वंशिका मेरी देवरानी नहीं मेरी छोटी बहन है |

जब कोई भी त्योहार आते तो घर का माहौल उत्सव से कम नहीं होता था |समय के साथ साथ दोनों के लड़के हुए  | दोनों ने एक दूसरे की काफी मदद की | 

एक दिन अचानक वंशिका को मायके से बुलावा आया कि दो तीन दिन के लिए  यहां आ जा | अंशिका ने कहा – मोहित को मेरे पास छोड जा – दीदी ये तो सिर्फ २ साल का है , आरव और मोहित को कैसे अकेले संभालोगे , मुझ पर भरोसा है ना |  दीदी आप पर नहीं करुंगी तो किस पर करुंगी |

दोनो बच्चों को साथ बिठाकर खिलाती और सुलाती , आरव अंशिका को मम्मी कहता तो मोहित भी मम्मी कहने लगा |तीन दिन के बाद जब वंशिका आई तो हैरान हो गई,  वो मेरे पास तो आया नहीं | दीदी आपने क्या जादू कर दिया  |

मम्मी ने कहा -मुझे गर्व है कि ये दोनों मेरी बहुएं नहीं बेटियां हैं और ये दोनों देवरानी जेठानी नहीं दोनों बहनें हैं | 

यह रिश्त  सिर्फ खून का नहीं, प्यार और विश्वास का है | 

सुदर्शन सचदेवा

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