आंख खुली तो देखा घड़ी में सात बजे है, रश्मि घबराकर उठी,आज तो उठने में देर हो गयी …बाहर आयीं तो सासूमां का बोलना चालू हो गया …!!
उठ गयी महारानी …!! आज चाय कब मिलेगी ..?? शादी को दस साल हो गये,आज तक समय पर काम करना नहीं आया …!!
जल्दी से चाय बनाकर सास ससुर को दी…और नाश्ते में आलू के परांठे बनाने की तैयारी करने लगी…तब तक पति राकेश और देवर राजेश भी उठकर आ गये…. उन्हें चाय देकर बेटी को उठाया और उसको स्कूल के लिए तैयार करने लगी….!! छोटू अभी सो रहा था …!!
सुबह से देवर और पति को आफिस भेज ,चकरघिन्नी सी घूमती रश्मि को ठीक से चाय नाश्ता करने का समय भी नहीं मिलता…!!
कुछ दिन पहले ही देवर की शादी हुई है … शादी के काम और घर को पुनः व्यवस्थित करने में रश्मि बहुत थक जातीं …. अभी देवरानी भी पगफेरे के लिए मायके गयी हुई है ….!!
रश्मि घर के सारे काम करतीं, लेकिन मजाल कि सासूमां खुश हो जाये…. उसके हर काम में मीन-मेख निकालना उनका जन्मसिद्ध अधिकार था .. फिर चाहे बात खाने की हो, या साफ सफाई की…काम में मदद करने का तो सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि उनका मानना है , जब बहूं है तो मैं क्यों कुछ काम करूं??
दोनों बच्चों को संभालना भी सासूमां के बस की बात नहीं है…!!
रश्मि का पूरा दिन बच्चों और घर के कामो में बीत जाता …रात होते होते वह निढाल हो जाती …!!
राकेश सब कुछ देखता सुनता , रश्मि को प्यार भी बहुत करता परन्तु मां के खिलाफ कुछ कहने की हिम्मत उसमें नहीं थी ….एक दो बार जब उसने रश्मि को बाहर ले जाने का पूछा,तब भी मां ने मना कर दिया, ..अरे ये बाहर जायेगी, तो घर के काम कौन करेगा ..?? धीरे-धीरे दोनों ने परिस्थिति से समझोता कर लिया…!!
देवर राजेश ने कई बार कहा मां भाभी दिन भर काम करतीं हैं, थोड़ी आप मदद कर दिया करें.,….,पति भी समझाते , इतना कमियां निकालना, दिन भर बहूं पर चिल्लाना अच्छा नहीं है …. रश्मि बहुत सहनशील है , जो तुम्हारे इतना गुस्सा करने पर भी चुपचाप रहती है …. परन्तु सासूमां अपने तरीके से सबकी बोलती बंद कर देती….!!
रश्मि की देवरानी दीपा ससुराल आ गयी … धीरे-धीरे सासूमां दीपा को भी खरी-खोटी सुनाने लगी…देर से उठने पर उसे आलसी का खिताब मिल चुका था …एक दिन सासूमां सुबह से दीपा पर गुस्सा हो गयी …… तुझे कोई काम ढंग से करना आता भी है, या ..तेरी मां ने ऐसे ही भेज दिया, …हमारे ऊपर बोझ बनाकर …..काम एक कौड़ी का नहीं आता और खाती है धड़ी भर का (ढेर सारा)….!!
दीपा की आंखों से आंसू गिरने लगे… आवाज सुनकर रश्मि आ गयी …उसने दीपा को अपने से चिपका लिया … दोनों भाई और ससुर कमरों से बाहर आ गये…
सबको साथ देख सासूमां दीपा की कमियां गिनाने लगी ..!!
राजेश के सब्र का बांध टूट गया,….बोला- मां, सच कहूं तो “आपको बहू नहीं, चलता फिरता रोबोट चाहिए,” .. …!!जो बिना थके,… सिर्फ आपकी सुनती रहें .. मां ये दोनों कोई मशीन नहीं है, ….इंसान हैं, इनके भी जज़्बात है,…ये भी थकतीं है , ..बीमार होती है ..!!
तभी राकेश बोला:-सही कहा राजेश, ..बहुत हुआ अब… जब से रश्मि इस घर में आयी है, मां को खुश रखने का हरसंभव प्रयास करतीं हैं, लेकिन मां के मन में बहुओं के प्रति कोई दया भावना नहीं है ….बस कमियां निकालना आता है ….!!
अब हम चारों अपने दोनों बच्चों को लेकर कहीं और चले जायेंगे … पिताजी अगर चाहे तो हमारे साथ आ सकते हैं …!!
अचानक लिए फैसले से सासूमां घबरा गयी … उन्हें अपना तख्तोताज डगमगाता दिखा…. बोली -मेरी आंखें खुल गयी, मुझे माफ़ कर दो …!!
दोनों बहुओं के पास जाकर गिड़गिड़ाने लगी , मुझसे बहुत ग़लती हुईं,…मैं अकेले नहीं रहना चाहती … तुम लोग कहीं मत जाओ …!!
रश्मि बोली -मां, आप माफी मत मांगिये, आशीर्वाद दीजिए …..!!
हम आपको छोड़कर कहीं नहीं जायेंगे … !!
तभी ससुर जी बोले -लेकिन तुमने यदि बहुओं को टोंचना नहीं छोड़ा तो मैं भी इनके साथ चला जाऊंगा …सब मुस्कुराने लगे…. सासूमां को अपनी ग़लती समझ आ गयी थी …!!
ममता चित्रांशी
#आपको बहू नहीं चलता फिरता रोबोट चाहिए”